• Home
  • /
  • Fitter science
  • /
  • मैक्सवेल का कॉर्क-स्क्रू नियम
(1.3★/4 Votes)

मैक्सवेल का कॉर्क-स्क्रू नियम

मैक्सवेल का कॉर्क-स्क्रू नियम

दोस्तों, मैंने इस पोस्ट में मैक्सवेल का कॉर्क-स्क्रू नियम के बारे में बताया है, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़िए। तो चलिए शुरू करते हैं-

मैक्सवेल का कॉर्क-स्क्रू नियम

इस नियम में विद्युत धारा और चुम्बकीय क्षेत्र या बल रेखाओं का का वर्णन किया गया है। इसमें विद्युत धारा और चुम्बकीय क्षेत्र या बल रेखाओं एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं।
स्क्रू के आगे बढ़ने की दिशा, विद्युत धारा की दिशा को बताती है, और स्क्रू को घुमाने की दिशा चुम्बकीय क्षेत्र या बल रेखाओं की दिशा प्रकट करती है।

maiksavel ka kork skroo niyam

दोस्तों, जरा आप सोचिए, कि जब स्क्रू को कसना हो,तब जब हम स्क्रू को पेंचकस की सहायता से घुमाते हैं, तब स्क्रू एक राउण्ड घूमने पर कुछ मिमी आगे बढ़ता है, जो कि विद्युत धारा की दिशा को प्रकट करता है, और इस स्क्रू को घुमाने के लिए क्लॉकवाइज दिशा में पेंचकस को घुमाते हैं, जिससे स्क्रू भी क्लॉकवाइज दिशा में घूमता है, तो इस प्रकार जिस दिशा में स्क्रू घूमता है, वह चुम्बकीय क्षेत्र या बल रेखाओं की दिशा होती है।

More Information:- मैंगनीज स्टील क्या है?

निष्कर्ष

दोस्तों, यदि आपको विद्युत धारा और चुम्बकीय क्षेत्र का सम्बन्ध अर्थात् मैक्सवेल का कॉर्क-स्क्रू नियम समझ में आया हो तो कमेंट करके बताएं और अपने दोस्तों को भी शेयर करें। धन्यवाद

Telegram पर जुड़ने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें:-

CLICK HERE:- Telegram Group

2 thoughts on “मैक्सवेल का कॉर्क-स्क्रू नियम

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *