दोस्तों, मैंने इस पोस्ट में बॉयल के नियम का वर्णन किया है, और इसके कुछ सवालों का जिक्र किया है। यदि आप पढ़ना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़िए। तो चलिए शुरू करते हैं-
बॉयल का नियम (Boyle’s Law)
यह नियम आदर्श गैसों पर लागू होता है, इस नियम के अनुसार, “स्थिर ताप पर किसी गैस का दिया गया आयतन उसके दाब के व्युत्क्रमानुपाती होता है।”
दोस्तों, जब गैस को ताप न दिया जाए, तब यदि गैस का आयतन बढ़ा दें, तो गैस पर लगने वाले दाब में कमी आ जाएगी। अर्थात् आयतन बढ़ने पर दाब कम हो जाएगा।
जब गैस पर दाब बढ़ा दिया जाए, तब गैस का आयतन कम हो जाएगा।
V ∝ 1/P
V = K/P
PV = K
जहां, V = गैस का आयतन
P = गैस पर लगने वाला दाब
K = यह एक नियतांक है
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इसी प्रकार स्थिर तापमान पर किसी गैस की निश्चित मात्रा का आयतन V1, V2, V3 हों और दाब P1, P2, P3 आदि हों, तो
P1V1 = P2V2 = P3V3 = ….. = K (नियतांक)
उदाहरण:- एक गैस का आयतन 770 मिमी दाब पर 403 सेमी³ है। उसका दाब 910 मिमी पर आयतन ज्ञात कीजिए।
हल:- P1 = 770मिमी
V1 = 403 सेमी³
P2 = 910 मिमी
V2 = ?
सूत्र से, P1V1 = P2V2
V2 = P1V1/P2
V2 = 770 × 403/910
V2 = 341 सेमी³
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