दोस्तों, मैंने इस पोस्ट में विकृति क्या है? विकृति के प्रकार व मात्रक इत्यादि के बारे में बताया है, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़िए। तो चलिए शुरू करते हैं-
विकृति क्या है? (What is Strain)?)
जब किसी वस्तु पर बल लगाया जाता है, तब प्रतिबल के कारण वस्तु के आकार में परिवर्तन होता है, वस्तु के आकार में परिवर्तन व मूल आकार के अनुपात को विकृति (Strain) कहते हैं। इसको अंग्रेजी के अक्षर ‘e’ द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
विकृति (e) = आकार में परिवर्तन/मूल आकार
विकृति का मात्रक
इसका कोई मात्रक नहीं होता है, क्योंकि यह ही प्रकार की दो राशियों का अनुपात है।
विकृति के प्रकार (Types of Strain)
यह तीन प्रकार की होती हैं, जो कि निम्न प्रकार से हैं-
1.अनुदैर्ध्य विकृति (Longitudinal Strain)
जब किसी वस्तु पर विरूपक बल लगाया जाता है, तो वस्तु की लम्बाई में परिवर्तन होता है, तब हुए वस्तु की लम्बाई में परिवर्तन व मूल लम्बाई के अनुपात को अनुदैर्ध्य विकृति (Longitudinal Strain) कहते हैं।
वस्तु की मूल लम्बाई या प्रारम्भिक लम्बाई को अंग्रेजी के बड़े अक्षर ‘L’ द्वारा प्रदर्शित किया जाता है, और वस्तु की लम्बाई में हुए परिवर्तन को अंग्रेजी के छोटे अक्षर ‘l’ द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
अनुदैर्ध्य विकृति = लम्बाई में परिवर्तन / प्रारम्भिक लम्बाई
अनुदैर्ध्य विकृति = l/L
More Information:- प्रतिबल क्या है? प्रतिबल के प्रकार
2.आयतन विकृति (Volumetric Strain)
जब किसी वस्तु पर विरूपक बल लगाया जाता है, तो वस्तु के आयतन में परिवर्तन होता है, तब हुए वस्तु के आयतन में परिवर्तन व मूल आयतन के अनुपात को आयतन विकृति (Volumetric Strain) कहते हैं।
वस्तु के मूल आयतन या प्रारम्भिक आयतन को अंग्रेजी के बड़े अक्षर ‘V’ द्वारा प्रदर्शित किया जाता है, और वस्तु के आयतन में हुए परिवर्तन को अंग्रेजी के छोटे अक्षर ‘v’ द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
आयतन विकृति = आयतन में परिवर्तन / प्रारम्भिक आयतन
आयतन विकृति = v/V
3.अपरूपण विकृति
किसी वस्तु के आयतन में परिवर्तन किये बिना, वस्तु आकार में परिवर्तन को अपरूपण विकृति कहते हैं।
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