लेथ मशीन पर ऑपरेशन करते समय रैस्ट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह अधिक लंबे जॉबों की टर्निंग करने में मदद करता है। यदि अधिक लंबे जॉबों पर कोई भी ऑपरेशन किया जाता है, तब जॉब अपनी अधिक लंबाई के कारण हल्का-सा टेढ़ा हो जाता है। इसको सेंटर में रूके रहने के लिए रैस्ट का उपयोग किया जाता है।
रैस्ट क्या है? | Rest kya hai?
जब लेथ मशीन पर लम्बी शाफ्टों की टर्निंग ( Turning ) की जाती है, तब अपने भार व कटिंग टूल ( Cutting Tool ) द्वारा पड़ने वाले बल के कारण टेढ़ी हो जाती हैं। शाफ्ट के टेढ़ा होने से पूरी लंबाई में एक समान व्यास नहीं मिल पाता है। इसलिए इस समस्या से बचने के लिए रैस्ट का उपयोग किया जाता है।
लेथ मशीन पर ऑपरेशन करते समय किसी भी जॉब की लंबाई उनके व्यास से 10 गुना अधिक होने पर रैस्ट का अवश्य उपयोग करना चाहिए। इसमें एडजस्टेबल जबड़े होते हैं, जो कि कटिंग बल व जॉब के भार के विरुद्ध सहारा देते हैं।
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रैस्ट के प्रकार | Rest ke Prakar
यह निम्न प्रकार के होते हैं-
- स्टैडी रैस्ट- इस प्रकार के रैस्ट लेथ मशीन ( Lathe Machine ) के बैड पर एक ही स्थान पर स्थिर रहकर जॉब को बेस प्रदान करते हैं। इन रैस्ट का नीचे का आधार कास्ट आयरन ( Cast Iron ) का बना होता है। इसके आधार/बेस पर नीचे की ओर लेथ बेड के अनुरूप की मार्ग बने होते हैं। इन्हीं मार्ग के सहारे से इसे आधार पर सरकाकर कहीं पर भी फिट किया जा सकता है। इसके तीनों जबड़ों को जॉब के अनुसार स्क्रुओं ( Screws ) की सहायता से एडजस्ट किया जाता है। इसका उपयोग करके टेल स्टॉक ( Tail Stock ) वाले सिरे पर फेसिंग ( Facing ) या ड्रिलिंग ( Drilling ) क्रिया भी की जा सकती है।
- फॉलोअर रैस्ट- इस प्रकार के रैस्ट्स को लेथ मशीन की कैरेज के सैडल भाग पर लगाया जाता है। लेथ पर जब कैरेज को मूव कराया जाता है, तब यह भी उसके साथ मूव करता है। जॉब पर अनुदैर्ध्य फीड के समय टूल ( Tool ) को इस प्रकार सैट किया जाता है कि जबड़े हमेशा टूल के सामने व ऊपर रहें। इस तरह से कटिंग प्रक्रिया ( Cutting Process ) के समय जॉब को लगातार सपोर्ट मिलता है। इसमें भी तीन एडजस्टेबल जबड़े होते हैं, इनका उपयोग फिनिश्ड टर्निंग के लिए किया जाता है।
- फिक्स्ड स्टैडी रैस्ट- इस प्रकार के रैस्ट को लेथ मशीन के बैड पर कहीं भी स्थित किया जा सकता है। इसमें तीन एडजस्टेबल जॉ होते हैं। जिनको अलग-अलग स्क्रुओं से कंट्रोल किया जाता है। इसका उपयोग करते समय कैरेज को जॉब की पूरी लंबाई तक फीड ( Feed ) नहीं किया जा सकता है।
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रैस्ट की सुरक्षा सावधानियां | Rest ki suraksha saavadhaaniyaan
- इसके जबड़ों को उपयुक्त स्थिति तक ही कसना चाहिए।
- रैस्ट का उपयोग हमेशा फिनिश की गई सतह पर ही करना चाहिए अन्यथा इसके जबड़े के खराब होने की संभावना रहती है।
- रैस्ट के जबड़ों को उचित प्रकार सैट करने के बाद उन पर लगे लॉकिंग स्क्रू ( Locking Screw ) को अच्छी तरह कस देना चाहिए।
- इसके उपयोग करने से पहले जबड़े पर ग्रीस आदि लगा लेनी चाहिए।
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Rest Qna-
रैस्ट का बेस किस धातु का बना होता है?
इसका बेस ढलवां लोहा का बना होता है।
रैस्ट कितने कितने के होते हैं?
रैस्ट तीन प्रकार के होते हैं- स्टैडी रैस्ट, फॉलोअर रैस्ट व फिक्स्ड स्टैडी रैस्ट।
रैस्ट का उपयोग कहां किया जाता है?
इसका उपयोग लेथ मशीन पर किया जाता है।
रैस्ट का उपयोग क्यों किया जाता है?
इसका उपयोग अधिक लंबाई के जॉब को सीध में पकड़ने के लिए किया जाता है। जब बड़े जॉब पर प्रक्रिया की जाती है, तब वह टेढ़ा होने लगता है। इसके उपयोग से ऐसा नहीं होता है।
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