फिक्स्चर, एक होल्डिंग डिवाइस है। इसमें जॉब को आसानी से पकड़ सकते हैं। यह प्रत्येक प्रक्रिया या ऑपरेशन के लिए अलग-अलग बनाया जाता है। इसमें जॉब को पकड़ने के बाद, जॉब पर आसानी से प्रक्रिया कर सकते हैं। (Fixture ke prakar in hindi)
फिक्स्चर के प्रकार
यह मुख्यत: पांच प्रकार के होते हैं, जो कि निम्न प्रकार से हैं-
1.वैल्डिंग फिक्स्चर
इसका उपयोग दो पाइपों के टुकड़ों को जोड़ने के लिए और किसी जॉब के पार्ट को किसी कोण पर जोड़ने के लिए किया जाता है।
इस टाइप के फिक्स्चर का उपयोग वैल्डिंग करने में किया जाता है। अधिकतर वर्कर बिना फिक्स्चर के वैल्डिंग करते हैं, लेकिन एक्युरेट वैल्डिंग नहीं हो पाती है। यदि किसी स्थान पर एक्युरेट वैल्डिंग करनी हो तो वहां पर फिक्स्चर का उपयोग करना चाहिए।
2.ड्रिलिंग फिक्स्चर
इस टाइप के फिक्स्चर का उपयोग ड्रिलिंग प्रक्रिया में जॉब को एक निश्चित अवस्था में जकड़ने के लिए किया जाता है।
अधिकतर वर्कर ड्रिलिंग प्रक्रिया में जॉब को बिना फिक्स्चर के ही काम चला लेते हैं। लेकिन इससे दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है। इसलिए, ड्रिलिंग करन के लिए भी फिक्स्चर बनाया जाता है। यह जॉब को जकड़ लेता है, लेकिन ड्रिल को गाइड नहीं करता है।
3.टर्निंग फिक्स्चर
इस टाइप के फिक्स्चर का उपयोग लेथ मशीन पर सिलेण्ड्रिल या गोलाकार जॉबों पर टर्निंग करने के लिए जॉब को जकड़ने के लिए किया जाता है।
इस प्रकार के फिक्स्चर को लेथ मशीन पर टूल पोस्ट के स्थान पर फिट किया जाता है। और जॉब की पकड़ बनाए रखता है।
4.ब्रोचिंग फिक्स्चर
इस प्रकार के फिक्स्चर का उपयोग ब्रोचिंग मशीन में जॉब को पकड़ने व लोकेट करने के लिए किया जाता है। इस फिक्स्चर के उपयोग से जॉब के होल व ‘की-वे’ में ब्रोचिंग आसानी से हो जाती है।
5.मिलिंग फिक्स्चर
इस प्रकार के फिक्स्चर का उपयोग मिलिंग मशीन पर मिलिंग करने वाले जॉब को जकड़ने के लिए किया जाता है।
इस प्रकार के फिक्स्चर अधिक मजबूत बनाए जाते हैं, क्योंकि मिलिंग मशीन अधिक कंपन उत्पन्न होता है। जिससे जॉब को ज्यादा मजबूती से जकड़ा जाता है।
6.स्लॉटर फिक्स्चर
इस प्रकार के फिक्स्चर का उपयोग स्लॉटर मशीन पर जॉब को जकड़ने के लिए किया जाता है।
स्लॉटर मशीन में फिक्स्चर को मशीन के टेबल में बने ‘टी’ स्लॉट में पकड़ा जाता है। जिससे यह प्रक्रिया करते समय इधर-उधर नहीं जाता है। और साथ में ही जॉब को भी हिलने नहीं देता है।
7.असेम्बली फिक्स्चर
इस टाइप के फिक्स्चर का उपयोग असेंबली करने में किया जाता है। इसमें जॉब के पार्ट को एक निश्चित स्थान पर जकड़ा जाता है। इसके बाद रिवेटिंग, वैल्डिंग, जैसी आवश्यक प्रक्रियाएं की जाती है। फिक्स्चर के उपयोग से जॉब व टूल को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचता है। और असेंबली भी आसानी से हो जाती है।
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4 thoughts on “फिक्स्चर कितने प्रकार के होते हैं?”