दोस्तों, आज मैंने इस पोस्ट में लैपिंग कैसे की जाती है? के बारे में बताया है, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़िए।
लैपिंग कैसे की जाती है?
सबसे पहले जिस भाग पर लैपिंग करनी होती है, उस सर्फेस पर तेल लगाकर एब्रेसिव पेस्ट की एक पतली परत लगा दी जाती है।
लैपिंग करने के लिए बेलनाकार जॉब को ड्रिल मशीन पर चक में अथवा लेथ मशीन पर पकड़कर घुमाया जाता है।
इसके बाद लैप टूल को जॉब के विरुद्ध आगे-पीछे गति दी जाती है, लैप को चलाने के लिए मशीन की शक्ति अथवा हाथों की शक्ति का उपयोग किया जा सकता है।
यहां पर यह ध्यान रखना चाहिए कि लैप का रास्ता हमेशा बदलता रहे। फ्लैट सर्फेस पर लैपिंग करने के लिए मशीन स्पिंडल पर लैप को घुमाया जाता है तथा जॉब को मशीन टेबल पर बांधकर रेसीप्रोकेटिंग गति दी जाती है।
छोटी फ्लैट सर्फेसों की लैपिंग करने के लिए उन्हें घूमती हुई लैप डिस्क के विरूद्ध दबाया जाता है।
लैपिंग प्रक्रिया करते समय जॉब अथवा लैप को इस प्रकार अनियमित गति देनी चाहिए कि एब्रेसिव कण एक ही स्थान पर कटाई न करें। वर्तमान में लैपिंग करने के लिए विशेष लैपिंग मशीनें भी उपयोग की जाने लगी है।
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More Information:- लैप किसे कहते हैं?
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