दोस्तों, आज मैं आपको इस पोस्ट के जरिए से बताने वाला हूं कि चेन ड्राइव किसे कहते हैं? चेन ड्राइव के प्रकार आदि। दोस्तों, आप लोगों ने चेन ड्राइव को देखा होगा या देखते भी हैं। लेकिन उस पर आपका बहुत कम ध्यान जाता होगा।
दोस्तों, आपने साईकिल देखी है, जिसमें पीछे के पहिए को चेन ड्राइव के जरिए से चलाया जाता है। ठीक इसी प्रकार सभी कंपनियों की मोटरसाइकिल में भी चेन ड्राइव का उपयोग किया जाता है। ठीक इसी प्रकार मोटर साइकिल के इंजन में भी छोटे साइज के चेन ड्राइव का उपयोग किया जाता है।
चेन ड्राइव किसे कहते हैं?
ऐसी ड्राइव, जिसमें चलित पुली को चालक पुली से चेन के माध्यम से घुमाया जाता है, उसे चेन ड्राइव (chain drive) कहते हैं। चेन ड्राइव का उपयोग कम स्थान में पावर ट्रांसमिट करने के लिए किया जाता है।
लेकिन चेन ड्राइव से बेल्ट ड्राइव के समान अधिक दूरी पर पावर को ट्रांसमिट नहीं किया जा सकता है। परंतु चेन ड्राइव बेल्ट ड्राइव से अधिक मजबूत होती है। चेन ड्राइव के प्रोसेस को पूरा करने में चेन व गियर एक अहम भूमिका निभाते हैं। चेन ड्राइव में दो शाफ्टों के बीच की दूरी चेन की पिच की 40 गुना अधिक रखी जाती है।
चेन ड्राइव द्वारा दो शाफ्टों को 90° पर चलाकर पावर को ट्रांसमिट किया जाता है। चेन ड्राइव से एक बार में ही अधिकतम भार को भी उठाया जा सकता है।
चेन ड्राइव के प्रकार
यह मुख्यत: दो भागों में बंटी रहती है-
- चेन (Chain)
- स्प्रोकेट (Sprocket)
1.चेन (Chain)
यह कई कड़ियों से मिलकर बनी होती है, यह स्टील की बनाई जाती है। चेन भी कई प्रकार की होती हैं- जो कि निम्न प्रकार से हैं-
1.1रोलर चेन (Roller Chain)
यह चेन बहुत अधिक उपयोग की जाती हैं, यही चेन साइकिल में फिट की गई होती है। इस चेन में अंदर की प्लेटें आपस में एक-दूसरे से स्टील के बुशों द्वारा जुड़ी होती हैं।
इन बुशों के में से पिन गुजार कर तथा बाहरी कड़ी को लगाकर पिन की रिवेटिंग कर दी जाती है प्रत्येक बुश एक रोलर घेरे रहता है जो उसके ऊपर आसानी से घूम सकता है इस चेन का उपयोग 450 मीटर/मिनट तक की स्पीड के लिए किया है। यह चेन सिंगल रोलर, डबल रोलर, ट्रिपल रोलर प्रकार की होती हैं।
1.2बुशिंग चेन
इस प्रकार की चेनों का उपयोग कम भार व कम स्पीड के लिए किया जाता है। यह चेन रोलर के समान होती है। इस चेन में रोलर की जगह पर बुशों का उपयोग किया जाता है।
1.3साइलेंट चेन
इस चेन के उपयोग से चेन ड्राइव में आवाज नहीं होती है, इस लिए इसे साइलेंट चेन (Silent Chain) कहते हैं। यह चेन काफी मजबूत होती हैं इसकी मजबूती का कारण यह है, कि इसकी कड़ियां एक-दूसरे पर चढ़ी होती हैं। इस चेन की टूटने की संभावना बहुत कम होती है। इस चेन की प्रत्येक कड़ी पिन व रॉकर आर्म द्वारा जुड़ी रहती है।
1.4डिटेचेबल लिंक चेन
इस प्रकार की चेनों का उपयोग मुख्यत: कोयले की खानों में किया जाता है। इस चेन का दूसरा नाम ब्लॉक चेन भी है, क्योंकि यह चेन मैलिएबल स्टील के हुक के आकार में बनाई जाती है। इस प्रकार की चेन को आसानी से खोला व जोड़ा जा सकता है।
2.स्प्रोकेट (Sprocket)
दोस्तों, इसके बारे में जानकारी पाने के लिए लिंक पर क्लिक करें- स्प्रोकेट किसे कहते हैं?
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