दोस्तों, मैंने इस पोस्ट में फेसिंग क्या है? और फेसिंग करने के उद्देश्य आदि के बारे में बताया है, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़िए। तो चलिए शुरू करते हैं-
फेसिंग क्या है? (Facing kya hai?)
“किसी जॉब के सिरे को लेथ मशीन पर समतल बनाने की प्रक्रिया को फेसिंग (Facing) कहते हैं।”
इस प्रक्रिया में जॉब के सिरे उसकी घूर्णीय अक्ष के लम्बवत् बनाए जाते हैं। इस प्रक्रिया के समय अनुदैर्ध्य फीड की आवश्यकता नहीं होती है, बल्कि इसके द्वारा टूल को कट की गहराई दी जाती है।
इस प्रकार की फीड देने के लिए क्रॉस स्लाइड का उपयोग किया जाता है। टूल को जॉब की साइड के समान्तर या लम्बवत् रखकर फेसिंग प्रक्रिया की जाती है।
जब फेसिंग प्रक्रिया की जाती है, तो उस समय फीड देने के लिए टूल को परिधि से केंद्र की ओर अथवा केंद्र से परिधि की ओर उपयोग किया जाता है।
लेकिन फिर भी केंद्र से परिधि की ओर फीड अधिक प्रचलित है।
फेसिंग दो प्रकार की होती है, जिसमें से पहली खुरदरी तथा दूसरी परिष्कृत फेसिंग होती है।
खुरदरी फेसिंग में जॉब के फेस में अधिक फीड तथा कट गहराई द्वारा अधिक मैटीरियल हटाया जाता है और परिष्कृत फेसिंग में खुरदरी फेसिंग से प्राप्त सतह को चिकना बनाया जाता है।
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फेसिंग करने के उद्देश्य
- यह निम्न प्रकार से हैं-
- जॉब के फेस पर खुरदरी सतहों को हटाकर परिष्कृत सतह देना।
- जॉब की लम्बाई को बनाए रखना।
- मार्किंग के लिए रैफरेन्स सर्फेस या तल प्राप्त करना।
- जॉब की लम्बाई का मापन करना।
- जॉब की अक्ष के लम्बवत् फेस प्राप्त करना।
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