दोस्तों, आपका मेरी वेबसाइट में स्वागत है, आज मैं आपको इस पोस्ट में आवृत्ति, प्रत्यावर्ती धारा व आवर्तकाल आदि से सम्बन्धित जानकारी दूँगा। तो चलिए शुरू करते हैं। 👇
आवृत्ति को समझने के लिए सबसे पहले आपको प्रत्यावर्ती धारा चक्र के बारे में समझना होगा।
प्रत्यावर्ती धारा में चक्र क्या है ?
यह एक चक्र के रूप में चलती है, यह धारा शून्य से प्रारंभ होकर अधिकतम धनात्मक मान से होते हुए पुनः शून्य होकर पहला आधा चक्र पूरा करती है, जो कि धनात्मक अर्द्धचक्र कहलाता है। इसके बाद फिर धारा शून्य से प्रारंभ होकर अधिकतम ऋणात्मक मान से होते हुए पुनः शून्य होकर दूसरा आधा चक्र पूरा करती है, जो कि ऋणात्मक अर्द्धचक्र कहलाता है।
इस प्रकार से दो अर्द्धचक्रों को मिलाने पर प्रत्यावर्ती धारा का एक पूरा चक्र हो जाता है।
आवृत्ति (frequency) क्या है?
प्रत्यावर्ती धारा एक सेकंड में जितने चक्कर लगाती है, इन चक्करों की संख्या को ही आवृत्ति कहते हैं।
इसको अंग्रेजी भाषा में frequency कहते हैं। इसे ‘f’ द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। इसका मात्रक हर्ट्ज होता है।
उदहारण– अगर AC एक सेकेंड में 20 चक्र पूरा करती है तो उसकी आवृत्ति 20 Hz होगी।
आवर्तकाल (Time Period) क्या है?
ए. सी. धारा को एक चक्र पूरा करने में लगने वाले समय को आवर्तकाल कहते हैं। इसे अंग्रेजी के अक्षर ‘T’ द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
आवर्तकाल = 1/आवृत्ति
दिष्ट धारा की आवृत्ति (frequency) कितनी होती है?
आदर्श दिष्ट धारा की आवृत्ति शून्य होती है।
भारत में आवृत्ति कितनी है?
भारत में प्रत्यावर्ती धारा की आवृत्ति 50 Hz है।
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