Welding joint ke prakar in hindi:- Welcome My Website- iticourse.com दोस्तों, मैंने इस पोस्ट में वेल्डिंग जोड़ के प्रकार के बारे में पूरी जानकारी दी है।
वेल्डिंग द्वारा पाँच प्रकार के जोड़ बनाए जाते हैं। यह निम्न प्रकार से हैं-
1.लैप जोड़
“जब दो प्लेटों के टुकड़ों को एक-दूसरे के ऊपर चढ़ाकर वेल्ड (weld) किया जाता है, तो लैप जोड़ (lap joint) बनता है।”
2.बट जोड़
“जब दो प्लेटों के टुकड़ों को एक-दूसरे के सामने रखकर वेल्ड (weld) किया जाता है, तो बट जोड़ (butt joint) बनता है।”
वेल्डन में ‘V’ आकृति की वेल्डन में अन्दर सबसे पहले बीड को रूट रन के नाम से जाना जाता है। और इसमें कभी-कभी ‘V’ की जगह पर ‘U’ या ‘J’ आकृति बनाकर जोड़ बनाया जाता है।
एक तरफ की वेल्डन 3 मिमी मोटाई तक की जाती है।
दोनों तरफ की वेल्डन 3 से 5 मिमी मोटाई तक की जाती है।
‘V’ आकृति की वेल्डन 5 से 10 मिमी मोटाई तक की जाती है।
और डबल ‘V’ आकृति की वेल्डन 10 मिमी से अधिक मोटाई तक की जाती है।
3.’T’ जोड़
“जब दो प्लेटों में टुकड़ों में से एक टुकड़ा, दूसरे टुकड़े के 90° के कोण पर वेल्ड किया जाता है, तो ‘T’ जोड़ बनता है।” इस प्रकार के जोड़ में खाली स्थान या फिलेट को वेल्डन द्वारा भर दिया जाता है। और अधिक मजबूत जोड़ के लिए दोनों ओर से वेल्ड किया जाता है।
4.कोने का जोड़
“जब दो प्लेटों के टुकड़ों के कोने को वेल्ड (weld) करके जोड़ा जाता है, तो कोने का जोड़ (corner joint) बनता है।”
5.किनारे का जोड़
इस प्रकार का जोड़ बट जोड़ के समान होता है, इसमें यह होता है। कि इसमें पतली चादरों को जोड़ने के लिए सबसे पहले प्लेटों के किनारों को फ्लैंज की आकृति में बदल दिया जाता है। जिससे वेल्ड करने पर वेल्ड की जाने वाली जगह अधिक मोटी हो जाती है। और यह करने पर वेल्डिंग करने वाली आर्क से चादर गलने की सम्भावना बहुत कम हो जाती है। और हमारी आवश्यकता के अनुसार हमें आसानी से इस प्रकार का जोड़ प्राप्त हो जाता है।
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