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स्पार्क प्लग किसे कहते हैं? | स्पार्क प्लग के प्रकार

स्पार्क प्लग किसे कहते हैं? | स्पार्क प्लग के प्रकार

स्पार्क प्लग, जिसे स्पार्किंग प्लग भी कहा जाता है, वह उपकरण जो एक आंतरिक-दहन इंजन के सिलेंडर हेड में फिट बैठता है और एक एयर गैप द्वारा अलग किए गए दो इलेक्ट्रोडों को वहन करता है, जिसके पार एक उच्च-तनाव इग्निशन सिस्टम से करंट डिस्चार्ज होता है, जिससे प्रज्वलित करने के लिए एक चिंगारी बनती है। वायु-ईंधन मिश्रण।

स्पार्क प्लग क्या है? | Spark Plug kya hai?

यह एक ऐसा डिवाइस होता है, जो कि स्पार्क को उत्पन्न करता है। इसका प्रयोग पेट्रोल इंजन ( Petrol Engine ) में किया जाता है। यह तेल के मिश्रण को कम्ब्यूस्चन करता है। यह इंजन ( Engine ) हेड पर लगाया जाता है और यह इग्निशन क्वॉयल से जुड़ा रहता है। स्पार्क प्लग इलेक्ट्रिक मैग्नेटिक सिस्टम पर काम करता है। इसको स्पार्किंग प्लग भी कहा जाता है। सबसे पहले स्पार्क प्लग का आविष्कार Oliver Lodge ने सन् 1903 में किया था।

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Spark Plug kya hai
Spark Plug
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सरल शब्दों में, स्पार्क प्लग ऊर्जा स्त्रोत को गति में बदलने का काम करता है। उदाहरण के लिए, हमारे पास पेट्रोल है, जो कि अधिक ज्वलनशील होता है पेट्रोल और हवा आपस में मिलने पर विस्फोट का कारण बन सकता है। यह कम्प्रैसेड गैस में आग जलाने जैसा है।

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स्पार्क प्लग के भाग | Spark Plug ke bhag

इसके मुख्य भाग निम्न प्रकार से हैं-

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  1. प्लग टर्मिनल- यह हाई-टेंशन कार्ड से जुड़ा होता है, इसमें एक टर्मिनल नट होता है। यह नट इसलिए होता है, कि कुछ वाहनों में टर्मिनल की जरूरत नहीं होती है इसलिए इस नट की सहायता से टर्मिनल को आसानी से हटाया जा सकता है। यह उपस्थित किसी भी हाई-टेंशन कार्ड का समर्थन करता है।
  2. इंसुलेटर- स्पार्क प्लग का यह भाग सेंटर इलेक्ट्रोड और हाउसिंग से टर्मिनल केंद्र शाफ्ट को इंसुलेट करता है। यह इलेक्ट्रोड से उच्च वोल्टेज से बचने में सहायता करता है क्योंकि इंसुलेटर का नीचे का भाग दहन पक्ष में डाला जाता है। इसलिए हाई टम्परेचर प्रूफ, उत्कृष्ट इंसुलेशन, यांत्रिक शक्ति और हाई टम्परेचर पर थर्मल कंडक्टिविटी के साथ उच्च शुद्धता एल्यूमीनियम का उपयोग किया जाना चाहिए।
  3. ग्लास सील- यह भाग मुख्य वायुरोधी के लिए केंद्र शाफ्ट और इंसुलेटर के बीच स्थित होता है। ग्लास सील तांबें के पाउडर और कांच के पाउडर को मिलाकर बनाया जाता है। कांच और तांबे को शाफ्ट, सेंटर शाफ्ट और सेंटर इलेक्ट्रोड के इंस्टालेशन सेक्शन में चार्ज किया जाता है और उसके बाद हाई टम्परेचर पर पिघलाया जाता है। यह केंद्र इलेक्ट्रोड और केंद्र शाफ्ट को जोड़ने का काम करता है और धातु और इंसुलेटर को फ्यूज ( Fuse ) करता है।
  4. सेंटर इलेक्ट्रोड यह एक इरीडियम मिश्र धातु टिप के लिए लेजर वेल्डेड है जो कि आमतौर पर सेंटर इलेक्ट्रोड का प्रोडक्शन करने के लिए 0.4 मिमी के व्यास के साथ होता है। इरीडियम एक कीमती धातु होती है, जिसमें स्पार्क प्लग इलेक्ट्रोड के लिए असाधारण रूप से अच्छे गुण होते हैं। इन गुणों में कम प्रतिरोध, हाई टम्परेचर प्रतिरोध उच्च शक्ति उपस्थित हैं।
  5. गैसकेट- यह इंजन और हाउसिंग को एक-दूसरे के लिए पूरी तरह से फिट बनाता है और यह दहन कक्ष की वायुरोधीता को भी बनाए रखता है।
  6. हाउसिंग- यह एक बाहरी आवरण बनाता है। यह इंसुलेटर को ढकता है और उसका समर्थन करता है। हाउसिंग, इंजन पर स्पार्क प्लग को स्थापित करने की अनुमति देता है।
  7. U- ग्रूव ग्राउंड इलेक्ट्रोड- यह एक बड़ी ऊर्जा को प्राप्त करने देता है और फ्लेम कोर को आसानी से चौड़ा करता है। वायु-ईंधन मिश्रण द्वारा कांटेक्ट की जाने वाली सर्फेस बड़ी होती है और इसमें बहुत अधिक किनारा होता है, जिससे चिंगारी आसानी से आ जाती है।
  8. टेपर कट ग्राउंड इलेक्ट्रोड- इसमें इलेक्ट्रोड टिप को बारीक पतले आकार में काटा जाता है, और यह क्वेंचिंग इफेक्ट को कम करना है, जो कि इग्निशन प्रदर्शन को समृद्ध करता है।

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स्पार्क प्लग कितने प्रकार के होते हैं? | Spark Plug kitne Prakar ke hote hain?

यह दो प्रकार के होते हैं, जो कि निम्न प्रकार से हैं-

मैटीरियल के आधार पर

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  • प्लेटिनम टाइप- इस प्रकार के प्लगों में सेंटर इलेक्ट्रोड की नोक पर एक छोटी प्लेटिनम डिस्क होती है, यह काफी मजबूत होती है। यह प्लग लंबे समय तक चलते हैं।
  • डबल प्लेटिनम टाइप- इस प्रकार के प्लगो में सेंटर इलेक्ट्रोड व साइड इलेक्ट्रोड दोनों पर प्लेटिनम टिप होती है। यह दहन कक्ष में दो बार स्पार्क करते हैं। इनका पहला स्पार्क दहन कक्ष से पहले और दूसरा स्पार्क निकास स्ट्रोक के समय बर्बाद हो जाता है। इसका उपयोग उस समय किया जाता है, जब वाहन अपशिष्ट स्पार्क इग्निशन प्रकार वितरक से सुसज्जित होता है।
  • कॉपर-निकेल टाइप- इस प्रकार के प्लग का सेंटर इलेक्ट्रोड कॉपर-निकेल के मिश्रण से बना होता है। यदि इसका सेंटर इलेक्ट्रोड कॉपर का बना होता तब कॉपर कमजोर होता है इसलिए कॉपर इंजन ( Engine ) की गर्मी के कारण पिघल जाएगा। इसको मजबूती देने के लिए कॉपर में निकले मिलाया जाता है।
  • इरीडियम टाइप- इस प्रकार के प्लग सबसे अच्छे होते हैं। इनके सेंटर इलेक्ट्रोड की नोक इरीडियम की बनी होती है। यह निकेल, तांबा और प्लेटिनम से काफी मजबूत है। इसमें एक छोटे आकार का इलेक्ट्रोड होता है। जिसके संचालन के लिए कम वोल्टेज की आवश्यकता होती है। यह अन्य प्रकारों की तुलना में बहुत अधिक महंगे होते हैं।

ऑपरेटिंग टम्परेचर के आधार पर

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  • गरम स्पार्क प्लग- यह प्लग हाई टम्परेचर रेंज में काम करता है। इस प्रकार के प्लग में कम सिरेमिक क्षेत्र होता है। जिसका प्रयोग गर्मी को इंसुलेट करने के लिए किया जाता है। यह कम दहन गर्मी को समाप्त कर देता है साथ ही इलेक्ट्रोड और टिप को गर्म रहने देता है।
  • ठंडा स्पार्क प्लग- हाई टम्परेचर वाले स्थान पर गरम स्पार्क प्लग का उपयोग टिप के पिघलने का कारण बन सकता है। इसलिए ऐसे स्थानों पर ठंडे स्पार्क प्लग का उपयोग किया जाता है। इसमें सिरेमिक क्षेत्र अधिक होता है जिससे अधिक गर्मी फैल जाएगी।

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स्पार्क प्लग काला क्यों हो जाता है?

इसकी टिप पर तेल जम जाता है, जिसके कारण इसकी टिप पर काली परत दिखाई देती है।

स्पार्क प्लग क्या करता है?

स्पार्क प्लग, उस चिंगारी की आपूर्ति करते हैं, जो हवा/ईंधन के मिश्रण को प्रज्वलित करते हैं।

क्या होता है जब स्पार्क प्लग खराब हो जाते हैं?

स्पार्क प्लग खराब हो जाने पर दहन प्रभाव में देरी करते हैं, जिससे इंजन में मिसफायर होने लगता है।

यदि आप अपने स्पार्क प्लग नहीं बदलते हैं तो क्या होगा?

यदि स्पार्क प्लग समय पर नहीं बदला है, तब इंजन में अनेकों समस्याएं उत्पन्न होने लगेंगी। स्पार्क प्लग चिंगारी उत्पन्न नहीं करेगा। जिसके कारण हवा/ईंधन के मिश्रण का दहन अधूरा होगा।

खराब स्पार्क प्लग का क्या कारण है?

कार्बन-फाउल्ड स्पार्क प्लग के कारणों में एक गंदा एयर फिल्टर, कम गति पर अत्यधिक ड्राइविंग, बहुत अधिक ईंधन/वायु मिश्रण, गंदे ईंधन इंजेक्टर या आपके वाहन को बहुत लंबे समय तक निष्क्रिय करना शामिल हैं।

स्पार्क प्लग कितने समय तक चलेगा?

एक मानक कॉपर स्पार्क प्लग का औसत जीवन काल 10,000-20,000 मील होता है। पुराने वाहनों के लिए उपयोग किए जाने वाले सिल्वर प्लग 20,000 मील तक चल सकते हैं। महंगे इरिडियम स्पार्क प्लग या प्लैटिनम स्पार्क प्लग 60,000 मील तक चल सकते हैं। विस्तारित जीवन स्पार्क प्लग या लंबे जीवन स्पार्क प्लग 100,000 मील तक चल सकते हैं।

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