एक अल्टरनेटर एक विद्युत जनरेटर है जो यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में प्रत्यावर्ती धारा के रूप में परिवर्तित करता है। किसी भी ऐसी विद्युत जनरेटर को एक अल्टरनेटर कहा जा सकता है, लेकिन आमतौर पर यह शब्द ऑटोमोटिव और अन्य आंतरिक दहन इंजनों द्वारा संचालित छोटी घूर्णन मशीनों को संदर्भित करता है।
अल्टरनेटर किसे कहते हैं?
ऐसा यंत्र जिसका उपयोग यांत्रिक ऊर्जा को प्रत्यावर्ती विद्युत धारा में बदलने के लिए किया जाता है, उसे अल्टरनेटर (Alternator) कहते हैं।
यह एक एसी जनरेटर होता है इसी से प्रत्यावर्ती धारा उत्पन्न की जाती है। जो कि 11kv से 33kv तक की होती है।
अल्टरनेटर किस सिद्धांत पर कार्य करता है?
यह फैराडे के विद्युत चुंबकीय प्रेरण के सिद्धांत पर काम करता है।
अल्टरनेटर के मुख्य भाग होते हैं?
दोस्तों, इसके कई भाग होते हैं, इसमें आपको कुछ भागों के बारे में मिलेगा। जो कि निम्न प्रकार से हैं-
1.बॉडी
दोस्तों, यह भाग लगभग सभी प्रकार के यंत्रों में होता है, अल्टरनेटर के बाहरी भाग को body or frame कहते हैं। मशीन का यह भाग Cat Steel or Cast iron का बना होता है।
Body के दोनों ओर दो साइड प्लेटे होती हैं, जो कि यह अन्य सभी भागों को ढक लेती हैं। Body पर आवश्यकतानुसार, आई- बोल्ट, Legs आदि वैल्ड कर दिए जाते हैं।
इसमें मुख्य रूप से Armature Core होती है। इन Cores की आन्तरिक परिधि (inner Circumstance) पर Slots कटी होती हैं, इन Slots में Armature Coils स्थापित की जाती हैं।
आर्मेचर कोर को एक छल्ले के रूप में मशीन की body or frame में फिट कर दिया जाता है। AC Current छति का मान कम रखने के लिए आर्मेचर कोर को Silcon Steel की अलेपित पत्तियों को जोड़कर बनाए जाते हैं। इन पत्तियों में डक्ट्स बनाए जाते हैं, जिसके द्वारा Air प्रभावित होती है। यह Air मशीन को ठंडा बनाए रखती है। इसमें Slots मुख्यत: दो प्रकार के होते हैं, जो कि निम्न प्रकार से हैं-
- खुला (Open)
- अर्द्ध बंद (Semi Close)
2.रोटर
Alternator में चुम्बकीय क्षेत्र स्थापित करने वाले भाग को रोटर (Rotor) कहते हैं। Rotar पर क्षेत्र Coils स्थापित की जाती है और उन्हें एक अलग DC, जनित्र (शंट या कम्पाउण्ड) से डीसी सप्लाई प्रदान की जाती है। Rotor मुख्यत: दो प्रकार के होते हैं, जो कि निम्न प्रकार से हैं-
(i)सेलिएट पोल रोटर (Salient Pole Rotor)
दोस्तों, इस प्रकार के रोटर का यूज निम्न व मीडियम घूर्णन गति वाले अल्टरनेटर्स (Alternators) में किया जाता है। इसे बनाने के लिए Steel-Stampings यूज की जाती है। इसमें Coils को स्थापित करने के लिए आवश्यक स्थान होता है और यह Rotor गति करते समय अधिक आवाज (शोर) करता है। इस रोटर 6 से 40 तक पोल्स होते हैं।
सेलिएट पोल रोटर का use 375 से 1000 R.P.M. घूर्णन गति वाले Hydro-Alternator में किया जाता है।
(ii)बेलनाकार पोल रोटर (Cylindrical Pole Rotor)
इस प्रकार के रोटर का use उच्च गति वाले अल्टरनेटर्स में किया जाता है। इस Rotor की लम्बाई अधिक व व्यास कम होता है। यह ठोस स्टील (Solid Steel) का बनाया जाता है। इसमें field winding स्थापित करने के लिए इसकी परिधि पर खांचे काटे जाते हैं।
बेलनाकार पोल रोटर की घूर्णन गति 1500 से 3000 R.P.M. तक और आउटपुट 50,000 KVA से 2,00,000 KVA तक होता है। इसका यूज Steam-Turbine Alternator व Tubo-Alternators में किया जाता है।
3.एक्साइटर (Exciter)
यह एक शंट वाउण्ड अथवा कम्पाउण्ड DC जनित्र होता है, जिसे Rotor Shaft पर ही फिट किया जाता है। यह जनित्र द्वारा उत्पन्न किया गया DC वि.वा.बल (250 वोल्ट तक) दो Slip-Rings के द्वारा Rotor Coils को प्रदान किया जाता है।
Exciter के श्रेणी-क्रम में रिहोस्टेट संयोजित करके रोटर के चुम्बकीय क्षेत्र की उत्तेजना को घटाया-बढ़ाया जा सकता है।
Alternator FAQ
1.Alternator क्या होता है?
यह एक ऐसा जनरेटर होता है, जो कि A.C. पैदा करता है।
2.Alternator की Voltage किन बातों पर निर्भर करती है?
इसकी Voltage, एक्साइटिंग करंट पर निर्भर करती है।
3.Alternator के मुख्य भाग कौन-से होते हैं?
बॉडी, रोटर, एक्साइटर
4.रोटर में किस तरह के पोल बनते हैं?
इसमें स्थिर पोल बनते हैं।
5.अल्टरनेटर के Rotor में कितने Slip Ring होते हैं?
इसमें दो स्लिप रिंग्स होती हैं।
6.किस अल्टरनेटर में सेलिएंट पोल रोटर use किया जाता है?
सेलिएंट पोल रोटर का use कम गति वाले Hydro Generators में किया जाता है।
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