ईंधन एक सामग्री है, जिसे अन्य पदार्थों के साथ प्रतिक्रिया करने के लिए बनाया जा सकता है। ताकि यह ऊर्जा को तापीय ऊर्जा के रूप में जारी करे या काम के लिए इस्तेमाल किया जा सके।
ईंधन का उपयोग जीवों की कोशिकाओं में कोशिकीय श्वसन के रूप में जानी जाने वाली प्रक्रिया में भी किया जाता है, जहाँ कार्बनिक अणुओं को उपयोगी ऊर्जा को मुक्त करने के लिए ऑक्सीकृत किया जाता है।
ईंधन किसे कहते हैं?
वह पदार्थ जो ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलाने पर आसानी से जलने लगते हैं और अधिक मात्रा में ऊष्मा (heat) उत्सर्जित करते हैं, उन्हें ईंधन (fuel) कहते हैं।
ईंधन कितने प्रकार के होते हैं?
यह मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं, जो कि निम्न प्रकार से हैं-
1.ठोस ईंधन
ऐसे ईंधन जो ठोस अवस्था में होते हैं उन्हें ठोस ईंधन (Solid fuel) कहते हैं। जैसे- कोयला, लकड़ी आदि।
इस प्रकार के ईंधन ऊष्मा कम उत्सर्जित करते हैं, यह जलने के बाद राख में बदल जाते हैं।
2.द्रवीय ईंधन
ऐसे ईंधन जो द्रवीय अवस्था में होते हैं उन्हें द्रवीय ईंधन (Liquid fuel) कहते हैं। जैसे- डीजल, पेट्रोल, मिट्टी का तेल आदि।
इनके जलने पर अधिक ऊष्मा (Heat) उत्पन्न होती है, इनके जलने के बाद राख नहीं बचती है।
3.गैसीय ईंधन
ऐसे ईंधन जो गैस अवस्था में होते हैं उन्हें गैस ईंधन कहते हैं। जैसे- हाइड्रोजन, एल.पी.जी. आदि।
इनके जलने पर बहुत अधिक ऊष्मा (Heat) उत्पन्न होती है, इनके भी जलने के बाद राख नहीं बचती है।
दोस्तों, इसके अलावा आप लोगों ने आदर्श ईंधन का नाम सुना होगा। जिसके बारे में हम बात करने वाले हैं
आदर्श ईंधन किसे कहते हैं?
यह सस्ता व आसानी से मिल जाता है, इसके जलने के बाद किसी भी प्रकार का अपशिष्ट पदार्थ नहीं बचता है और यह कम मात्रा में बहुत अधिक ऊष्मा उत्पन्न करता है। यह जलते समय किसी भी प्रकार की जहरीली गैस नहीं छोड़ता है।
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