• Home
  • /
  • Machinist
  • /
  • कार्बोरेटर किसे कहते हैं? | भाग | प्रकार
(4.3★/3 Votes)

कार्बोरेटर किसे कहते हैं? | भाग | प्रकार

कार्बोरेटर किसे कहते हैं?

कार्बोरेटर, ईंधन और हवा के मिश्रण के साथ एक स्पार्क-इग्निशन इंजन की आपूर्ति के लिए उपकरण। कार्बोरेटर के घटकों में आमतौर पर तरल ईंधन के लिए एक भंडारण कक्ष, एक चोक, एक निष्क्रिय (या धीमी गति से चलने वाला) जेट, एक मुख्य जेट, एक वेंटुरी के आकार का वायु-प्रवाह प्रतिबंध और एक त्वरक पंप शामिल होता है।

कार्बोरेटर क्या है? | Carburettor kya hai?

पेट्रोल इंजन में उपयोग होने वाला ऐसा सिस्टम, जो कि पेट्रोल को वाष्पीकृत करके उसको हवा के साथ सही मात्रा में मिलाकर उपयुक्त मिश्रण तैयार करता है, उसको कार्बोरेटर ( Carburettor ) कहते हैं। यह ऑटोमोबाइल का एक महत्वपूर्ण भाग होता है। पेट्रोल गाड़ियों में ईंधन का मिश्रण इंजन सिलेंडर में न होकर सिलेंडर के बाहर होता है।

custom print service
Carburettor kya hai
Carburettor
custom print service

इसे भी पढ़ें- स्पार्क प्लग किसे कहते हैं? स्पार्क प्लग के प्रकार

कार्बोरेटर के भाग | Carburettor ke bhaag

इसके भाग निम्न प्रकार से हैं-

custom print service
custom print service
  1. स्ट्रेन- यह महीन तारों से बेलनाकार व शंक्वाकार बनाया जाता है। कार्बोरेटर के इस भाग द्वारा ईंधन में उपस्थित धूल व अन्य कणों को छाना जाता है। ईंधन नॉजल से होकर गुजरता है। जिसके कारण उसमें किसी प्रकार की धूल या कण आदि होने से नॉजल बंद हो जाने की संभावना रहती है।
  2. फ्लोट- यह बहुत हल्के भार का होता है। यह धातु की पतली चादर से बना होता है। जब फ्लोट चेंबर में ईंधन का लेवल नीचे गिरता है तब फ्लोट भी नीचे चला जाता है। जब फ्लोट नीचे गिरता है तभी ईंधन का आगे का रास्ता खुलता है।
  3. नीडल वाल्व- इस भाग को हिंदी भाषा में सुई वाल्व भी कहते हैं। इसका मुख्य काम यह होता है, कि फ्लोट में जितना भी ईंधन आता है। उसका कंट्रोलिंग का काम नीडल वाल्व करता है। इसकी गति फ्लोट की गति पर निर्भर करती है।
  4. आप्लव कक्ष- यह एक भंडार गृह होता है, जिसमें एक निश्चित दाब शीर्ष पर नोजल को ईंधन की पूर्ति की जाती है। फ्लोट, स्ट्रेनर व नीडल वाल्व इसी के भाग होते हैं।
  5. वेंचुरी- यह भाग नली के आकार का होता है। इसका एक किनारा पतला व दूसरा कितना बड़ा होता है। इसका जो किनारा पतला होता है, उसे थ्रोट कहते हैं। इस भाग के द्वारा कार्बोरेटर में बहती हुई हवा की गति को बढ़ाकर, दाब को कम किया जाता है। फ्लोट चेंबर में वायुमंडलीय दाब स्थिर रहता है। यह दाब थ्रोट के उस भाग पर कम होता है, जहां पर थ्रोट का क्रॉस सेक्शन कम होता है।
  6. थ्रोटल वाल्व- कार्बोरेटर के इस भाग द्वारा पेट्रोल व हवा/वायु के मिश्रण को कंट्रोल किया जाता है। यह वाल्व वेंचुरी के बाद लगा होता है। जब पैडल को दबाया जाता है तब यह वाल्व खुल जाता है।
  7. छिद्र- कार्बोरेटर का यह भाग फ्लोट चेंबर में बना होता है। इसी भाग के कारण ही चेंबर में वायुमंडलीय दाब स्थिर रहता है।
  8. ईंधन नॉजल- इस भाग की सहायता से इंजन में ईंधन की गति को बढ़ाया जाता है। ईंधन की गति बढ़ने के कारण ईंधन का दाब कम हो जाता है और ईंधन आसानी से वाष्पीकृत हो जाता है।

इसे भी पढ़ें- अल्टरनेटर कितने प्रकार के होते हैं?

कार्बोरेटर के प्रकार | Carburettor ke Prakar

यह हवा/वायु के बहाव की दिशा के अनुसार तीन प्रकार के होते हैं, जो कि निम्न प्रकार से हैं-

custom print service
  1. ऊर्ध्व-प्रवाह कार्बोरेटर- इस प्रकार के कार्बोरेटर में वायु की दिशा नीचे से ऊपर की ओर होती है। इसीलिए पेट्रोल व हवा के मिश्रण की दिशा भी ऊपर की ओर हो जाती है। इसका मुख्य डिसएडवांटेज ( disadvantage ) है कि यह हवा घर्षण ( Air Friction ) के कारण मिक्सचर को अपने साथ बहा लेता है। इस कार्बोरेटर में इनटेक मेनीफोल्ड नीचे लगा होता है। इसी से वायु निकलकर ऊपर जाती है। इसक अधिकतर उपयोग औद्योगिक इंजन में किया जाता है।
  2. अधो-प्रवाह कार्बोरेटर- इस कार्बोरेटर का उपयोग ऊर्ध्व-प्रवाह कार्बोरेटर की समस्या को दूर करने के लिए किया जाता है। इसमें हवा के बहाव की दिशा ऊपर से नीचे की ओर होती है। इसलिए इसमें हवा व पेट्रोल का मिश्रण नीचे की ओर होता है। इसमें इनटेक मेनीफोल्ड ऊपर की ओर लगा होता है। इसी से हवा ऊपर से नीचे की ओर आती है। इस प्रकार के कार्बोरेटर के उपयोग से इंजन की आयतनिक दक्षता बढ़ जाती है। इसका उपयोग उच्च गति वाले इंजनों में किया जाता है।
  3. क्षैतिज-प्रवाह कार्बोरेटर- इस प्रकार के कार्बोरेटर में हवा का बहाव क्षैतिज दिशा में होता है। इसमें हवा/वायु व पेट्रोल का मिश्रण क्षैतिज दिशा में होता है। इसमें इनटेक मेनीफोल्ड सीधी लाइन अर्थात् ऊपर-नीचे की दिशा में लगा होता है। इसका उपयोग ऐसे स्थान पर किया जाता है, जहां पर बोनट के नीचे कम जगह/स्थान होता है। इसका अधिकतर उपयोग छोटे इंजनों में किया जाता है।

अतिरिक्त कार्बोरेटर-

custom print service
  • कान्स्टेंट वैक्युम कार्बोरेटर- इस प्रकार के कार्बोरेटर में हवा व ईंधन के मिश्रण का एरिया बदलता रहता है। लेकिन वैक्युम की एक ही स्थिति बनी रहती है। यह ‘वैरिएबल चोक कार्बोरेटर’ के नाम से भी जाना जाता है।
  • कान्स्टेंट चोक कार्बोरेटर- इस प्रकार के कार्बोरेटर में हवा व ईंधन के मिश्रण का एरिया कान्स्टेंट रहता है। इसमें इंजन के उपयोग के अनुसार प्रेशर में बदलाव किया जा सकता है।

इसे भी पढ़ें- फ्यूज इंजेक्टर क्या है? | fuel injector kya hai?

custom print service

Carburettor ke Qna-

कार्बोरेटर का काम क्या है?

यह इंजन में ईंधन व हवा को मिलाने का काम करता है।

कार्बोरेटर कितने प्रकार का होता है?

यह हवा के बहाव के अनुसार तीन प्रकार के होते हैं- ऊर्ध्व-प्रवाह कार्बोरेटर, अधो-प्रवाह कार्बोरेटरक्षैतिज-प्रवाह कार्बोरेटर

कार्बोरेटर किस इंजन में होता है?

कार्बोरेटर पेट्रोल इंजन में होता है।

क्या डीजल इंजन में कार्बोरेटर होता है?

डीजल इंजन में नहीं होता है।

घास काटने की मशीन में कार्बोरेटर कहां स्थित होता है?

कार्बोरेटर घास काटने की मशीन के इंजन का हिस्सा है। आमतौर पर, इसे इंजन के किनारे या ऊपर की ओर बोल्ट किया जाता है। यह गैस टैंक से भी जुड़ा है, और आमतौर पर आपके एयर फिल्टर के ठीक नीचे या पीछे स्थित होगा।

2 thoughts on “कार्बोरेटर किसे कहते हैं? | भाग | प्रकार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *