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पावर टूल किसे कहते हैं?
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पावर टूल किसे कहते हैं? | संरचना

यह एक हैंड टूल या पोर्टेबल टूल है, जो कि विद्युत से चलाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त यह इंजन से भी शक्ति प्राप्त करके चलता है। यह कंप्रेस्ड हवा से भी चलता है। इसका हमारे दैनिक जीवन में भी बहुत बड़ा महत्व है। इसका मुख्य रूप से काम स्क्रुओं या बोल्टों को कसने व खोलने में किया जाता है। यदि किसी स्थान पर पहले से टाइट कसे हुए स्क्रू को पेंचकस ( Screw driver ) के माध्यम से नहीं खोल पा रहे हैं, तो ऐसे स्थान पर पावर टूल की मदद से आसानी से खोल सकते हैं।

पावर टूल क्या है? | Power Tool kya hai?

ऐसा टूल, जो कि किसी संपीडित हवा, विद्युत मोटर व आन्तरिक दहन इंजन से पावर प्राप्त करके काम करता है, उसे पावर टूल ( Power Tool ) कहते हैं। इस टूल का उपयोग करके वर्कशॉप में मजबूती से कसे या जमे बोल्ट व स्क्रू को खोलने में किया जाता है। इसके लिए सामान्यतः एयर इम्पैक्ट रिंच ( Wrench ) का उपयोग किया है जाता है। इस रिंच को इम्पैक्ट गन, इम्पैक्टर, इम्पैक्ट रिंच आदि नामों से जाना जाता है।

Power Tool kya hai
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Power Tool

यह बोल्ट ‌व स्क्रू को खोलने व कसने के लिए उच्च टॉर्क की स्पिनिंग स्पीड का उपयोग किया जाता है। रिंच ( Wrench ) की स्पिनिंग स्पीड को परिवर्तित करने के लिए इसमें लीवर लगा होता है। एयर इम्पैक्ट रिंच को प्रचालित करने के लिए पावर स्त्रोत के रूप में मुख्यत: संपीडित हवा का प्रयोग करते हैं, लेकिन कुछ इम्पैक्ट रिंच को चलाने के लिए विद्युत या हाइड्रॉलिक पावर का उपयोग किया जाता है।

पावर टूल की संरचना

इसकी संरचना निम्न प्रकार से हैं-

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  1. रोटरी सिलेण्डर- यह रिंच का अंदरूनी भाग होता है। यहीं से हवा इनटैक पोर्ट से प्रवेश करती है और इसके बाद हवा एग्जॉस्ट पोर्ट से बाहर निकलती है। यह दोनों पोर्ट सिलेंडर के तल में स्थित होते हैं। इसमें घूमने वाले व्हील व ब्लेड भी होते हैं यह व्हील व ब्लेड उस समय घूमते हैं, जब संपीडित हवा सिलेंडर में प्रवेश करती है और बाहर निकलती है।
  2. एनविल- टूल के इस भाग में अनेकों आकार के सॉकेट लगाए जाते हैं।
  3. एयर लाइन- इसके द्वारा संपीडित हवा सिलेंडर व रिंच में प्रवेश करती है।
  4. सॉकेट- पावर टूल के इस भाग द्वारा ही बोल्ट या स्क्रू को खोलने या कसने में उपयोग किया जाता है। सॉकेट का चुनाव खोलने व कसे जाने वाले बोल्ट या स्क्रू के हैड के अनुसार किया जाता है।
  5. ट्रिगर- इस भाग का उपयोग टूल को चलाने अथवा बंद करने में किया जाता है।
  6. रिवर्स कंट्रोलर- इसके द्वारा टूल की रिवर्स गति को नियंत्रित किया जाता है।
  7. बाहरी आवरण- इस भाग का उपयोग टूल या रिंच के विभिन्न भागों को एक साथ पकड़ने में किया जाता है। यह आवरण मजबूत मैटीरियल से बनाया जाता है। यह इसलिए बनाया जाता है, कि ऑपरेशन के समय लगने वाले उच्च बलों को सहन करने के लिए किया जाता है।

4 thoughts on “टूल कितने प्रकार के होते हैं? (Tool ke Prakar)

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