
सोलर सैल / बैट्री क्या है? | उपयोग | सिंबल
नमस्कार दोस्तों क्या आप सोलर सेल या बैटरी के बारे में जानना चाहते हैं तो अगर आप सोलर सेल या बैटरी के बारे में जानना चाहते हैं तो हमने इस लेख के माध्यम से आपको सोलर के बारे में पूरी जानकारी देने का प्रयास किया है. तो आप इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें आपको आपके सभी सवालों के जवाब इस लेख में मिलने वाले हैं. तो चलिए जानते हैं सोलर सेल या बैटरी के बारे में और इसके उपयोग कौन-कौन से हैं? इसका सिंबल कैसा होता है? और यह काम कैसे करते हैं चलिए जानते हैं.

सोलर सैल / बैट्री क्या होता है?
सोलर सैल , सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करने वा युक्ति है । एक सोलर सैल को इस प्रकार डिजाइन किया जाता है कि सूर्य की किरणें उसकी सतह पर सीधे आपतित हों । सोलर सैल , प्रकाश वोल्टीय सिद्धान्त पर कार्य करता है अर्थात् इसमें प्रकाशीय फोटॉन के आपतन के कारण विभव उत्पन्न होता है ।

सोलर सैल में बाह्य बायसीकरण की आवश्यकता नहीं होती है । अधिक मात्रा में प्रकाश को आपतित कराने के लिए सोलर सैल में सतह क्षेत्र को ज्यादा रखते हुए डिजाइन किया जाता है , ताकि अधिक मात्रा में धारा उत्पन्न हो सके । नीचे दी गई फोटो में सोलर सैल द्वारा सूर्य की किरणों से विद्युत उत्पन्न करते हुए दिखाया गया है ।
सोलर सैल प्लेट को नीचे दी गई फोटो में तथा इसमें प्रतीक को भी दिखाया गया है । सोलर सैल का प्रतीक , सोलर सैल प्लेट सोलर सैल को फोटो वोल्टिक सैल के नाम से भी जाना जाता है । अधिकतम वोल्टेज प्राप्त करने के लिए सोलर सैलों को श्रेणीक्रम में लगाकर उपयोग में लेते हैं तथा अधिकतम धारा प्राप्त करने के लिए सोलर सैलों को समानान्तर क्रम में लगाकर उपयोग में लेते हैं ।
सोलर सैल का प्रतीक चिन्ह? | solar cell symbol

सोलर सैल के उपयोग? | Uses of Solar Cells
सोलर सैल के प्रमुख उपयोग निम्न प्रकार हैं-
महत्वपूर्ण लिंक: ITI संस्थान के विभिन्न भागों का भ्रमण एवं अवलोकन
- प्रकाश की तीव्रता नापने के लिए सूक्ष्म फोटो मीटरों में ।
- प्रकाश – विद्युत गणित्रों ( जिससे कि वस्तुओं या मनुष्यों की गिनती की जाती है ) में ।
- यातायात नियंत्रण संकेतों , सड़क पर लगी प्रकाश बत्तियों , स्वचालित दरवाजों आदि में ।
- सौर ऊर्जा प्राप्त करने के लिए सौर बैट्रियों में ।
- सिनेमाघरों , फोटो टेलीग्राफी में ध्वनि पुनरूत्पादन ( Reproduction ) में ।
- प्रकाश नियंत्रित स्विचों में ।
- विभिन्न तारों का ताप एवं उनकी चमक की तीव्रता के मापन में ।
- भट्टियों तथा रासायनिक प्रक्रियाओं के ताप नियंत्रण में ।
- अग्निसूचक घंटी में ।
- रंगभेद मापक के रूप में ।
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