
जैनी कैलिपर किसे कहते है? | जैनी कैलिपर के प्रकार
जैनी कैलीपर (Jenny caliper) को हर्माफ्रोडाइट कैलीपर या लैग कैलीपर भी कहा जाता हैं। यह मृदु इस्पात (स्टील) से बना होता है। वर्नियर कैलिपर द्वारा मापी गई नाप की ओर एक्यूरेसी माइक्रोमीटर से नापे जाने की तुलना में कम होती है। इसकी एक टाँग ( लेग ) विभाजक (Divider) की तरह सीधी एवं नुकीली होती है।
जैनी कैलिपर किसे कहते हैं?
“वह मार्किंग टूल (marking tool) जिसके द्वारा समांतर लाइने खींचने या बेलनाकार वस्तुओं के सेंटर ज्ञात करने में उपयोग किया जाता है, जैनी कैलिपर कहलाता है”।
यह ऑड लैग (odd leg), हर्माफ्रोडाइट(hermaphrodite) के नाम से भी जाना जाता है। यह डिवाइडर के समान ही एक यन्त्र होता है, जिसकी एक टाँग सीधी होती है तथा यह मार्किंग का काम करती है। इसकी दूसरी टाँग लगभग 5मिमी अन्दर या बाहर की ओर मोड़ दी जाती है। यह टाँग (leg) किसी सतह का अनुसरण (follow) करती है।
जैनी कैलिपर किस मैटीरियल के बनाए जाते है?
यह माइल्ड स्टील तथा हाई कार्बन स्टील से बनाए जाते हैं।
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जैनी कैलिपर (Jenny calliper) के प्रकार
यह दो प्रकार के होते हैं-
1) फिक्स्ड ज्वॉइण्ट जैनी कैलिपर
इसकी दोनों टाँगों की लम्बाई फिक्स्ड (fixed) रहती है तथा आवश्यकतानुसार घटाई-बढ़ाई जा सकती है।

2) एडजस्टेबिल प्वॉइण्ट जैनी कैलिपर
इस कैलिपर की सीधी नोंक वाली टाँग (leg) की लंबाई आवश्यकतानुसार घटायी-बढ़ायी जा सकती है। इसके लिए इस टाँग में नोक वाला भाग अलग से एक स्क्रू व नट की सहायता से फिट किया होता है।
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जब टाँग की लंबाई (length) घटानी-बढ़ानी होती है; तो नट (nut) को ढीला करके स्क्रू में नोंक को ऊपर-नीचे करते हैं। अधिक एक्युरेट माप के लिए Jenny calliper की नोंक वाली टाँग सीधी बनाई जाती है।

अन्य कैलिपर
1) हील टाइप जैनी कैलिपर
इस Jenny calliper की टाँग अन्दर की ओर मुढ़ी होती है, इसके द्वारा जॉब के बाहरी किनारे के समान्तर रेखाएँ खींचने में सहायता मिलती है।
2) बेंट टाइप जैनी कैलिपर
इस Jenny calliper की टाँग बाहर की ओर मुढ़ी होती है, इसके द्वारा जॉब के अन्दरूनी किनारे के समान्तर रेखाएँ खींचने में सहायता मिलती है।
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जैनी कैलिपर के उपयोग
- इसका उपयोग जॉब के अन्दरूनी (inside) व बाहरी (outer) कोरों के समांतर रेखाएँ खींचने के लिए किया जाता है।
- गोलाकार शाफ्ट का केन्द्र (सेंटर) निकालने में इसका प्रयोग (use) किया जाता है।
- आन्तरिक वक्राकार कोरों के सहारे समान्तर रेखाएँ (lines) खींचने में इसका प्रयोग किया जाता है।
- बाहरी कोर (outer core) के सहारे समान्तर रेखाएँ खींचने में भी इसका प्रयोग किया जाता है।
जैनी कैलिपर को प्रयोग करते समय सावधानियाँ
- इसके प्वॉइण्ट की धार तीव्र होनी चाहिए।
- इसका उपयोग मापे जाने वाले कार्यखण्ड (job) के अनुसार ही करना चाहिए।
- कार्यखण्ड के घूमते (moving) समय इसका प्रयोग नही करना चाहिए, रोकने के बाद करना चाहिए।
- इसके द्वारा मापते समय इसकी दोनों टाँगों को समान्तर (parallel) तथा कार्यखण्ड के समकोण पर रखना चाहिए।
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