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न्यूटन के गति के नियम

न्यूटन का पूरा नाम “सर आइजैक न्यूटन” है, यह इंग्लैंड के रहने वाले थे। न्यूटन ने गति से संबंधित तीन नियमों का प्रतिपादन किया है। या तीन नियमों को दिया है। जिनके बारे में नीचे अच्छी तरह से समझाया है। (न्यूटन के गति के नियम)

1.प्रथम नियम

न्यूटन के पहले नियम को जड़त्व का नियम या गैलीलियो का नियम भी कहते हैं। इस नियम के अनुसार, “यदि कोई वस्तु विराम अवस्था में है, तो वह विराम अवस्था में ही रहेगी और यदि कोई वस्तु एक सरल रेखा में एकसमान वेग से चल रही है, तो वस्तु उसी तरह चलती रहेगी, जब तक कि उस पर कोई बाहरी बल न लगाया जाए।”

उदाहरण:- यदि मेज पर पेन रखा हुआ है, तो वह उस अवस्था में तब तक रखा रहेगा जब तक उस पर कोई बाहरी बल लगाकर, उसे वहां से हटा न दिया जाए।

2.द्वितीय नियम

न्यूटन के इस नियम के अनुसार, “किसी वस्तु पर बाहर से लगाया गया बल, उस वस्तु के द्रव्यमान और उस वस्तु में बल की दिशा में उत्पन्न त्वरण के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती होता है।”

उदाहरण:- बन्दूक से निकली गोली शरीर में घुस जाती है, इसका मुख्य कारण यह होता है कि बन्दूक से निकली गोली का वेग बहुत अधिक होता है और हमारे शरीर से टकराने पर इसका वेग शून्य हो जाता है। क्योंकि गोली में वेग-परिवर्तन की दर व बल बहुत अधिक होता है। जिससे शरीर में गोली घुस जाती है।

3.तृतीय नियम

इस नियम को क्रिया-प्रतिक्रिया का नियम भी कहते हैं। इस नियम के अनुसार, “जब कोई वस्तु किसी दूसरी वस्तु पर बल लगाती है, तब दूसरी वस्तु वस्तु भी पहली वस्तु पर उतना बल लगाती है।”

उदाहरण:- पानी में तैरते समय तैराक जितना बल पानी को पीछे धकेलने में लगाता है, पानी भी उतना बल व्यक्ति को धकेलने के विपरीत दिशा में लगाता है, जिससे वह आसानी से तैरता रहता है।

दोस्तों, यदि आपको न्यूटन के गति के नियम पोस्ट अच्छी लगी हो तो कमेंट करके अवश्य बताएं।

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