दोस्तों, मैंने इस पोस्ट में ऊष्मा संचरण क्या है? और इसकी विधियों का वर्णन किया है, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो, तो पोस्ट को पूरा पढ़िए। तो चलिए शुरू करते हैं-
ऊष्मा संचरण क्या है?
ऊष्मा का स्थान से दूसरे स्थान पर जाना ऊष्मा का संचरण (Transmission of Heat) कहलाता है।
ऊष्मा संचरण की विधियां
इसकी तीन विधियां हैं, जो कि निम्न प्रकार से हैं-
1.चालन
वह विधि, जिसमें ऊष्मा किसी पदार्थ के एक कण से दूसरे कण में जाती है, परन्तु कण अपना स्थान नहीं छोड़ता चालन (Conduction) कहलाती है।
2.संवहन
वह विधि, जिसमें पदार्थ के कण ऊष्मा के स्त्रोत से ऊष्मा लेकर अन्य भागों में चले जाते हैं तथा उनके स्थान पर दूसरे कण ऊष्मा लेने स्त्रोत के पास आ जाते हैं, संवहन (Convection) कहलाता है।
3.विकिरण
वह विधि, जिसमें ऊष्मा बिना किसी माध्यम के एक स्थान से दूसरे स्थान को चली जाती है, विकिरण (Radiation) कहलाता है।
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चालन, संवहन तथा विकिरण में अन्तर
क्र.सं. | चालन | संवहन | विकिरण |
1. | इसमें ऊष्मा का संचरण माध्यम के कणों द्वारा होता है। | इसमें ऊष्मा का संचरण माध्यम के कणों द्वारा होता है। | इसके लिए माध्यम की आवश्यकता नहीं होती। |
2. | इसमें ऊष्मा का संचरण टेढ़े-मेढ़े मार्ग से होता है। | इसमें ऊष्मा का संचरण टेढ़े-मेढ़े मार्ग से ही सम्भव है। | इसमें ऊष्मा का संचरण हमेशा सरल रेखीय मार्ग में होता है। |
3. | चालन में माध्यम के कण अपना स्थान नहीं छोड़ते। | संवहन में माध्यम के कण अपना स्थान नहीं छोड़ते। | विकिरण में यदि माध्यम हो, तो माध्यम के कणों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। |
4. | यह केवल ठोसों में सम्भव है। | यह द्रव व गैस दोनों में सम्भव है। | यह केवल पारदर्शी माध्यम में सम्भव है। |
5. | इसमें ऊष्मा का संचरण धीरे-धीरे होता है। | इसमें भी ऊष्मा का संचरण धीरे-धीरे होता है। | इसके द्वारा ऊष्मा, प्रकाश की चाल से चलती है। |
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It is very easy to learn thanks
आसान भाषा में आपने अच्छे से समझा दिया। इसके लिए आपका शुक्रिया।