भंवर धारा फैराडे के प्रेरण के नियम के अनुसार कंडक्टर में बदलते चुंबकीय क्षेत्र द्वारा कंडक्टर के भीतर प्रेरित विद्युत प्रवाह के लूप हैं। यह धाराएं चुंबकीय क्षेत्र के लंबवत विमानों में कंडक्टरों के भीतर बंद लूप में बहती हैं। इनको फौकॉल्ट की धाराएं (Foucault’s currents) भी कहते हैं।
दोस्तों, विद्युत से चलने वाले यंत्रों व Machines में कई प्रकार के नुकसान या हानियां होती हैं; जैसे- हिस्टरैसिस हानि, लौह हानि, भंवर धारा हानि आदि। इस पोस्ट के माध्यम से आप भंवर धाराओं की जानकारी प्राप्त करोगे।
भंवर धारा किसे कहते हैं?
जब किसी प्रत्यावर्ती मैग्नेटिक फील्ड में रखे चालक में से होकर गुजरने वाले चुम्बकीय बल रेखाओं की संख्या में बदलाव होता है तब उस समय चालक में धाराएं उत्पन्न हो जाती हैं। यह धाराएं भंवर के रूप में होती हैं, जिनको भंवर धारा (Eddy Current) कहते हैं।
यह अपना स्वयं का चुम्बकीय क्षेत्र (Magnetic Field) बनाती हैं। यह Magnetic Field विपरीत दिशा में काम करता है और यह उसी कारण का विरोध भी करता है, जिसके द्वारा यह उत्पन्न हुआ है।
Magnetic Field के विरोध करने के कारण चालक गर्म हो जाता है, जिससे ऊर्जा (Energy) की काफी हानि होती है, इसी को भंवर धारा (Eddy Current) हानि कहते हैं।
भंवर धारा के उपयोग
इसके उपयोग निम्न प्रकार से हैं-
1.इंडक्शन भट्टी में (In Induction Furnace)
इस भट्टी (Furnace) में भंवर धारा का उपयोग अधिक तापमान को उत्पन्न करने के लिए किया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है, कि भट्टी से किए जाने वाले काम आसानी से हो सकें। भट्टी में अधिक तापमान (Temperature) उत्पन्न होने के बाद, भट्टी में धातुओं को पिघलाकर मिश्र धातु या धातुओं को उनके अयस्कों में परिवर्तित किया जाता है।
2.विद्युत शक्ति मीटर में (In Electric Power Meter)
पुराने Electric Power Meter में चमकदार धातु की एक शक्ति (Power) होती है, जो उसमें उत्पन्न हुए भंवर धाराओं के कारण गति करती हैं। यह धाराएं Meter की कुंडली में बहने वाली Alternating Current के कारण उत्पन्न Magnetic Field के कारण उत्पन्न होती हैं।
3.धारामापी को रुद्धोल बनाने में (In Making the Galvanometer Torpedo)
जब गैल्वेनोमीटर/धारामापी की कुंडली में विद्युत धारा (Electric Current) प्रवाहित की जाती है, तब उस समय कुंडली विक्षेपित (deflected) हो जाती है और यह काफी समय तक दोलन (Oscillation) करती रहती है।
दोलन करती कुंडली को रोकने/रुद्धोल बनाने के लिए भंवर धारा (Eddy Current) का उपयोग (use) किया जाता है।
4.रेलगाड़ियों में चुम्बकीय ब्रेक लगाने में (Applying magnetic brakes on trains)
भंवर धारा (Eddy Current) का उपयोग विद्युत से चलने वाली ट्रेनों में ब्रेक (Electric Brake) के रूप में किया जाता है। इन ट्रेनों (Trains) के पहिए की धुरी के साथ-साथ धातु का ड्रम लगा होता है। यह ड्रम पहिए के साथ घूमता है।
जब कभी भी ट्रेन को रोकना होता है, तब उस समय ड्रम के पास प्रबल चुंबकीय क्षेत्र (Strong Magnetic Field) उत्पन्न कर दिया जाता है। जिससे ड्रम में भंवर धाराएं (Eddy Current) उत्पन्न हो जाती हैं। यह धाराएं ड्रम की गति का विरोध करती हैं, जिस कारण से ट्रेन रूक जाती है।
Eddy Current QNA
1.भंवर धाराओं (Eddy Current) की खोज किसने की थी?
इनकी खोज लीओन फूको (Leon Foucault) ने की थी।
2.Eddy Current की खोज कब हुई?
Eddy Current की खोज सन् 1895 में हुई थी।
3.bhawar dhara हानि किसमें होती है?
यह Transformer & Motor में होती है। Transformer में इस हानि को कम करने के लिए ट्रांसफार्मर क्रोड Silicon Steel के पतली लेमिनेटेड पत्तियों से बनाया जाता है।
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