लेथ क्या है?
लेथ (Lathe) एक ऐसी मशीन है, जिसकी स्पिण्डल अक्ष पर किसी जॉब को घुमाया जाता है, तो कटिंग टूल रेखीय गति करते हुए इस अक्ष के समान्तर, लम्बरूप या किसी अन्य कोण पर चलते हैं तथा टूल जॉब पर कटिंग प्रक्रिया करते हैं। इस प्रकार होने वाली कटिंग प्रक्रिया को टर्निंग (turning) कहते हैं। इसके द्वारा हम प्लेन (plain), बेलनाकार (cylindrical), तथा शंक्वाकार (conical) सतहों का निर्माण कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त हम लेथ मशीन पर ड्रिलिंग (drilling), रीमिंग (reaming), चूड़ी कर्तन (threading), बोरिंग आदि प्रक्रियाएँ भी की जाती हैं। आजकल हम कुछ विशेष अटैचमेण्ट्स का प्रयोग करके लेथ मशीन पर मिलिंग (milling), ग्राइण्डिंग (grinding), शेपिंग (shaping) तथा सुपर फिनिशिंग (super finishing) प्रक्रियाएँ जैसे- होनिंग (honing) आदि कर सकते हैं। Lathe मशीन का प्रयोग छोटी-से-छोटी व बड़ी-से-बड़ी वस्तुओं को बनाने के लिए किया जाता है।
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लेथ मशीन पर कार्य करते समय सुरक्षा सावधानियाँ
- जॉब को चक (Chuck) में कसकर बाँधें।
- जॉब को चक में बाँधने के बाद चक ‘की’ (Chuck ‘key’) को निकालना न भूलें।
- चलती मशीन पर गियर (gear) नहीं बदलना चाहिए।
- टूल को, टूल पोस्ट (tool post) में उचित ऊँचाई (height) पर बाँधें।
- टूल पोस्ट में टूल को बाँधते समय टूल के नीचे पैकिंग पूरी लम्बाई में दें, नहीं तो टूल (tool) कसते समय टूट सकता है।
- Lathe चक को उतारने से पहले बैड के ऊपर लकड़ी (wood) का गुटका रख लेना चाहिए।
- टूल, टूल पोस्ट से अधिक बाहर नहीं निकला होना चाहिए और बहुत छोटे टूल (small tool) का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- चलती मशीन को हाथ (hand) से रोकने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
- जॉब को घूमते समय (moving time) मापने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
- चलती हूई मशीन पर स्पैनर या पाइप रिंच (pipe wrench) द्वारा जॉब पर नट को चढ़ाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
- लम्बे व पतले जॉब पर ज्यादा हैवी कट (heavy cut) नहीं लगाने चाहिए, क्योंकि जॉब टेड़ा होकर सेन्टर (centre) से बाहर निकल सकता है।
- ऑटोमैटिक कट लगाकर मशीन से दूर नहीं जाना चाहिए, क्योंकि टूल, मशीन चक (machine Chuck) से टकरा सकता है।
- जॉब (job) को फाइल करने के लिए मजबूत हत्थे वाली फाइल (रेती) का प्रयोग करें।
- चूड़ी काटने से पहले अण्डरकट (undercut) लगा लेना चाहिए तथा टूल को तेजी से पीछे हटाएँ।
- कास्ट आयरन (cast iron) के अतिरिक्त अन्य धातुओं के लिए शीतलक का प्रयोग करें।
- जॉब की धातु व कटिंग टूल की अवस्था के अनुसार कटिंग स्पीड (cutting speed) सीमित रखें।
- मोटर द्वारा Lathe चलाने से पहले घुमाकर चैक कर लें।
लेथ मशीन के संरचनात्मक लक्षण
- कार्यखण्ड (जॉब) को घूर्णन गति (round motion) उपलब्ध कराना।
- कटिंग टूल को पकड़कर जॉब की घूर्णन दिशा में फीड (Feed) उपलब्ध कराना।
- विभिन्न प्रकार की संक्रियाओं (process) को करने के लिए ऐसेसरीज तथा अटैचमेण्ट की व्यवस्था करना।
लेथ मशीन कितने प्रकार की होती है
यह संरचना तथा डिजाइन के आधार पर निम्न प्रकार की होती हैं-
- स्पीड लेथ
- सेन्टर लेथ
- उत्पादन लेथ
- विशेष प्रयोजन लेथ
लेथ मशीन के पार्ट्स
- Lathe बैड
- हैड स्टॉक
- टेल स्टॉक
- कैरिएज
- टूल पोस्ट
- मुख्य स्पिण्डल
- लैग्स
- ट्रे
लेथ मशीन का आविष्कार किसने किया
हेनरी मॉस्ले (Henry Mouslay)
लेथ मशीन रेट
135000/piece
लेथ मशीन कीमत
135000/piece
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Badiya sar ji
Leth machine ka practic test dal do sar ji
लेथ मशीन का प्रयोग कऱने की जान कारी दियाजाये