दोस्तों, इस पोस्ट में आपको सीखने को मिलेगा। कि रिंगिंग क्या है? यह कैसे की जाती है। इत्यादि के बारे में बताया है, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़िए।
रिंगिंग क्या है? (wringing kya hai?)
यह एक प्रक्रिया है, जिसके द्वारा दो गेजों को आपस में रगड़कर किया जाता है। यह प्रक्रिया स्लिप गेजों (Slip Gauges) को आपस में जोड़कर सही साइज प्राप्त करने के लिए आवश्यक होता है।
यदि यह प्रक्रिया न की जाए तो दो स्लिप गेजों के बीच में एयर गैप रह जाने से गेज का साइज अधिक बन जाता है। जिससे माप करते समय माप सटीक प्राप्त नहीं होती है।
रिंगिंग प्रक्रिया के पद
इस प्रक्रिया को करने के लिए निम्न स्टेप को फॉलो करना पड़ता है, जो कि निम्न प्रकार से हैं-
- इस प्रक्रिया को करने के लिए सबसे पहले स्लिप गेजों पर लगी धूल व अन्य अशुद्धियों को चैमोइस लैदर पर रगड़कर साफ कर लिया जाता है।
- इसके बाद गेजों पर लगी चिकनाई हटाने के लिए इन्हें कार्बन टेट्राक्लोराइड द्वारा धोया जाता है।
- इतनी प्रक्रिया के बाद दो गेजों की गेजिंग सतहों को आपस में क्रॉस करके रखा जाता है।
- ऊपर वाली गेज को हल्के दबाव के साथ घुमाते हुए दोनों गेजों की सर्फेस या सतहों को एक सीध में करते हैं।
- इसके बाद ऊपर वाली गेज को दबाव के साथ खिसकाकर आधा बाहर किया जाता है।
- इसके बाद फिर ऊपर वाली गेज को पुनः सीध में मिला लेते हैं।
- इतना प्रोसेस करने पर वायुमंडलीय दबाव के कारण दोनों गेजें आपस में जुड़ जाते हैं। गेजों को मात्र खिसकाकर ही अलग किया जा सकता है।
ठीक इसी प्रकार एक-एक करके अन्य गेजों को जोड़ लिया जाता है और माप योग्य एक्यूरेट में तैयार कर लिया जाता है।
दोस्तों, यदि आपको रिंगिंग क्या है? पोस्ट अच्छी लगी हो तो कमेंट करके बताएं और हमसे जुड़ने के लिए टेलीग्राम चैनल को ज्वाइन करें।
More Information:- गेज के बारे में