दोस्तों, मैंने इस पोस्ट में ग्लोब वाल्व के बारे में बताया है, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़कर ग्लोब वाल्व की जानकारी प्राप्त कर सकते हो।
ग्लोब वाल्व के बारे में (About of Globe Valve)
ग्लोब वाल्व का उपयोग द्रव व गैस दोनों को कंट्रोल करने के लिए किया जाता है, इसलिए इसका उपयोग अधिकतर पाइपिंग में किया जाता है।
इसको ग्लोब वाल्व इसलिए कहते हैं, क्योंकि इसकी बॉडी के बीच का भाग ग्लोब के समान होता है, या इसको अंडाकार भी कह सकते हैं।
यह वाल्व आपको अधिकतर कंपनियों में फूड इंडस्ट्री, फार्मा इंडस्ट्री, पेट्रोलियम प्लांट, रिफाइनरी प्लांट आदि में देखने को मिल जाएगा।
इसका उपयोग पेट्रोल प्लांट पेट्रोल के फ्लो को कंट्रोल करने के लिए किया जाता है। ठीक इसी प्रकार अन्य प्लांट में किसी-न-किसी लिक्विड या द्रव के फ्लो को कंट्रोल करने के लिए किया जाता है।
इस ग्लोब वाल्व को उपयोग में लाते समय फ्लो को कंट्रोल करने के लिए स्टैम का सहारा लेना पड़ता है।
स्टैम के सबसे ऊपर एक हैण्ड व्हील लगा होता है, जिसको क्लॉकवाइज घुमाने पर स्टैम भी क्लॉकवाइज घूमती हुई नीचे की ओर जाती है और फ्लो को कम करने लगती है। ठीक इसी प्रकार जब हैण्ड व्हील को एंटीक्लॉकवाइज घुमाया जाता है, तब स्टैम ऊपर की ओर आती है और द्रव को आगे जाने देती है।
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ग्लोब वाल्व के प्रकार (Types of Globe Valve)
यह मुख्यत: तीन प्रकार के होते हैं-
1.’जेड’ टाइप
इस प्रकार के ग्लोब वाल्व का उपयोग ऐसे स्थान पर किया जाता है, कि जहां पर फ्लो का प्रेशर कम करना हो। इसको ‘टी’ टाइप वाल्व भी कहते हैं।
2.’वाई’ टाइप
इसका उपयोग प्रेशर को कम करने के लिए किया जाता है।
3.एंगल टाइप
इस प्रकार के वाल्व का उपयोग फ्लो को कंट्रोल करने के साथ दिशा बदलने के लिए किया जाता है।
जब किसी स्थान पर फ्लो कंट्रोल के साथ में 90° पर मोड़कर द्रव को ले जाना हो तो एंगल टाइप ग्लोब वाल्व का उपयोग किया जाता है।
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Very good aap jo bata rahe ho (Globe Valve) ke bare mai bilkul sahi hai