दोस्तों, मैंने इस पोस्ट में सायनाइडिंग क्या है? के बारे में जानकारी दी है, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़िए।
सायनाइडिंग क्या है?
यह एक केस हार्डनिंग की प्रक्रिया है, इस प्रक्रिया से लो कार्बन स्टील व मीडियम कार्बन स्टील को कठोर किया जाता है। इसके लिए 30% सोडियम सायनाइड, 30% सोडियम क्लोराइड व 40% सोडियम कार्बोनेट को एक क्रूसीबिल में 800°C से 900°C तक गर्म करके सायनाइड बाथ तैयार की जाती है।
इस प्रक्रिया में जिस पार्ट को हार्ड करना होता है, तो उसको किसी तार में बांधकर या फिर तारों से बनी टोकरी में रखकर सायनाइड बाथ में एक निश्चित समय तक गर्म किया जाता है। इसके बाद पार्ट को बाथ से निकालकर पानी या तेल में क्वैंचिंग की जाती है।
सायनाइडिंग प्रक्रिया से पार्ट में दो प्रकार से कठोरता आती है, सबसे पहले नाइट्राइड कम्पाउण्ड बनने से अपने आप कठोरता आती है और दूसरा पार्ट की ऊपरी सतह में कार्बन की मात्रा बढ़ने से हीट ट्रीटमेंट के बाद कठोरता आती है। इसलिए इसको नाइट्राइडिंग व सायनाइडिंग की मिली जुली प्रक्रिया कहते हैं।
इस प्रक्रिया के द्वारा अधिकतम कठोरता RC 65 तक प्राप्त की जा सकती है। इसके द्वारा 0.25 मिमी की गहराई तक का केस कठोर किया जा सकता है।
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