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सोल्डरिंग आयरन क्या है तथा इसकी संरचना

सोल्डरिंग आयरन क्या है।

सोल्डरिंग आयरन क्या है?

“सोल्डरिंग प्रक्रिया करने के लिए जिस टूल को गर्म करके सोल्डर को पिघलाने का काम किया जाता है, सोल्डरिंग आयरन (soldering iron) कहलाता है।”
इसका उपयोग सोल्डर को पिघलाने तथा जोड़ी जाने वाली धातु (metal) को गर्म करने के लिए किया जाता है।

संरचना

इसके के निम्नलिखित भाग होते हैं-

(i) हैड

यह ताँबे का बना होता है, क्योकि ताँबे (copper) की चालकता अधिक होती है, इसलिए ताँबे में ताप का संचालन तेजी से होता है। और यह सोल्डर (solder) को आसानी से चिपका लेता है तथा शीघ्रता से पिघला भी देता है।

What is soldering iron

(ii) कोर

यह हैड के सबसे नीचे का भाग (part) होता है, और इसका आकार अंग्रेजी के ‘V’ अक्षर के समान होता है। इसका आकार आवश्यकता के अनुसार बदलता रहता है। और कोर ही सोल्डरिंग आयरन का वह भाग है, जोकि गर्म होकर सोल्डरिंग प्रक्रिया (process) करता है, अत: कारीगर soldering iron के इसी भाग पर ही फ्लक्स लगाकर सोल्डरिंग प्रक्रिया करता है।

(iii) हैण्डिल

यह लकड़ी (wood) का बना होता है, क्योंकि लकड़ी ऊष्मा की सबसे अच्छी कुचालक होती है। अत: कारीगर soldering iron के इसी भाग (हैण्डिल) को पकड़कर सोल्डरिंग (soldering) प्रक्रिया करता है।

(iv) शैंक

यह हैड तथा हैण्डिल (handle) के बीच वाला भाग होता है। यह लोहे की बनी होती है। इसके द्वारा ही ऊष्मा का संचालन हैड तक हो पाता है।

सोल्डरिंग आयरन के प्रकार

यह निम्न दो प्रकार की होती है-

1.यान्त्रिक सोल्डरिंग आयरन

इस प्रकार की सोल्डरिंग आयरन की बिट (bit) को ब्लो लैम्प अथवा भट्ठी में गर्म करने के बाद सोल्डरिंग प्रक्रिया की जाती है। यह निम्न दो प्रकार के होते हैं-

(i) हैचेट

इस प्रकार के सोल्डरिंग आयरन की कोर त्रिभुजाकार आकृति (shape) की बनी होती है। और इस त्रिभुज का हैड नीचे की ओर रहता है, तथा इसी हैड के द्वारा सोल्डरिंग की जाती है।

(ii) वर्गाकार नोंकदार

इस प्रकार के सोल्डरिंग आयरन में चारों फेस को एक कोण (angle) पर पिरामिड के आकार में बना लिया जाता है । इसका उपयोग जोड़ बिन्दुओं पर टाँका लगाने के लिए किया जाता है।

2.वैद्युतिक सोल्डरिंग आयरन

इसका उपयोग विद्युत संयोजनों में किया जाता है । इनकी शैंक (shank) से होकर हीटिंग एलीमेण्ट कॉपर बिट तक पहुंचता है। जैसे ही इस एलीमेण्ट में विद्युत धारा प्रवाहित होती है , यह गर्म होने लगता है। जिसके कारण कॉपर धातु (metal) का बना हुआ बिट भी गर्म होने लगता है ।
यह आयरन की बाजार (market of iron) में मीडियम डयूटी के 100 से 250 वाट तक की रेंज में तथा हैवी डयूटी के 250 से 500 वाट तक की रेंज में मिलते हैं।

More Information:- सोल्डर क्या है? तथा इसके प्रकार

My Website:- iticourse.com

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