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स्क्रैपिंग क्या है?

स्क्रैपिंग क्या है?

Scraping kya hai in hindi:- स्क्रैपिंग एक प्रक्रिया है, जिसके द्वारा किसी जॉब की सर्फेस को खुरचकर प्लेन किया जाता है। स्क्रैपर को पुल व पुश विधि द्वारा चलाया जाता है। दोस्तों, मेरी वेबसाइट में आपका स्वागत है, मैंने इस पोस्ट में स्क्रैपिंग क्या है? यह कैसे व किन सर्फेस की जाती है। आदि के बारे में बताया है। यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़ें।

स्क्रैपिंग क्या है?

“जब किसी जॉब की सर्फेस को स्क्रैपर की सतह को खुरचकर समतल बनाया जाता है, तो उस प्रक्रिया को स्क्रैपिंग (scraping) कहते हैं।”

Scraping kya hai in hindi

दोस्तो, इस प्रोसेस को उस समय किया जाता है, कि जब जॉब की आवश्यक सर्फेस की परिशुद्धता फाइलिंग या ग्राइण्डिंग प्रक्रिया से नहीं मिलती है।

इस प्रक्रिया को करने के लिए स्क्रैपर को एक स्ट्रोक में लगभग 15 मिमी दूरी तक स्क्रैप करना चाहिए। और जब स्क्रैपर जिस दिशा में एक बार चल चुका हो तो उस पर दूसरी बार 90° के कोण पर चलाना चाहिए।

स्क्रैपिंग प्रक्रिया के प्रकार

इस प्रक्रिया को करने के लिए स्क्रैपर को दो प्रकार से चलाया जाता है-

1.पुश

इस टाइप में स्क्रैपिंग प्रक्रिया करने के लिए, स्क्रैपर को आगे धकेलकर या साइडों में धकेलकर चलाया जाता है। और जॉब की सर्फेस को एक्युरेट बनाया जाता है। इस टाइप की स्क्रैपिंग फ्लैट स्क्रैपर या हॉफ राउण्ड स्क्रैपर द्वारा की जाती है।

2.पुल

इस टाइप की स्क्रैपिंग प्रक्रिया करने के लिए, स्क्रैपर को हत्थे की दिशा में खींचकर चलाया जाता है। और जॉब की सर्फेस को एक्युरेट बनाया जाता है। इस टाइप की स्क्रैपिंग हुक स्क्रैपर द्वारा की जाती है।

स्क्रैपिंग प्रक्रिया की जाने वाली सर्फेस

यह प्रक्रिया मुख्यतः दो प्रकार की सर्फेस पर की जाती है, जो कि निम्न प्रकार से है-

1.कर्व्ड सर्फेस पर

इस प्रकार की सर्फेसों जैसे:- होल या बियरिंग इत्यादि की स्क्रैपिंग करने के लिए हाफ राउण्ड स्क्रैपर या त्रिभुजाकार स्क्रैपर का उपयोग किया जाता है।
इसको करने के लिए सबसे पहले शाफ्ट के ऊपर मार्किंग मीडिया लगाया जाता है। इसके बाद शाफ्ट को होल या बियरिंग या कर्व्ड सर्फेस में घुमाया जाता है। तब शाफ्ट का मार्किंग मीडिया होल या बियरिंग या कर्व्ड सर्फेस की खुरदरी या ऊंची सर्फेस पर लग जाता है।

मार्किंग मीडिया लगे स्थान को प्लेन करने के लिए उचित स्क्रैपर के द्वारा स्क्रैपिंग प्रक्रिया की जाती है। ऐसा तब तक करते रहते हैं, जब तक सर्फेस प्लेन नहीं हो जाती है।

2.फ्लैट सर्फेस पर

इस प्रकार की सर्फेस को स्क्रैप करने के लिए, सबसे पहले सर्फेस प्लेट पर उपयुक्त मार्किंग मीडिया लगाया जाता है। इसके बाद जॉब की सर्फेस को सर्फेस प्लेट पर रगड़ा जाता है। तब जॉब की उभरी हुई सर्फेस पर मार्किंग मीडिया लग जाता है। इसके बाद जॉब पर लगे मीर्किंग मीडिया वाले स्थान पर स्क्रैपर को 30° पर चलाकर स्क्रैप करके प्लेन किया जाता है। ऐसा तब तक करते रहते हैं, कि जब तक जॉब की पूरी सर्फेस प्लेन नहीं हो जाती है।

दोस्तों, यदि आपको स्क्रैपिंग क्या है? पोस्ट अच्छी लगी हो तो कमेंट व शेयर अवश्य करें।

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