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रीमर के प्रकार

रीमर के बारे में

Types of Reamer

रीमर को हाथ (hand) द्वारा या मशीन (machine) द्वारा घुमाकर (turn) प्रयोग किया जाता है। इसी के आधार पर यह दो प्रकार के होते हैं-

(1.)हैण्ड रीमर

इस प्रकार के रीमरों में शैंक (shank) के ऊपर एक चौकोर (square) टैंग (tang) होती है। इस चौकोर टैंग को हम किसी रिंच (wrench) या हैण्डिल में बने ग्रूव में आसानी पकड़ सकते हैं तथा आसानी से हाथ द्वारा (by hand) घुमा (turn) सकते हैं। अधिकतर हैण्ड रीमर क्लॉक बाइज घुमाने पर काटते हैं। हेलिक्स फ्लूट रीमर का हेलिक्स बाईं ओर होता है। इसकी शैंक सीधी (parallel) होती है। और रीमिंग के समय चिटचिटाहट को कम करने के लिए अधिकतर रीमर हैण्ड रीमर में असामान्य दाँते पाए जाते हैं। हैण्ड रीमर निम्न प्रकार के होते हैं-

(a.)पैरेलल हैण्ड रीमर

इसकी बॉडी बेलनाकार (cylindrical) होती है, जिस पर समांतर फ्लूट्स (parallel flutes) बने होते हैं। यह फ्लूट्स सीधे (straight) या घुमावदार (helical) होते हैं। इस प्रकार के रीमर की बॉडी के निचले भाग पर चैम्फर दिया जाता है, जिससे यह आसानी से ड्रिल किए गए छिद्र (hole) में प्रवेश कर सके। इसके द्वारा 0.05 से 0.125 मिमी तक धातु को काटा जा सकता है।

(b.)टेपर हैण्ड रीमर

इस रीमर की बॉडी शंक्वाकार (conical) होती है, जिसमें कोई भी स्टैण्डर्ड टेपर दिया होता है। इसकी बॉडी पर सीधे या घुमावदार (straight or helical) फ्लूट्स बने होते हैं। इसका प्रयोग टेपर पिन के लिए छिद्रों (holes) में टेपर देने के लिए किया जाता है। और ड्रिल होल (drill hole) को टेपर करने के लिए पहले रफ रीमर का प्रयोग किया जाता है तथा बाद में फाइन रीमर के द्वारा फिनिशिंग (finishing) की जाती है।

(c.)पायलट हैण्ड रीमर

इसमें रीमर को छिद्र में सीधा गाइड करने के लिए बॉडी के अन्त में एक पायलट (pilot) बना दिया जाता है। यह पायलट होल के साइज का होता है और रीमर को सीधा (straight) रखता है।

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(d.)एडजस्टेबिल हैण्ड रीमर

इस रीमर की बॉडी पर टेपर में स्लॉट्स (slots) बने होते हैं, जिनमें उसी टेपर में बने कटिंग ब्लेड स्लाइड कर सकते हैं। इस प्रकार रीमर की कटिंग एजेज एक -दूसरे के पैरेलल (parallel) रहती हैं। इन ब्लेडों को पकड़े रखने के लिए विशेष बनावट के दो नट रीमर की बॉडी पर बनी चूड़ियों में कसे (tight) जाते हैं। इनके बीच में कटिंग ब्लेड (cutting blade) रहते हैं। यदि बॉडी पर ब्लेड नीचे एडजस्ट होते हैं तो रीमर का साइज कम होता है। साइज बढ़ाने के लिए ब्लेडों को रीमर में ऊपर एडजस्ट किया जाता है। क्योंकि इस रीमर का कोई भी साइज एडजस्ट किया जा सकता है, इसलिए इसे एडजस्टेबिल हैण्ड रीमर (adjustable hand reamer) कहते हैं।

(e.)एक्सपैन्शन हैण्ड रीमर

इस रीमर की बॉडी को स्पिलट (split) किया होता है तथा निचले सिरे पर एक टेपर होल होता है जिसमें चूड़ियाँ (threads) कटी होती हैं। इसमें एक चूड़ीयुक्त टेपर प्लग लगाया जाता है। जब प्लग को टाइट किया जाता है तो बॉडी फैलती है। एक्सपैन्शन रीमर बड़े साइज के होल को रीमिंग करने के लिए उपयोगी है।

(f.)टेपर पिन हैण्ड रीमर

बहुत-सी मशीनों में शाफ्ट तथा हब का अस्थायी जोड़ (semiparamanant joint) बनाने के लिए टेपर पिन का उपयोग किया जाता है। ये टेपर पिन स्टैण्डर्ड टेपर (standard taper) में बाजार में उपलब्ध रहती हैं। इन्हीं टेपर पिनों के टेपर के अनुसार बाजार में टेपर रीमर उपलब्ध रहते हैं। ये टेपर रीमर ड्रिल किए गए होल को टेपर होल में बदलते हैं। ये रीमर स्ट्रेट फ्लूट्स (straight flutes) तथा हैलिकल फ्लूट्स (helical fultes) दोनों प्रकार के होते हैं।

(2.)मशीन रीमर

ये रीमर मशीनों द्वारा प्रयोग किए जाते हैं। इस प्रकार के रीमर अधिकतर टेपर शैंक के होते हैं जिन पर एक फ्लैट टैंग (flat tang) बनी होती है। यह टेपर शैंक मशीन के स्पिण्डल (machine spindle) में फिट हो जाती है। फ्लैट टैंग स्पिण्डल में फँस जाती है तथा इसे स्पिण्डल के साथ फिक्स कर देती है।

(a.)रोज मशीन रीमर

इसके निचले सिरे पर 45° में चैम्फर (chamfer) कर दिया जाता है, इस कटिंग के कारण रीमर का निचला सिरा ही कटिंग करता है। इसीलिए इसकी लैण्ड (land) पर क्लीयरैन्स (clearance) नहींं दिया जाता। इसका प्रयोग हैण्ड रीमिंग से पूर्व रफ रीमिंग (ruf reaming) करने के लिए किया जाता है।

(b.)जिग मशीन रीमर

यह रीमर जिग प्लेट में लगे गाइड बुश (guide bush) से गाइड होकर रीमिंग करता है, इसीलिए इसको जिग रीमर (jig reamer) कहते हैं। इस रीमर के शैंक व बॉडी के बीच में कुछ लम्बाई तक गाइड बुश के व्यास के समान बेलनाकार सतह (cylinderical surface) बनाई जाती है। रीमिंग करते समय यह सतह गाइड बुश के अन्दर रहती है, जिससे रीमर की लोकेशन में शुद्धता (accuracy) आती है। इसका उपयोग बहुत उत्पादन (mass production) के लिए किया जाता है।

(c.)शैल मशीन रीमर

इस रीमर की बॉडी अन्दर से खोखली (hollow) तथा टेपर (taper) में होती है, जिसमें एक आर्बर फिट करके रीमर को उपयोग में लाया जाता है। आर्बर का अगला भाग टेपर में होता है, जो रीमर की बॉडी के टेपर के अनुरूप होता है। आर्बर की स्नग (snug) या पिन बॉडी में बने स्नग होल (snug hole) में फिट हो जाती है। आर्बर के द्वारा ही रीमर की बॉडी को घुमाया (turn) जाता है। एक ही आर्बर को कई साइज या शैल की रीमर बॉडी के लिए उपयोग किया जा सकता है। यह शैल रीमर बड़े साइज के रीमरों के लिए उपयोग (use) किया जाता है।

(d.)फ्लूटेड मशीन रीमर

इन रीमरों में फ्लूट्स अधिक संख्या में होते हैं, जिनके लैण्ड पर मार्जिन (margin) तथा बॉडी क्लीयरैन्स होती है। इसके द्वारा शुद्ध (accurate) तथा अधिक फिनिश सतह (finished surface) प्राप्त होती है। अधिक शुद्धता के लिए इनमें गाइड (guide) भी लगी रहती है।

(e.)एडजस्टेबिल मशीन रीमर

इस प्रकार के रीमर का सिद्धान्त (principle) तथा बनावट (structure) एडजस्टेबिल हैण्ड रीमर के समान होती है। इसके ब्लेड्स को बाहर निकालकर धार लगाई जा सकती है तथा दो गाइड नटों (two guide nuts) की सहायता से किसी भी साइज के लिए एडजस्ट किया जा सकता है। यह दो प्रकार के होते हैं-

  1. पैरलल (parallel)
  2. टेपर (taper)

(f.)टेपर मशीन रीमर

ये रीमर मशीन के स्पिण्डल (spindle) में सीधे ही फिट हो जाते हैं। इनकी बॉडी टेपर में होती है, यह टेपर होल की रीमर करती है। और टेपर रीमर करने के लिए होल में पहले स्टैप ड्रिलिंग (step drilling) की जाती है। इसके बाद रफ रीमिंग तथा बाद में फिनिशिंग रीमिंग (finishing reaming) की जाती है।

रीमर की विशिष्टियाँ

इसको खरीदते (buy) समय या किसी प्रक्रिया (any process) के लिए चुनते (choose) समय चार बातों का ज्ञात होना आवश्यक होता है

  • रीमर का प्रकार- हैण्ड रीमर या मशीन रीमर।
  • शैंक का प्रकार- टेपर शैंक या पैरलल शैंक।
  • फ्लूट का प्रकार- स्ट्रेट फ्लूट या हेलिकल फ्लूट।
  • रीमर का साइज- कितने बड़े होल के लिए रीमर चाहिए।

जैसे- हैण्ड रीमर हेलिकल फ्लूट (helical flutes) टेपर शैंक 12 मिमी।

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