No ratings yet.

शीतलक के प्रकार

iticourse.com logo

Coolant ke prakar in hindi:- Welcome My Website- iticourse.com दोस्तों, मैंने इस पोस्ट में शीतलक के प्रकार के बारे में बताया है।

शीतलक के प्रकार (Types of coolant)

यह निम्न प्रकार से हैं-

custom print service

1.वायु

इसका उपयोग बिजली की मोटरों व इंजन को ठण्डा करने के लिए शीतलक के रूप में किया जाता है। और कास्ट आयरन की मशीनिंग के लिए भी इसका उपयोग शीतलक के रूप में किया जाता है।

2.जल

इसको सॉल्यूबल ऑयल के नाम से भी जाना जाता है। इस प्रकार का शीतलक सस्ता व आसानी से प्राप्त हो जाता है। लेकिन सिर्फ जल को शीतलक के रूप में उपयोग में लाने से मशीन के पार्टों पर जंग लग जाएगी। इसलिए जल में साबुन या तेल को मिलाकर उपयोग में लाया जाता है।

custom print service

3.गैसीय तरल

इस प्रकार के शीतलक का उपयोग बहुत कम किया जाता है। क्योंकि यह अधिक महंगा होता है। गैसीय तरल के रूप में कोहरा सर्वश्रेष्ठ उपयोगी है।
फ्रीऑन, हीलियम तथा कार्बन डाइऑक्साइड आदि का भी उपयोग शीतलक के रूप में किया जाता है।

4.कृत्रिम शीतलक

इस प्रकार के शीतलक अनेकों प्रकार के केमिकल एजेंट्स को मिलाकर बनाया जाता है। इस प्रकार के शीतलकों को स्वयं मनुष्य निश्चित अनुपातों में मिलाकर बनाते हैं। इसलिए इसे कृत्रिम शीतलक कहते हैं। साधारणत: कृत्रिम शीतलक और जल के 1 : 50 से 1 : 250 तक के अनुपात में मिलाकर उपयोग में लाए जाते हैं।

5.कटिंग फ्लूड

“किसी मशीन पर कटिंग प्रोसेस करते समय गर्म होने वाले जॉब, कटिंग टूल व धातु छिलकों को ठण्डा बनाए रखने के लिए स्नेहन के रूप में उपयोग किया जाने वाले पदार्थों को कटिंग फ्लूड (cutting fluids) कहते हैं।” इसको शीतलक के नाम से भी जाना जाता है।

6.तेल

दोस्तों, आजकल हमारे घर, मकान में कोई न कोई मशीन होती है, जिनको चलाने के लिए उचित प्रकार के शीतलक का उपयोग किया जाता है। जिनमें से इंजन को ठण्डा बनाए रखने के लिए मोबिल ऑयल का उपयोग किया जाता है।

custom print service

तेल के प्रकार

यह निम्न तीन प्रकार के होते हैं-

(i)घुलनशील तेल

इस प्रकार का तेल, खनिज तेल में जंगरोधी, झाग न बनने वाले तथा गीला करने वाले एजेंटों को मिलाकर बनाया जाता है।

(ii)शुद्ध तेल

इस प्रकार के तेल में कोई भी अशुद्धियां नहीं मिलाई जाती हैं, यह खनिज तेल, या फिक्स तेल होते हैं। इस प्रकार के तेल वनस्पति तेल (जैसे- अलसी का तेल), जंतु तेल (जैसे- सुअर की चर्बी का तेल) आदि से प्राप्त किए जाते हैं।

(iii) रासायनिक कटिंग फ्लूड

इस तेल का उपयोग ग्राइण्डिंग व सॉइंग प्रक्रिया में अधिक किया जाता है। इस प्रकार के तेल जल में आसानी से घुल जाते हैं। और यह जंगरोधी भी होते हैं, अर्थात् जंग का विरोध करते हैं। और इसमें कटिंग टूल को अधिक समय तक ठण्डा बनाए रखने की क्षमता होती है। इसको सिन्थैटिक कटिंग फ्लूड के नाम से भी जानते हैं।

दोस्तों, यदि आपको यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो कमेंट व शेयर अवश्य करें।

More Information:- ड्रिल की फीड से क्या तात्पर्य है?

My Website:- iticourse.com

4 thoughts on “शीतलक के प्रकार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *