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प्रेरण मोटर का कार्य सिद्धान्त | विस्तृत जानकारी

induction motor ka karya siddhant

प्रेरण मोटर (Induction Motor) एक ऐसी मशीन होती है जो बिजली को मेकेनिकल ऊर्जा में परिवर्तित करती है। इसका प्रमुख उपयोग मोटर (Motor) के रूप में होता है, जो विभिन्न प्रकार के उद्योगों और घरेलू उपयोग में किया जाता है।

प्रेरणी मोटर (इण्डक्शन मोटर), जिसे अतुल्यकालिक मोटर (asynchronous motor) भी कहा जाता है, एक प्रकार का AC इलेक्ट्रिक मोटर होता है जो प्रत्यावर्ती धारा से काम करता है। इसके रोटर की कोणीय चाल स्टेटर वाइण्डिंग द्वारा पैदा की गई घूर्णी चुम्बकीय क्षेत्र की कोणीय चाल से कम होती है।

प्रेरण मोटर के तत्व (Components of Induction Motor)

प्रेरण मोटर के मुख्य दो तत्व होते हैं:

  1. स्थिर भाग (Stator): यह मोटर का बाह्य भाग होता है जिसमें विंडिंग्स (Windings) होती हैं। इसे AC ऊर्जा प्रदान की जाती है।
  2. चल भाग (Rotor): यह मोटर का अंदरूनी हिस्सा होता है जिसमें भी विंडिंग्स होती हैं। यह स्थिर भाग के बीच घूमता है।

जब स्टेटर winding को three फेज सप्लाई से संयोजित किया जाता है, तो स्टेटर winding से घूर्णीय चुम्बकीय क्षेत्र (रोटेटिंग मैग्नेटिक फील्ड) उत्पन्न होता है, जो सदैव सिंक्रोनस स्पीड से घूमता है। यह घूर्णीय चुम्बकीय क्षेत्र वायु अन्तराल को पार कर रोटर चालकों से जुड़ कर रोटर में बलाघूर्ण (EMF) उत्पन्न करता है जिससे रोटर घूमने लगता है। इसलिए, इंडक्शन मोटर को Asynchronous Motor कहा जाता है क्योंकि इसकी स्पीड हमेशा सिंक्रोनस स्पीड से कम होती है।

प्रेरण मोटर का कार्य सिद्धान्त  विस्तृत जानकारी
प्रेरण मोटर का कार्य सिद्धान्त विस्तृत जानकारी

प्रेरण मोटर का कार्य सिद्धान्त (Working Principle of Induction Motor)

प्रेरण मोटर का कार्य सिद्धान्त फराडे के विद्युत प्रेरण (Faraday’s Law of Electromagnetic Induction) पर आधारित है। जब एक AC ऊर्जा स्रोत से स्थिर भाग को ऊर्जा प्रदान की जाती है, तो यह एक घूमते हुए मग्नेटिक क्षेत्र (Rotating Magnetic Field) उत्पन्न करता है। यह मग्नेटिक क्षेत्र चल भाग में विद्युत प्रेरण (Electric Induction) उत्पन्न करता है जिसके कारण चल भाग घूमने लगता है।

प्रेरण मोटर के प्रकार (Types of Induction Motor)

प्रेरण मोटर के दो मुख्य प्रकार होते हैं –

  • एककलीन (Single Phase) प्रेरण मोटर,
  • तीनकलीन (Three Phase) प्रेरण मोटर

उनके चयन का आधार ऊर्जा की आवश्यकता, अनुप्रयोग, और लागत पर होता है।

इंडक्शन मोटर के रोटर दो प्रकार के होते हैं:

  • वूंड टाइप रोटर (Wound Type Rotor),
  • स्कावायारल केज टाइप रोटर (Squirrel Cage Rotor).

इसकी स्पीड और सिंक्रोनस स्पीड के अंतर को स्लिप कहा जाता है जो हमेशा प्रतिशत में इंडक्शन मोटर के नेम प्लेट पर लिखा होता है।

सिंक्रोनस स्पीड (synchronous speed) इंडक्शन मोटर के रोटर में चुम्बकीय क्षेत्र की स्पीड होती है। इसका मापदंड Ns = (120f)/P सूत्र से निर्धारित किया जाता है, जहां Ns सिंक्रोनस स्पीड है, f आरोपित वोल्टेज की फ्रीक्वेंसी है, और P पोल की संख्या है। इंडक्शन मोटर हमेशा सिंक्रोनस स्पीड से कम स्पीड पर घूमता है।

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