“Reading” लिखित प्रतीकों की एक श्रृंखला को देखने और उनसे अर्थ प्राप्त करने की प्रक्रिया (Process) है। जब हम पढ़ते हैं, तो हम अपनी आंखों का use लिखित प्रतीकों (अक्षर, विराम चिह्न और रिक्त स्थान) को प्राप्त करने के लिए करते हैं और हम अपने मस्तिष्क का उपयोग उन्हें शब्दों, वाक्यों और अनुच्छेदों में बदलने के लिए करते हैं जो हमें कुछ बताते हैं।
पठन क्या होता है?
“पठन” मूलतया हिंदी भाषा का शब्द है, इसको अंग्रेजी भाषा में “Reading” कहते हैं और इसका feature यह है कि इस skill से संपन्न व्यक्ति Written Communication के meaning को स्वयं समझ लेता है।
पठन से आशय Printed शब्दों और संकेतों को देखने तथा समझ लेने से है। Reading Independently सुनने और बोलने की skills को develop कर सकता है, लेकिन उनके साथ विशेषतः Societies में Highly developed साहित्यिक Tradition भी आता है।
दोस्तों, सभी भाषाओं में पठन पाठ्य और पाठक के मध्य का एक Complex interaction है जो पाठक की knowledge, Experience और Attitude के निमित्त आकार लेता है।
Reading प्रविधि के लिए लगातार Practice, Development और Refinement की आवश्यकता होती है। प्रस्तुत Chapter Reading के Types और उसकी Understanding के साथ युक्तियों/पठन विधियों के Daily-life में उपयोग को Memory में रखते हुए Design किया गया है।
पठन के प्रकार बताइए (Types of Reading)
पठन (Reading) को पूरी तरह से समझने के लिए उसके Types को जानना भी Necessary है। पठन निम्न प्रकार से संभव है-
1.धीरे (मन-ही-मन में) पढ़ना (Reading Silently)
Reading की यह विधि सबसे Main है। इसमें Skill बिना Disturbance पैदा किए उत्पन्न की जा सकती है। इस Skill को Learn किए बिना Proper तरीके से लिखी सामग्री की Understanding संभव नहीं हो सकती है।
इसमें ध्यान रखने योग्य बात यह है कि Reading के दौरान मुँह से किसी भी प्रकार की आवाज बाहर न आने पाए और केवल आँखें ही Lines के साथ Move करनी चाहिए। भाषा की Understanding का यह अत्यंत useful तरीका है।
2.ऊंचे स्वर में पढ़ना (Reading Loudly)
पठन की इस Main Skill को लगातार Practice द्वारा Learn किया जा सकता है। इसके लिए Reader को लिखी पाठ्य-सामग्री को Loudly पढ़ना होता है। इसके Perfect अभ्यास द्वारा Newsreader के रूप में Career बनाया जा सकना संभव है। इस क्षेत्र में Mastery के लिए Expert instructor भी उपयोगी हो सकता है।
ऊंचे स्वर में पढ़ने में Pronunciation की अधिक महत्ता है। लगातार Practice के साथ Word Power और उपयुक्त Pronunciation तथा बोलने में Continuity इस कौशल की अनिवार्यताएं हैं।
Other Information- कम्युनिकेशन शब्द का उपयोग सर्वप्रथम किसने कियाा?
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