दोस्तों, मैंने इस पोस्ट में फ्लेम हार्डनिंग क्या है? के बारे में बताया है, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़िए।
फ्लेम हार्डनिंग क्या है?
यह एक केस हार्डनिंग की प्रक्रिया है, इस प्रक्रिया में स्टील को कठोर बनाने के लिए फ्लेम का उपयोग किया जाता है, इसलिए इसे फ्लेम हार्डनिंग (Flame Hardening) कहते हैं।

इसके द्वारा केवल 0.35% से 0.70% कार्बन वाली स्टील की वस्तुओं को ही केस हार्ड किया जा सकता है।
इस प्रक्रिया को करने के लिए फ्लेम बनाने के लिए बर्नर का उपयोग किया जाता है। बर्नर के द्वारा तेजी के साथ स्टील की ऊपरी सतह को अपर क्रिटिकल प्वॉइण्ट से लगभग 50°C ऊपर तक गर्म अरते हैं और साथ-ही-साथ में स्टील की क्वेंचिंग करने के लिए पानी या तेल के स्प्रे द्वारा स्टील को ठंडा करते जाते हैं।
इस प्रकार से स्टील की बाहरी सर्फेस कठोर बन जाती है और स्टील की कोर अर्थात् अंदर का शेष भाग टफ व मुलायम बना रहता है। इसी कारण से इस प्रक्रिया को शैलो हार्डनिंग (Shallow hardening) कहते हैं।
फ्लेम हार्डनिंग द्वारा 0.3 से 0.6 मिमी मोटा केस कठोर किया जा सकता है।
फ्लेम हार्डनिंग का उपयोग
- इस प्रक्रिया का उपयोग लेथ मशीन या अन्य मशीनों के बेड के केस को कठोर बनाने के लिए किया जाता है।
- इसका उपयोग गियर के दांते, स्पिण्डल, रिंच व पुली के केस को कठोर बनाने के लिए किया जाता है।
- फ्लेम हार्डनिंग का उपयोग रोलिंग मशीन के रोल की केस हार्डनिंग करने के लिए किया जाता है।
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