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प्रतिरोधों का समांतर क्रम संयोजन

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दोस्तों, मेरी वेबसाइट में आपका स्वागत है, आज मैं आपको प्रतिरोध/उपकरणों के समांतर क्रम में जोड़ने, समांतर क्रम में जुड़े प्रतिरोधों का प्रतिरोध, धारा तथा वोल्टेज निकालने के सूत्र के बारे में बताऊंगा। यदि आप जानकारी पाना चाहते हो, तो चलिए शुरू करते हैं-👇👇

प्रतिरोधों का समांतर क्रम संयोजन (parallel Circuit)

जब किसी परिपथ में किसी प्रतिरोध/उपकरण को जोड़ा जाता है, तब प्रतिरोध या उपकरण को श्रेणीक्रम या समांतर क्रम में जोड़ा जाता है। इस पोस्ट में प्रतिरोध को समांतर क्रम में जोड़ने के बारे में बताया है।

दोस्तों, हमारे पास या घर पर जितने भी सिंगल फेज उपकरण/प्रतिरोध हैं, तो हम अगर थोड़ा-सा ध्यान से सोंचे तो उसमें हमें दो सिरे दिखाई देते हैं। यदि इन दोनों सिरों में से प्रतिरोधों के एक सिरे को आपस में जोड़ दें। तथा प्रतिरोधों के दूसरे सिरे को आपस में जोड़ दें, तब प्रतिरोधों का यह कनेक्शन समांतर क्रम कनेक्शन कहलाता है।

इन जोड़े जाने वाले सिरों में से पहले सिरे को पॉजिटिव सप्लाई तथा दूसरे सिरे को निगेटिव सप्लाई देने पर यह बनाया गया समांतर संयोजन कार्य करना शुरू कर देता है।

समांतर क्रम में प्रतिरोध

समांतर क्रम में जुड़े प्रतिरोधों का मान निम्न सूत्र की सहायता से निकाला जाता है-

parallel Circuit Resistance

समांतर क्रम में वोल्टेज

समांतर क्रम में वोल्टेज का मान प्रतिरोध के मान के बराबर होता है, क्योंकि प्रतिरोधों को सीधा मेन सप्लाई के साथ जोड़ा जाता है।

समांतर क्रम में धारा

समांतर क्रम में जुड़े सभी प्रतिरोधों में भिन्न-भिन्न धारा प्रवाहित होती है, प्रवाहित होने वाली धारा का मान प्रतिरोध के मान पर निर्भर करता है, इस क्रम में बहने वाली धारा के मान की गणना निम्न सूत्र से निकालते हैं-

parallel Circuit

दोस्तों, यदि आपको मेरी प्रतिरोधों का समांतर क्रम संयोजन पोस्ट अच्छी लगी हो तो कमेंट व शेयर करें। पोस्ट पढ़ने के लिए धन्यवाद!

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3 thoughts on “प्रतिरोधों का समांतर क्रम संयोजन

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