दोस्तों, आज की पोस्ट में आपको हैण्ड ग्रूवर व सीम आदि के बारे में बताया है। यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़िए तो चलिए शुरू करते हैं।
हैण्ड ग्रूवर
धातु चादर में सीम (seam) बनाने के बाद सीम को ठीक से लॉक करना आवश्यक होता है अन्यथा जोड़ ढीला होकर खुल जाएगा। इसलिए सीम को बन्द करने के लिए ग्रूवर (groover) का उपयोग किया जाता है।
इसके द्वारा क्लोजिंग तथा लॉकिंग (closing and locking) करने के लिए पहले सीम को किसी सपोर्ट पर रखकर मैलट से बन्द कर देते हैं। और इसके बाद बन्द सीम के ऊपर तिरछा ग्रूवर (groover) रखकर हैमर से ठोकते हैं। और सीम को बन्द करने के लिए ग्रूवर की साइड से गाइड करते हैं।
सीम किसे कहते हैं?
“धातु चादर के किनारों (edges) को जोड़ने के लिए, चादर के किनारों को मोड़कर आपस में फँसा दिया जाता है, जिसे सीम (seam) कहते हैं।”
सीम के प्रकार
यह निम्न प्रकार की होती है-
1.लैप सीम
इसके द्वारा सबसे आसान प्रकार का जोड़ (joint) बनाया जाता है। इसमें जोड़ने वाले किनारों को एक-दूसरे के ऊपर रखकर या एक-दूसरे में फँसाकर सोल्डरिंग या ब्रेजिंग क्रिया द्वारा जोड़ दिया जाता है। इस सीम (seam) का उपयोग बेलनाकार या शंक्वाकार जॉब या वस्तु में किया जाता है।
2.ग्रूव्ड सीम
इसमें धातु चादर के दोनों किनारों को इस प्रकार मोड़ा दिया जाता है,कि यह आपस में फँस जाएँ। इसके बाद एक ग्रूवर (groover) के द्वारा जोड़ को लॉक कर दिया जाता है।
3.डबल ग्रूव्ड सीम
इसके बने हुए जोड़ का उपयोग छतों (roof) के लिए तथा पैनलिंग करने के लिए किया जाता है। इसको बनाने के लिए चादरों के किनारों को मोड़कर उन्हें एक अन्य मुड़ी हुई चादर में फंसाया जाता है।
4.सिंगल सीम
इसका उपयोग बाल्टी या डिब्बों आदि में तली लगाने के लिए किया जाता है। इसलिए इस जोड़ को पैण्ड डाउन जोड़ (paned down joint) कहते हैं। इस जोड़ को बनाने के बाद लीक प्रूफ (leak proof) करने के लिए सोल्डर या सोल्डरिंग क्रिया की जाती है।
5.डबल सीम
यदि सिंगल सीम से बने जोड़ को ऊर्ध्वाधर (vertical) खड़ा कर दिया जाए, तो यह जोड़ डबल सीम जोड़ कहलाता है। और इसके किनारों को एक बार अधिक मोड़ने पर जोड़ अधिक शक्तिशाली हो जाता है।
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