No ratings yet.
custom print service

UPS क्या है? | कैसे काम करता है? | UPS के प्रकार?

UPS क्या है कैसे काम करता है UPS के प्रकार

नमस्कार दोस्तों, अगर आप यूपीएस के बारे में जानना चाहते हैं, कि यूपीएस क्या होता है। और यह कैसे काम करता हैऔर हमारे कंप्यूटर सिस्टम में इसका इस्तेमाल से क्या-क्या बदलाव होते हैं. तो अगर आप इन सभी जानकारी को जानना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें।

हमने इस लेख के माध्यम से आपको यूपीएस से जुड़ी सभी जानकारी देने का प्रयास किया है यह जानकारी हमने पूरे इंटरनेट से और अपने कंप्यूटर से जुड़ी जानकारी के आधार पर दी है उम्मीद करता हूं आपको यह जानकारी पूरी और अच्छी लगेगी तो चलिए आगे बढ़ते हैं।

UPS क्या है  कैसे काम करता है  UPS के प्रकार
UPS क्या है कैसे काम करता है UPS के प्रकार

UPS क्या है? | ups meaning in hindi | ups kya hota hai

यूपीएस ( UPS ) का फुल फॉर्म “अनएन्क्रिप्टेड पावर सप्लाई” होता है. UPS एक इलैक्ट्रिकल उपकरण है जो मेन सप्लाई क अवरुद्ध होने की स्थिति में सिस्टम को इमरजेंसी पावर सप्लाई प्रदान करता है । UPS का उपयोग मुख्य रूप से कम्प्यूटर डाटा सेंटर तथा टेलीकम्युनिकेशन उपकरणों को लगातार पावर सप्लाई प्रदान करने के लिए किया जाता है । UPS में एक स्टेटिक ट्रांसफर स्विच ( Static Transfer Switch ) , एक रेक्टिफायर सर्किट तथा एक इन्टर्टर तथा पावर सप्लाई को संग्रहित करने के लिए एक बैट्री होती है । चित्र ( 8.33 ) में UPS का एक सामान्य खण्ड आरेख दर्शाया गया है जिसका विवरण निम्न प्रकार है द्वारा होने है

दूसरे शब्दों में वर्तमान समय में अधिकतर इलैक्ट्रिकल उपकरण AC मेन सप्लाई द्वारा संचालित होते हैं । जब AC मेन सप्लाई अवरुद्ध हो जाती है , तो इन उपकरणों का संचालन ( Operation ) रुक जाता है तथा इनके द्वारा किया जाने वाला कार्य भी बीच में ही रुक जाता है , अतः इन्हें उपयोग में नहीं लिया जा सकता है । इस स्थिति में बचने के लिए UPS का उपयोग किया जाता है ।

  1. पावर स्रोत ( Power Source ) : UPS मुख्यतः इनपुट में प्रदान की जाने वाली ए.सी. सप्लाई को पावर स्रोत के रूप में उपयोग करता है , परन्तु इनपुट सप्लाई के अवरुद्ध होने पर यह बैट्री से पावर सप्लाई प्राप्त कर आउटपुट में प्रदान करता है , अतः इन दोनों को पावर स्रोत कहा जा सकता । इनका विवरण निम्न प्रकार है-
    • AC मेन ( AC Mains ) : इसे प्राथमिक पावर स्रोत भी कहते हैं । सामान्य स्थिति में इस स्रोत द्वारा पावर सप्लाई की जाती है ।
    • बैट्री ( Battery ) : जब प्राथमिक पावर स्रोत ( AC Mains ) द्वारा पावर सप्लाई रुक जाती है , तब द्वितीयक पावर स्रोत ( बैट्री ) सक्रिय हो जाता है तथा यह सिस्टम को पावर सप्लाई देता है । सभी बैट्री DC पावर सप्लाई प्रदान करती हैं ।
  2. इन्वर्टर ( Inverter ) : UPS में बैट्री से DC को AC में परिवर्तित करने के लिए इन्वर्टर का उपयोग किया जाता है।
  3. स्टेटिक ट्रांसफर स्विच ( Static Transfer Switch ) यह एक नियन्त्रक युक्ति है जब प्राथमिक स्रोत द्वारा पावर सप्लाई रुक जाती है जब यह द्वितीयक स्रोत से पावर सप्लाई देता है । प्राथमिक स्रोत के सामान्य होने की स्थिति में यह स्वतः ही द्वितीयक स्रोत से प्राथमिक स्रोत पर आ जाता है ।
  4. रेक्टिफायर ( Rectifier ) : UPS में एक ‘ रेक्टिफायर उपयोग में लिया जाता है । यह बैट्री चार्जिंग के लिए AC को DC में परिवर्तित करता है ।

UPS मुख्यतः दो सेग्मेन्ट का उपयोग करके प्रचालित होता है । जब इनपुट में ए.सी. सप्लाई प्राप्त होती है तो उस समय UPS के आउटपुट पर बैट्री का आउटपुट प्राप्त नहीं होता है बल्कि इनपुट में प्रदान की गई सप्लाई द्वारा UPS का आउटपुट प्राप्त होता है । इसी तरह ए.सी. सप्लाई अवरुद्ध होने पर बैट्री का आउटपुट UPS के आउटपुट के रूप में प्राप्त होने लगता है । इसी क्रियाविधि को विभिन्न UPS में विभिन्न प्रकार से उपयोग किया जाता जिनका विवरण निम्न प्रकार है।

UPS के प्रकार | ups ke prakar

दोस्तों वैसे तो यूपीएस बहुत प्रकार के होते हैं पर हमने आपको मुख्य दो प्रकार बताए हैं-

ऑनलाइन UPS | Online UPS

इसे वास्तविक UPS भी कहते हैं । इस प्रकार के UPS में दो पावर स्रोत तथा एक ट्रांसफर स्विच होता है । ट्रांसफर स्विच आउटपुट प्रदान करने के लिए आवश्यक पावर स्रोत का चयन करता है । इसमें प्राथमिक पावर स्रोत के रूप में बैट्री तथा द्वितीयक पावर स्रोत के रूप में AC मेन का उपयोग किया जाता है । चित्र ( 8.34 ) में ऑनलाइन UPS का खण्ड आरेख दर्शाया गया है ।

सामान्य स्थिति में रेक्टिफायर AC मेन को DC में परिवर्तित कर देता है तथा लाइन पावर के द्वारा बैट्री चार्ज होती रहती है । इसी समय UPS का बैट्री आउटपुट DC में प्राप्त होता रहता है । इन्वर्टर DC को AC में परिवर्तित करता है और यह पावर सप्लाई लोड को प्रदान की जाती है । सामान्य स्थिति

में लोड को प्रदान की जाने वाली पावर सप्लाई के पाथ को डार्क लाइन ( Dark Line ) द्वारा दर्शाया गया है । इस UPS में दो प्रकार के परिवर्तन होते हैं इसलिए इसे द्विपरिवर्तन ऑनलाइन UPS ( Double Conversion Online UPS ) भी कहते हैं । इस UPS के सामान्य संचालन पाथ ( Normal Operation Path ) को डार्क लाइन द्वारा प्रदर्शित किया गया है ।

जब AC मेन पावर अवरुद्ध हो जाती है । तब भी लोड को पावर प्राप्त होती रहती है । इस स्थिति में बैट्री चार्जर चार्ज करना बन्द कर देता है । इन्वर्टर बैट्री में DC सप्लाई को AC में परिवर्तित कर देता है तथा यह पावर सप्लाई लोड को दी जाती है । चित्र ( 8.35 ) में AC मेन अवरुद्ध होने की स्थिति में UPS की कार्यप्रणाली को दर्शाया गया है ।

UPS द्वारा मेन पावर स्रोत से बैट्री पर ट्रांसफर होने में लिया गया । अधिकतम समय ट्रांसफर समय कहलाता है । यह UPS का एक महत्त्वपूर्ण गुण है लेकिन ऑनलाइन UPS में ट्रांसफर टाइम नहीं होता है । इसमें UPS कुछ क्षणों में ही बैट्री पर स्विच हो जाता है । इसलिए लोड बिना किसी बाधा के यथास्थिति में रहता है । द्वितीयक पावर पाथ ( Secondary Power Path ) को चित्र ( 8.37 ) में डॉटेड ( …. ) लाइन से दर्शाया गया है ।

जब इन्वर्टर में कोई तकनीकी खराबी होती है , जब इस पाथ को उपयोग में लिया जाता है । इन्वर्टर में खराबी होने पर ट्रांसफर स्विच स्वतः ही स्थिति 1 से स्थिति 2 पर आ जाता है तथा लोड ( Load ) को AC मेन पर स्विच कर देता है । स्पाइक प्रोटेक्टर ( Spike Protector ) लोड को इनपुट पावर में होने वाले परिवर्तनों से होने वाले सम्भावित दोषों से सुरक्षित रखता है तथा फिल्टर अवांछित सिग्नलों को हटा देता है । इस पाथ में ट्रांसफर समय एक महत्त्वपूर्ण घटक है तथा इसका मान बहुत ही कम होना चाहिए ।

ऑफलाइन UPS | Offline UPS

इसे स्टैण्ड बाई UPS ( Stand by UPS ) भी कहते हैं । इस UPS में प्राथमिक पावर स्रोत मेन पावर तथा द्वितीयक पावर स्रोत बैट्री होती है । चित्र ( 8.36 ) में ऑफ लाइन UPS का खण्ड आरेख दर्शाया गया है

भारतर उ सामान्य स्थिति में यह इनपुट में प्राप्त AC सप्लाई को स्पाइक प्रोटेक्टर तथा फिल्टर से गुजार कर आउटपुट प्रदान करता है । अर्थात् UPS में सामान्य स्थिति में बैट्री और इन्वर्टर लोड को पावर सप्लाई नहीं देते हैं । इस UPS की बैट्री लाइन पावर सप्लाई द्वारा चार्ज होती है , लेकिन बैट्री और इन्वर्टर जब तक स्टैण्ड बाई मोड ( Stand by Mode ) में रहते हैं तब तक उन्हें पावर की आवश्यकता नहीं होती है , इसलिए इस UPS को स्टैण्डबाइ UPS कहते हैं ।

इसमें मेन लाइन , प्राथमिक पावर स्रोत होती है इसलिए इसे लाइन प्रिफर्ड ( Line Preferred ) UPS भी कहते हैं । चित्र ( 8.37 ) में AC मेन पावर अवरुद्ध होने की स्थिति में ऑफलाइन UPS द्वारा धारा प्रवाहित होने का पाथ दर्शाया गया है ।

जब AC मेन पावर सप्लाई प्राप्त होती है तब स्पाइक प्रोटेक्टर ( Spike Protector ) लोड को विभिन्न सम्भावित दोषों से सुरक्षित रखता है तथा फिल्टर लाइन नॉइज ( Line Noise ) को हटाती है । इसके विपरीत जब AC मेन पावर अवरुद्ध हो जाती है तो ट्रांसफर स्विच स्वतः ही स्थिति से स्थिति 2 पर आ जाती है ।

बैट्री इन्वर्टर के द्वारा लोड को पावर सप्लाई देती है । यह पाथ ऑनलाइन UPS ( Online UPS ) के समान है । यदि बैट्री को चार्ज करने के लिए मेन पावर नहीं मिलती है , तो बैट्री कुछ समय बाद डिस्चार्ज ( Discharge ) हो जाती है जब मेन पावर अवरुद्ध हो जाती है ।

तब यह UPS ट्रांसफर स्विच की स्विचिंग के लिए कुछ समय तक पावर को होल्ड करता है इस समय को UPS का ‘ होल्ड अप समय ‘ कहते हैं । इस UPS का ट्रांसफर समय ऑनलाइन UPS से अधिक होता है । क्रिटिकल लोड की स्थिति में ‘ट्रांसफर समय ‘ एक महत्त्वपूर्ण घटक है । ट्रांसफर समय की परास ‘ मिली । सैकण्ड ‘ ( ms ) से ‘ माइक्रो सैकण्ड ‘ ( us ) तक होती है ।

2 thoughts on “UPS क्या है? | कैसे काम करता है? | UPS के प्रकार?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *