दोस्तों, आज की इस पोस्ट में आपको कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon dioxide welding) वेल्डिंग किसे कहते हैं? कार्बन डाइऑक्साइड वेल्डिंग का सिद्धांत, कार्बन डाइऑक्साइड वेल्डिंग के लाभ और सीमाएं इत्यादि के बारे में सीखने को मिलेगा।
Carbon dioxide welding kise kahate hain?
Carbon dioxide gas Welding एक इलेक्ट्रॉड Arc Welding प्रक्रिया है, जिसमें धातुओं को लगातार फिलर वायर और कार्य के बीच एक आर्क द्वारा गर्म करके इनमें मिलाप उत्पन्न करती है।
इसमें आर्क और वैल्ड पूल की शील्डिंग बाहर से सप्लाई की गई एक गैस के द्वारा प्राप्त की जाती है। Welding के सही मापदण्ड और उपयुक्त शील्डिंग गैस का चयन करके उद्योगों में अधिक उपयोग होने वाली धातुओं; जैसे- एल्युमीनियम, कार्बन स्टील, स्टेनलैस स्टील आदि को आसानी से Weld किया जा सकता है।
Carbon dioxide Welding करने के लिए एक स्पेशल डिजाइन की गई मशीन का उपयोग किया जाता है। इसे स्थिर वोल्टेज टाइप पावर स्त्रोत कहते हैं।
यह एक डी.सी. रेक्टिफायर या Motor या ईंधन ड्रिवन जनित्र हो सकता है। गन का उपयोग वेल्डिंग करंट, इलेक्ट्रॉड वायर और शील्डिंग गैस को वायर फीडर से आर्क क्षेत्र में लाने के लिए किया जाता है। Operator, Arc लगाकर Welding Gun से Weld को Control करता है।
कार्बन डाइऑक्साइड वेल्डिंग का सिद्धांत
Carbon dioxide Welding में job और लगातार चलने वाली मैटल इलैक्ट्रॉड के बीच Arc बनाई जाती है। इस Arc के द्वारा उत्पन्न ऊष्मा job की Welding वाली सतह तथा Electrode दोनों को पिघलाकर एक समांग मिश्रण बनाती है।
इसमें इलेक्ट्रॉड पर कोई फ्लक्स नहीं होता है। Weld Metal को वायुमंडलीय ऑक्सीजन तथा नाइट्रोजन (Oxigen & Nitrogen) आदि गैसों से बचाने के लिए इनर्ट गैस के कवच से आर्क तथा वैल्ड पूल को ढकते हैं। इसके लिए Welding Gun में विशेष इंतजाम किया जाता है।
Carbon dioxide Welding में इनर्ट गैस के रूप में आर्गन या हीलियम या दोनों गैसों के मिश्रण का उपयोग किया जाता है। जबकि Active Gas के रूप में Carbon dioxide Gas उपयोग की जाती है।
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कार्बन डाइऑक्साइड वेल्डिंग के लाभ (Advantages of Carbon dioxide Welding)
इसके लाभ निम्न प्रकार से हैं-
- इससे बने जोड़ सुंदर व मजबूत प्राप्त होते हैं।
- Carbon dioxide Welding सभी परिस्थितियों में की जा सकती है।
- इसमें ऑपरेटर को आर्क स्पष्ट दिखाई पड़ती है।
- इससे High Speed Welding प्राप्त होती है।
- इस वेल्डिंग से स्लैग रहित जोड़ प्राप्त होता है।
- सही Electrode wire और Shielding gas का Selection करके विभिन्न धातुओं की वेल्डिंग के लिए एक जैसे साज-सामान का उपयोग किया जा सकता है।
- इसमें जोड़ को केवल एक ही पास में पूर्ण किया जा सकता है।
कार्बन डाइऑक्साइड वेल्डिंग की सीमाएं (Limits of Carbon dioxide Welding)
यह निम्न प्रकार से हैं-
- इसमें गैसों के लीकेज की संभावना बनी रहती है।
- Carbon dioxide welding में अधिक मोटा जोड़ बनाने में परेशानी होती है।
- इसमें शील्डिंग गैसें धातु के प्रकार पर निर्भर करती हैं।
- Carbon dioxide Welding में डी.सी. Welding Machine उपयोग की जाती है।
- शील्डिंग गैस व पानी के प्रवाह को Control करना पड़ता है।
- इस Welding में मोटी प्लेटों की वेल्डिंग के लिए Water Cooled Gun का उपयोग किया जाता है।
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