हाइड्रोमीटर क्या है? इन हिंदी:- यह एक ऐसा यंत्र है, जिसके द्वारा द्रवों व ठोसों का आपेक्षिक घनत्व ज्ञात किया जाता है। यह प्लवन के सिद्धांत पर काम करता है। (हाइड्रोमीटर क्या है?)
हाइड्रोमीटर के प्रकार
यह दो प्रकार के होते हैं, जोकि निम्न प्रकार से हैं-
1.स्थिर इमरशन हाइड्रोमीटर
इस हाइड्रोमीटर पर विभिन्न भार रखकर, एक ही चिन्ह तक डुबाया जाता है। जिससे द्रव का आपेक्षिक घनत्व ज्ञात होता है। उदाहरण- निकलसन हाइड्रोमीटर।
2.परिवर्ती इमरशन हाइड्रोमीटर
इस हाइड्रोमीटर पर केवल एक निश्चित भार रखा जाता है और भिन्न द्रवों में अलग-अलग चिन्ह तक स्वयं ही डूबता है और द्रव का आपेक्षिक घनत्व ज्ञात कर देता है।
निकलसन हाइड्रोमीटर क्या है?
इसमें एक खोखला सिलेण्डर होता है, इसके नीचे की साइड में एक खोखला शंकु जुड़ा होता है, जोकि धातु का बना होता है। इसके अंदर मोम और सीसे का बना छर्रा होता है। यह इसलिए भरा होता है, कि जब इसको द्रव में डालें तो हमेशा सीधा ही डूबा रहे।
सिलेण्डर के ऊपर वाले भाग पर एक पतली छड़ के सिरे पर डिस्क जुड़ी होती है, और इस छड़ पर एक चिन्ह लगा होता है।
जब किसी द्रव का आपेक्षिक घनत्व ज्ञात करना होता है, तब हाइड्रोमीटर को द्रव में चिन्ह तक डुबाया जाता है। यदि इस चिन्ह से अधिक डुबो दिया जाए, तो हाइड्रोमीटर आपेक्षिक घनत्व नहीं निकाल या ज्ञात कर पाएगा।
निकलसन हाइड्रोमीटर के द्वारा ठोस पदार्थ व द्रव दोनों का आपेक्षिक घनत्व ज्ञात किया जा सकता है। (हाइड्रोमीटर क्या है?)
परिवर्ती इमरशन हाइड्रोमीटर क्या है?
इस हाइड्रोमीटर का उपयोग केवल द्रव का आपेक्षिक घनत्व निकालने के लिए किया जाता है।
यह हाइड्रोमीटर एक काँच की नली का बना होता है, और इसमें भी एक खोखला सिलेण्डर होता है। जिसके नीचे वाले सिरे पर एक खोखला गोला जुड़ा होता है। इस गोले में पारा या सीसे का छर्रा भरा होता है, जिसके कारण यह द्रव में सीधा डूबता है।
सिलेण्डर के ऊपर वाले सिरे पर एक कम व्यास की नली जुड़ी होती है। इस नली पर ही चिन्ह बने होते हैं, और मान भी लिखे रहते हैं।
जब हाइड्रोमीटर द्रव में तैरता है, तो वह एक चिन्ह तक डूबता है। यह जिस चिन्ह तक डूबता है, वही द्रव का आपेक्षिक घनत्व होता है।
इस हाइड्रोमीटर का उपयोग अधिक किया जाता है, क्योंकि इसको उपयोग में लाने से भार रखने की आवश्यकता नहीं होती है।
परिवर्ती इमरशन हाइड्रोमीटर के प्रकार
यह दो प्रकार के होते हैं, जोकि निम्न प्रकार से हैं-
1.टयूडल हाइड्रोमीटर
इसका उपयोग पानी से भारी द्रवों का आपेक्षिक घनत्व निकालने के लिए किया जाता है, जैसे- शर्करामापी, दुग्धमापी आदि।
2.ब्यूम हाइड्रोमीटर
इसका उपयोग पानी से भारी द्रवों का आपेक्षिक घनत्व निकालने के लिए किया जाता है, जैसे- पेट्रोल, एल्कोहल आदि।
1. हाइड्रोमीटर की खोज किसने की
हाइड्रोमीटर का आविष्कार 4 या 5 वीं शताब्दी के समय अलेक्जेंड्रिया के हाइपेटिया ने किया था।
2. हाइड्रोमीटर का उपयोग
हाइड्रोमीटर का उपयोग ठोस पदार्थ व द्रवों का आपेक्षिक घनत्व निकालने के लिए किया जाता है।
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