Types of lathe machine
कार्यशालाओं (workshops) में अनेकों प्रकार के जॉब बनाए जाते हैं, जिससे अनेकों प्रकार की लेथ मशीनें प्रयोग की जाती हैं। यह संरचना (structure) तथा डिजाइन के आधार पर निम्न प्रकार की होती हैं-
(1.)स्पीड लेथ
यह बहुत ही साधारण संरचना की लेथ मशीन होती है। इसके स्पिण्डल की स्पीड 1200 से 3600 चक्कर प्रति मिनट होती है। इसमें स्पीड बदलने के लिए स्टैप पुली की व्यवस्था रहती है। इन मशीनों में पावर फीड (Power feed) की व्यवस्था नहीं होती। और लीड स्क्रू भी नहीं लगा होता है। फीड देने के लिए हैण्डिल को हाथ द्वारा घुमाया जाता है। इस मशीन का उपयोग मुलायम धातुओं या लकड़ी (wood) को खरादने के लिए किया जाता है। और इसको अन्य प्रकार के ऑपरेशनों जैसे- स्पिनिंग (spinning), बैलेन्सिंग (balancing) तथा पॉलिशिंग (polishing) करने के लिए भी उपयोग किया जाता है।
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(2.)सेन्टर लेथ
इस लेथ मशीन में कार्यखण्ड (जॉब) को सेन्टर में पकड़ने के लिए चक या फेस प्लेट का उपयोग किया जाता है। इन मशीनों में बैड, हैड स्टॉक, टूल पोस्ट (tool post), फीड रॉड (feed rod), कैरिज (कैरिएज) इत्यादि भाग होते हैं।
- लीड स्क्रू (lead screw) तथा फीड शाफ्ट (feed shaft) हेतु दिशा परिवर्तित लीवर
- नॉर्टन गियर बॉक्स (nirten gear box) हेतु लीवर
- नॉर्मल फीड (normal feed) एवं मिमी पिच को इंच में बदलने हेतु लीवर
- फीड के चयन हेतु लीवर
- RPM के बदलने हेतु लीवर
- लीड स्क्रू
- ऑटोमैटिक फीड हेतु लीवर
- फीड की दिशा बदलने हेतु लीवर
- ऑटोमैटिक क्रॉस स्लाइड हेतु लीवर
- टेल स्टॉक हेतु क्लैम्पिंग नट
- हैण्ड व्हील
सेन्टर लेथ के प्रकार
यह निम्न प्रकार की होती हैं-
(a.)हस्तचालित लेथ
इस लेथ का उपयोग पुराने समय में जॉब बनाने के लिए होता था। इन मशीनों को चलाने के लिए कारीगर (worker) मशीन पर लगी कमानी को हाथ द्वारा चलाकर जॉब को घुमाता था तथा दूसरे हाथ से टूल को पकड़कर कटिंग (cutting) करता था।
(b.)ट्रैडल लेथ
हस्त चालित लेथ मशीन द्वारा जॉब को तेजी से नहीं घुमाया जाता था। इसलिए जॉब को तेजी से घुमाने के लिए ट्रैडल लेथ (traddle lathe) का आविष्कार किया गया। इसमें जॉब को तेजी से घुमाने के लिए पैरों (legs) द्वारा गति दी जाती है। इसके लिए इस लेथ में एक असेन्ट्रिक शाफ्ट उपयोग की जाती है, जिसके सिरे पर कोन पुली (cone pulley) तथा फ्लाई व्हील फिट रहते हैं। इस शाफ्ट से एक पैडल भी जुड़ा रहता है। जब पैडल चलाया जाता है, तो इसके साथ-साथ फ्लाई व्हील (fly wheel) व कोन पुली भी घूमने लगती है। कोन पुली को पट्टे द्वारा स्पिण्डल से जोड़ (attached) दिया जाता है। पुली के घूमने पर स्पिण्डल भी घूमने लगता है। इस लेथ मशीन का प्रयोग छोटे जॉबों (jobs) को टर्न करने के लिए किया जाता है।
(c.)इंजन लेथ
इसको सेन्टर लेथ (centre lathe) भी कहा जाता है। प्रारम्भिक समय में इसको चलाने के लिए इंजन का उपयोग किया जाता था, इसलिए इसको इंजन लेथ (engine lathe) के नाम से पुकारा जाने लगा। कार्यशालाओं में अधिकतर इसी लेथ मशीन का उपयोग किया जाता है। आजकल इन मशीनों पर इंजन के स्थान पर इलेक्ट्रिक मोटर (electric motor) का उपयोग किया जाता है। इस मशीन में जॉब को सेन्टर-टू-सेन्टर बाँधकर मशीनिंग (machining) करने के काम में लाया जा सकता है। इसमें पावर फीड के लिए एक लीड स्क्रू की व्यवस्था रहती है।
(d.)बेंच लेथ
इसका उपयोग बहुत छोटे जॉब बनाने में किया जाता है। इसका साइज छोटा होता है। इसे एक विशेष तौर पर तैयार की गई बेंच पर स्थित (mount) किया जाता है। इसके द्वारा अच्छी गुणवत्ता (good quality) के जॉब बनाए जा सकते हैं। इसके द्वारा काफी सटीक जॉब बना सकते हैं। साइज में छोटी होने पर भी इसमें वे सभी भाग होते हैं, जो एक बड़ी लेथ मशीन में होते हैं। लेथ मशीन पर होने वाली सभी प्रक्रियाएँ (all process) बेंच लेथ पर की जा सकती हैं।
(e.)टूल-रुम लेथ
यह देखने में तो सेन्टर लेथ के समान होती है, परन्तु इसकी यथार्थता (accuracy) अधिक होती है। इसके अतिरिक्त इसमें गियर बॉक्स अधिक परिष्कृत (finished) होता है, जिससे स्पिण्डल स्पीड तथा पावर फीड अधिक रेंज तक उपयोग में लाई जा सकती हैं। इसका उपयोग टूल-रूम में बनने वाले औजारों, डाइयों तथा गेजों (gauges) आदि को बनाने में किया जाता है। इन मशीनों का उपयोग टूल-रूम में अधिक परिशुद्ध कार्य (accurate work) करने में किया जाता है।
(3.)उत्पादन लेथ
इस लेथ मशीन का प्रयोग कम समय में एक ही आकार एवं प्रकार के जॉबों के अधिक उत्पादन (production) हेतु किया जाता है। यह निम्न प्रकार की होती हैं-
(a.)कैप्स्टन लेथ
यह मशीन बड़े उत्पादन (mass production) के लिए अधिक उपयोगी है। इसमें एक साथ कई टूल कार्य करते हैं। इसके लिए इसमें कैप्स्टन हैड एक रैम के ऊपर लगा होता है। यह रैम मशीन बैड (machine bed) पर लगी होती है। इस हैड में कई टूल एक साथ बाँध दिए जाते हैं, जो बारी-बारी से कार्यखण्ड (job) पर कार्य करते हैं। कैप्स्टन लेथ पर टूल्स की सैटिंग (setting of tools) करने के लिए एक अनुभवी कारीगर की आवश्यकता होती है, परंतु प्रोडक्शन निकालने के लिए ज्यादा अनुभवी कारीगर की आवश्यकता नहीं होती। ऐसी मशीनों की सैटिंग में अधिक समय लगता है, परन्तु उत्पादन में कम समय लगता है, इसलिए इन मशीनों का उपयोग मास प्रोडक्शन (mass production) में किया जाता है।
(b.)टर्रेट लेथ
इस मशीन में कैप्स्टन हैड के स्थान पर टर्रेट हैड turret head) होता है। टर्रेट हैड सीधे मशीन बैड पर लगा होता है तथा इस पर लगे औजार बारी-बारी से कार्यखण्ड पर अपना कार्य करते हैं यह मशीनें भी अर्द्धस्वचालित (semi automatic) तथा पूर्ण स्वचालित (automatic) दोनों प्रकार की होती हैं। इन मशीनों का उपयोग भी मास प्रोडक्शन (mass production) में किया जाता है। इन मशीनों का सैेटिंग समय (setting time) भी अधिक होता है, परंतु प्रोडक्शन में कम समय लगता है।
(c.)स्वचालित लेथ
इसमें कार्यखण्ड की मशीन चक में लोडिंग (loading) से लेकर सभी प्रकार की कटिंग प्रक्रियाएँ (cutting process) तथा अंत में अनलोडिंग (unloading) आदि सभी क्रियाएँ एवं मूवमेन्ट्स स्वतः होते हैं। मशीन को एक बार सैट करने के बाद वह अपने आप प्रोडक्शन करती है। इसमें एक ऑपरेटर (operater) एक साथ कई मशीनें चला सकता है। इन मशीनों में लंबा स्टॉक एक बार लोड कर दिया जाता है। इसके बाद प्रोडक्शन (production) अपने आप स्वयं होता रहता है।
(4.)विशेष प्रयोजन लेथ
कार्यखण्ड पर होने वाली प्रक्रियाओं तक सीमित लेथ मशीनों को विशेष प्रयोजन लेथ (special purposed lathe) कहते हैं। इन मशीनों के द्वारा हम कुछ निश्चित मशीनी प्रक्रियाएँ करके किसी विशेष प्रकार के जॉब को ही तैयार कर सकते हैं; जैसे- क्रैंक शाफ्ट (Crank shaft) को टर्न करने के लिए हम क्रैंक शाफ्ट लेथ का प्रयोग करते हैं। फेसिंग लेथ के द्वारा हम अधिक बड़े आकार में फेसिंग (facing) कर सकते हैं। कुछ मुख्य विशेेष प्रयोजन लेथ निम्न प्रकार हैं-
(a.)पहिया लेथ मशीन
इस प्रकार की लेथ मशीनों का प्रयोग रेल के डिब्बों तथा लोकोमोटिव पहियों की टर्निंग के लिए किया जाता है। इसमें पहिए होल को ऊर्ध्वाधर टर्रेट लेथ मशीन पर बोर करने के बाद एक्सल की कोपीइंग मशीन (copying machine) पर टर्निंग की जाती है।
(b.)टी लेथ
इस प्रकार की लेथ मशीन के आधार की अक्ष (axis) की आकृति ‘T’ के समान होती है तथा यह अक्ष हैड स्टॉक की अक्ष के लम्बवत् (perpendicular) होती है। इस लेथ मशीन का प्रयोग जेट इंजनों के रोटर की मशीनिंग (machining) के लिए किया जाता है।
(c.)गैप बैड लेथ मशीन
इस मशीन के हैड स्टॉक (head stock) के बेस (आधार) को हटाया जा सकता है तथा बेस के बाएँ सिरे के पास हैड स्टॉक से कुछ दूर आगे गैप रखकर बेस के समान आकृति वाला एक छोटा भाग दो बोल्टों की सहायता से कस (tigh) दिया जाता है। जब मशीन पर किसी जॉब की टर्निंग (turning) की जाती है, तो इस छोटे भाग को हटा दिया जाता है।
(d.)मिसाइल लेथ मशीन
इस लेथ मशीन की विशेषताएँ, गैप बैड लेथ मशीन के समान ही होती हैं। यह एक अत्याधुनिक तथा नए डिजाइन (design) वाली मशीन है। इसके द्वारा बड़ी आकृति वाले मिसाइल पार्टों (Missile parts) को बनाया जाता है।
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