‘V’ ब्लॉक क्या है?
बेलनाकार या गोल आकार की वस्तुओं को सर्फेस प्लेट (surface plate) पर रखकर मार्किंग करना कठिन होता है, इसलिए इन्हे सहारा देने के लिए ‘वी’ ब्लॉक की आवश्यकता होती है। बेलनाकार जॉब को ‘V’ ग्रूव में रखकर मार्किंग की जा सकती है।
मशीनिंग करने के लिए जॉब को ‘V’ ग्रूव में क्लैम्प किया जा सकता है। यह कास्ट आयरन के बनाए जाते हैं, परन्तु कभी-कभी माइल्ड स्टील के बनाकर उन्हें केस-हार्ड किया जाता है। ‘V’ ग्रूव का एंगिल 90° रहता है, परन्तु बड़े जॉब की आवश्यकता को देखते हुए यह कोण 120° का भी बनाया जाता है।
‘v’-ब्लॉक का साइज उसकी लम्बाई×चौड़ाई×ऊँचाई से लिया जाता है। ‘V’ ब्लॉक हमेशा जोड़े में बनाए जाते हैं।
‘V’ ब्लॉक के प्रकार
(1.) ‘V’ ब्लॉक टाइप-l
यह कास्ट आयरन (cast iron) का बना हुआ ब्लॉक होता है, जिसमें केवल एक सतह पर ‘V’ ग्रूव बनाया होता है। बाकी सतहें समतल मशीन तथा ग्राइण्ड की गई होती हैं। जॉब को क्लैम्प करने की कोई व्यवस्था (arrangement) नहीं होती, इसलिए इसका प्रयोग (use) केवल भारी-भरकम जॉब पर ही मार्किंग करने के लिए किया जाता है।
(2.)’V’ ब्लॉक टाइप-ll
इस प्रकार के ‘वी’ ब्लॉक में दो परस्पर विपरीत सतहों में ‘V’ खाँचा कटा होता है तथा साइड की दोनों सतहों में छोटा आयताकार खाँचा होता है। ‘V’ खाँचों में से एक 90° के कोण पर तथा दूसरा 120° के कोण पर होता है। 120° के ‘V’ ग्रूव में बड़े व्यास की वस्तुएँ पकड़ी जाती हैं जबकि 90° के ‘V’ ग्रूव में छोटे व्यास की वस्तुएँ पकड़ी जाती हैं। साइड के आयताकार खाँचें में ‘V’ ग्रूव के अन्दर जॉब को क्लैम्प करने के लिए ‘U’ क्लैम्प की टाँगे फँस जाती हैं। जॉब को ‘U’ क्लैम्प के बीच में लगे बोल्ट (bolt) से क्लैम्प किया जाता है।
(3.)V’ ब्लॉक टाइप-lll
यह ‘V’ ब्लॉक भी टाइप-ll की भाँति होता है परन्तु इसमें ‘V’ खाँचे में नीचे की ओर आयताकार खाँचा कटा होता है। जब ‘V’ के अन्दर कोई आयताकार या वर्गाकार जॉब रखा जाता है तो ये आयताकार खाँचा उसे अवकाश या गैप प्रदान करता है। इससे जॉब ‘V’ ब्लॉक की साइडों पर ठीक से टिक जाता है। इसके भी साइडों में क्लैम्प की पकड़ के लिए खाँचे होते हैं।
(4.)चुम्बकीय ‘V’ ब्लॉक
मार्किंग करते समय ‘V’ ब्लॉक दाब पड़ने पर हिल सकता है। अतः इसे एक निश्चत स्थान पर क्लैम्प करने की आवश्यकता रहती है। इसके लिए चुम्बकीय ‘V’ ब्लॉक का प्रयोग किया जाता है। इसमें एक अस्थायी चुम्बक (Floating magnet) होता है जो एक लीवर द्वारा ऑपरेट होता है।
लीवर की, ऑन स्थिति पर इसमें चुम्बकीय प्रभाव आ जाता है, जिसके कारण यह सर्फेस प्लेट (surface plate) पर चिपक जाता है। जब इसे हटाना होता है तो लीवर को ऑफ स्थिति पर ले जाते हैं। इससे चुम्बकीय प्रभाव खत्म हो जाता है। इसका प्रयोग मार्किंग के अतिरिक्त दूसरे मशीनिंग ऑपरेशन (machining operation) में भी किया जाता है।
‘V’ ब्लॉक का उपयोग
इसका उपयोग मार्किंग के लिए मशीनों (machines) पर जॉब को सैट (set) करने के लिए होता है।
‘V’ ब्लॉक के ग्रेड और पदार्थ
(1.)ग्रेड A
इस प्रकार के ‘वी’ ब्लॉक उच्च गुणवत्ता (high quality) वाली स्टील के बनाए जाते हैं। यह अधिक यथार्थता प्रदर्शित करते हैं और यह 100 मिमी लम्बाई में ऊपलब्ध हैं।
(2.)ग्रेड B
इस प्रकार के ‘V’ ब्लॉक का उपयोग साधारण मशीनिंग कार्य के लिए किया जाता है। यह अधिक यथार्थता प्रदर्शित नहीं करते हैं इस प्रकार के ‘V’ ब्लॉक दानेदार ढलवाँ लोहे के बनाए जाते हैं। यह ब्लॉक 300 मिमी की लम्बाई में उपलब्ध हैं।
‘V’ ब्लॉक की यथार्थता
‘V’ ब्लॉक की यथार्थता (accuracy) के लिए दो ‘V’ ब्लॉक के ऊपर एक परिशुद्धता वाली छड़ रखते हैं। इसके बाद डायल टेस्ट इण्डीकेटर द्वारा छड़ के दोनों सिरों की तुलना करते हैं। यदि छड़ के दोनों सिरों के पाठयांक (reading) समान हैं, तो ‘V’ ब्लॉक यथार्थ है अन्यथा नहीं।
सावधानियाँ
- इसको कार्य करने के बाद तेल (oil) से साफ (clean) करके रखना चाहिए।
- इसे खरोंच से बचाना चाहिए।
- इसको सावधानी (caution) से उचित स्थान पर रखना चाहिए व इसे गिरने से बचाना चाहिए।
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