प्लवन का सिद्धांत (Principle of Floatation) कहता है कि जब कोई वस्तु या पिंड किसी द्रव पर प्रवाहित होता है तो वस्तु या पिंड पर लगने वाला उत्प्लावन बल (buoyant force) वस्तु के भार के बराबर होता है।
द्रव (Fluid) का विस्थापित आयतन द्रव में डूबी वस्तु के आयतन के बराबर होता है। जब वस्तु का भार (Weight) ऊपर की ओर उछाल से अधिक होगा, तो वस्तु द्रव में डूब जाएगी। जब वस्तु का भार ऊपर की ओर उछाल के बराबर होता है, तो वस्तु संतुलित (Balanced) हो जाती है जिससे वस्तु तैरती है।
आर्किमिडीज (Archimedes) का कहना है कि सभी वस्तुएं जो एक तरल में रखी जाती हैं, तो वस्तुएं ऊपर की ओर एक बल का अनुभव करती हैं जो वस्तु को तैरने की अनुमति देती है, और यह वस्तु के वजन के बराबर, वजन के साथ पानी को विस्थापित करती है। वस्तु पर कार्य करने वाले इस ऊपर की ओर बल को उत्प्लावन बल (buoyant force) के रूप में जाना जाता है और नियम को उत्प्लावकता के नियम के रूप में जाना जाता है। प्लवन का नियम आर्किमिडीज के सिद्धांत का अनुप्रयोग है।
इसलिए, प्लवन का सिद्धांत (Principle of Floatation) कहता है कि जब कोई पिंड अपने आयतन के साथ आंशिक रूप से तरल सतह (liquid surface) के ऊपर तैरता है, तब पिंड द्वारा विस्थापित तरल की मात्रा पिंड के जलमग्न हिस्से की मात्रा के बराबर होती है। चूँकि पिंड संतुलन में है, पिंड पर लगने वाला उत्प्लावन बल (buoyant force) उसके भार के बराबर होना चाहिए।
प्लवन का सिद्धांत किसने दिया
जब वस्तु का घनत्व (density) पानी के घनत्व से कम होता है तो उसे प्लवन करता या तैरता हुआ कहा जाता है। किसी पिंड या वस्तु का प्लवन, उसके घनत्व पर निर्भर करता है। प्लवन का सिद्धांत (Principle of Floatation) आर्किमिडीज द्वारा प्रतिपादित किया गया है।
नोट – जब कोई नाव अपने वजन के बराबर पानी को विस्थापित करती है, तो वह तैरती है। इस घटना को प्लवनशीलता के सिद्धांत (Principle of Floatation) के रूप में जाना जाता है। इसमें कहा गया है कि तैरती हुई वस्तु अपने वजन के बराबर तरल पदार्थ (Material) के भार को विस्थापित करती है।
प्लवन (Flotation) का नियम
इसके नियम निम्न प्रकार से हैं-
- ठोस का गुरुत्व-केंद्र (Center of gravity) तथा हटाए गए द्रव का गुरुत्व-केंद्र दोनों एक ही उर्ध्वाधर रेखा (Vertical line) में होने चाहिए।
- संतुलित अवस्था (Balanced State) में तैरने पर वस्तु अपने भार (Weight) के बराबर द्रव विस्थापित करती हैं।
उत्प्लावकता किसे कहते हैं?
जब किसी ठोस को किसी द्रव में डुबोया जाता है, तो इसके द्वारा अनुभव किया गया ऊपर की ओर का उछाल का संयुक्त परिणाम उत्प्लावकता (Buoyancy) कहलाता है।
उत्क्षेप क्या है?
द्रवों (Fluids) का वह गुण, जिसके कारण वह वस्तुओं पर ऊपर की ओर एक बल (Force) लगाता है, उसे उत्क्षेप (upthrust) कहते हैं।
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