
गियर कितने प्रकार के होते हैं?
गियर मुख्य रूप से 6 प्रकार के सबसे अधिक उपयोग किए जाते हैं, जिनके बारे में नीचे बताया है।
1.स्पर गियर
इस प्रकार के गियर के दांते गियर में लगी शाफ्ट की अक्ष के समांतर होते हैं, इन गियरों का उपयोग बहुत कम किया जाता है, क्योंकि यह कम स्पीड के लिए अधिक उपयोग होते हैं, इनको आसानी से बनाया जा सकते हैं।

इस गियर का उपयोग बहुत कम पावर ट्रांसमिशन में और बहुत कम स्पीड में के लिए किया जाता है; जैसे- गन्ने के रस की मशीन में।
2.वर्म गियर
इस प्रकार के गियर की स्पीड बहुत अधिक होती है, इसका गियरिंग रोटेशन बहुत कम होता है।
इसके व्हील में स्प्रिंग बने होते हैं, स्प्रिंग के कारण ही इसका स्पाइरल एंगिल बहुत अधिक होता है।
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इस गियर की आवाज अन्य के मुकाबले कम होती है, इसका 90 डिग्री के कोण पर ही उपयोग होता है
इस गियर का उपयोग स्पीड को कम करने के लिए किया जाता है।
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3.हेलिकल गियर
इस प्रकार के गियर के दांते गियर में लगी शाफ्ट के के कोण पर होते हैं। जब कहीं पर शाफ्ट से किसी कोण पर पावर ट्रांसमिट करने की आवश्यकता होती है, तब हेलिकल गियर का उपयोग किया जाता है।
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यह गियर स्पर गियर की तुलना में कम आवाज के चल सकते हैं। और साथ ही अधिक स्पीड, अधिक टॉर्क से अधिक पावर ट्रांसमिट की जा सकती है।
हेलिकल गियर के प्रकार
यह दो प्रकार के होते हैं-
- राइट हैंड हेलिकल गियर
- लेफ्ट हैंड हेलिकल गियर
हेलिकल गियर का उपयोग
- ऑटोमोबाइल गियर बॉक्स में
- इंडस्ट्रियल गियर बॉक्स में
- स्टीम और गैस टरबाइन में
- मशीन टूल गियर बॉक्स में
4.बेवल गियर
ऐसा गियर, जिसका उपयोग 90 डिग्री पर पावर ट्रांसमिट करने के लिए किया जाता है, उसे बेवल गियर (Bevel Gear) कहते हैं।

बेवल गियर का उपयोग हैंड ड्रिल मशीन, इंजन कोल्हू आदि में किया जाता है।
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बेवल गियर के प्रकार
यह तीन प्रकार के होते हैं-
- स्ट्रेट बेवल गियर
- हेलिकल बेवल गियर
- जीरो बेवल गियर
5.रैक व पिनियन
ऐसा गियर, जिसका उपयोग रोटेटरी मोशन को लाइनर मोशन में बदलने के लिए किया जाता है, उसे रैक व पिनियन कहते हैं।

इसमें गोलाकार गियर को पिनियन और लम्बी लोहे की छड़ को रैक कहते हैं।
6.स्पाइरल गियर
इस प्रकार के गियर के दांते कर्व्ड शेप में कटे होते हैं। जब दो शाफ्ट नॉन-पैरेलल और नॉन-इंटरसेक्टिंग, मतलब दोनों गियर का फेस अलग-अलग हैं, तो इस प्रकार की शाफ्ट को कनेक्ट करने के लिए स्पाइरल गियर का उपयोग किया जाता है।
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