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रैम किसे कहते हैं? | प्रकार | विशेषताएं | फायदे | नुकसान

रैम किसे कहते हैं?

यह कंप्यूटर मेमोरी का एक रूप है, जिसे किसी भी क्रम में पढ़ा और बदला जा सकता है, आमतौर पर यह काम करने वाले डेटा और मशीन कोड को स्टोर करने के लिए उपयोग किया जाता है। एक रैम डिवाइस अन्य डायरेक्ट-एक्सेस डेटा स्टोरेज मीडिया ( जैसे- हार्ड डिस्क, सीडी- आरडब्ल्यू, डीवीडी-आरडब्ल्यू और पुराने चुंबकीय टेप और ड्रम मेमोरी ), जहां मीडिया रोटेशन गति और आर्म मूवमेंट जैसी यांत्रिक सीमाओं के कारण, डेटा आइटम को पढ़ने और लिखने के लिए आवश्यक समय रिकॉर्डिंग माध्यम पर उनके भौतिक स्थानों के आधार पर काफी अलग होता है।

रैम क्या है? | RAM kya hai?

इसकी हिंदी भाषा में फुल फॉर्म ‘रैंडम-एक्सेस मेमोरी’ होती है। यह कंप्यूटर के अंदर की मुख्य मेमोरी होती है। रैम को दूसरी भाषा में ‘डायरेक्ट एक्सेस मेमोरी’ भी कहते हैं। यह एक टेंपरेरी मेमोरी होती है, जिस समय कंप्यूटर ऑफ होता है तब इसके अंदर का डाटा ऑटोमेटिक रिमूव हो जाता है। उसके बाद डेटा को बाद में वापस नहीं लाया जा सकता है।

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RAM kya hai
RAM
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जब हम अपने मोबाइल फोन या कंप्यूटर में कोई एप ( App ) ओपन करते हैं, तो वह ओपन होने के लिए मोबाइल या कंप्यूटर में से मेमोरी को यूज करता है। एप द्वारा यूज की जाने वाली मेमोरी रैम होती है और जब एप बंद कर देते हैं अर्थात् जब एप मोबाइल या कंप्यूटर में रन नहीं कर रही होती है तब वह रैम मेमोरी को यूज नहीं करता है।

रैम के प्रकार | RAM Ke Prakar

यह तीन प्रकार की होती है, जो कि निम्न प्रकार से है-

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  1. एसरैम ( SRAM ) – इसकी अंग्रेजी भाषा में फुल फॉर्म ‘Static Random Access Memory’ होती है और हिंदी भाषा में ‘स्थैतिक रैंडम-एक्सेस मेमोरी’ कहते हैं। इस मेमोरी के अंदर यदि किसी डिवाइस को बंद किया जाता है तब उसमें से डेटा हट जाता है। इस प्रकार की मेमोरी किसी भी डेटा को सेव नहीं करती है। यह फ्लिप फ्लॉप व स्टैटिक रैंडम एक्सेस मेमोरी के साथ में मिलकर बनी होती है। इस मेमोरी को डेटा याद रखने के लिए बार-बार रीफ्रेश ( Refresh ) नहीं करना पड़ता है।
  2. डीरैम ( DRAM ) – इसकी अंग्रेजी भाषा में फुल फॉर्म ‘Dynamic Random Access Memory’ होती है और हिंदी भाषा में ‘डायनेमिक रैंडम-एक्सेस मेमोरी’ कहते हैं। यह मेमोरी एसरैम के विपरीत काम करती है। इसको डेटा याद रखने के लिए बार-बार रीफ्रेश ( Refresh ) करना पड़ता है। इसमें एक कैपेसिटर ( Capacitor ) होता है। कैपेसिटर इसलिए होते हैं क्योंकि यह धीरे-धीरे पावर को खत्म करते हैं। जब पूरी पावर खत्म हो जाती है तब डेटा भी खत्म हो जाता है।
  3. वीरैम ( VRAM ) – इसकी अंग्रेजी भाषा में फुल फॉर्म ‘Video Random Access Memory’ होती है। इसको ‘मल्टीपोर्ट डायनेमिक रैंडम एक्सेस मेमोरी’ ( MPDRAM ) के रूप में भी जाना जाता है। इस प्रकार की मेमोरी का विशेष रूप से वीडियो एडेप्टर या 3 – एक्सेलेरेटर के लिए उपयोग किया जाता है। इसको ‘मल्टीपोर्ट’ भी कहा जाता है क्योंकि इसमें एक के बजाय दो स्वतंत्र एक्सेस पोर्ट होते हैं। यह सीपीयू ( CPU ) व ग्राफिक्स प्रोसेसर को एक साथ मेमोरी यूनिट तक पहुंचाने की अनुमति देता है।

रैम की विशेषताएं | RAM ki visheshataen

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  1. इस मेमोरी की स्पीड सेकेंडरी मेमोरी की तुलना में बहुत अधिक होती है।
  2. यह सभी मेमोरी की तुलना में अधिक महंगी होती हैं।
  3. रैम मेमोरी मोबाइल या कंप्यूटर में सबसे अधिक उपयोग होती है, इसलिए इसे वर्किंग मेमोरी ( Working Memory ) भी कहते हैं।
  4. मोबाइल या कंप्यूटर में सभी एप या प्रोग्राम रैम में ही ओपन होते हैं। रैम के बिना कोई एप काम नहीं कर सकता है।
  5. यदि हम अपने मोबाइल में Free fire & Pubg जैसे गेम चलाते हैं, तो इनको चलाने के लिए हमें अधिक रैम की आवश्यकता होती है।
  6. यह हमारे मोबाइल या कंप्यूटर का एक महत्वपूर्ण डिवाइस होती है। यह जितनी अधिक हमारे मोबाइल या कंप्यूटर में होगी। उतना ही अच्छा हमारा मोबाइल या कंप्यूटर काम करता है। यह हमारे फोन/सिस्टम में रैम कम होती है तब वह कम स्पीड से चलेगा और साथ ही हैंग भी करेगा।

SRAM की विशेषताएं | SRAM ki visheshataen

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  1. इसको बनाने में अधिक खर्चा होता है।
  2. इसमें बहुत कम बिजली की खपत होती है।
  3. यह DRAM की तुलना में तेज गति से काम करती है।
  4. यह DRAM से महंगी होती है।
  5. इसका साइज बहुत अधिक होता है।
  6. इसका बहुत कम घनत्व होता है, इसलिए इसको डेटा स्टोर करने के लिए अधिक जगह की आवश्यकता होती है।
  7. एसरैम में अधिक डाटा को स्टोर करने की क्षमता नहीं होती है।
  8. यह एक static Memory होती है। इसलिए इसको बार-बार रीफ्रेश ( Refresh ) नहीं करना पड़ता है।
  9. इसको कंप्यूटर सिस्टम में कैश मेमोरी के स्थान पर उपयोग कर सकते हैं।

DRAM की विशेषताएं | DRAM ki visheshataen

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  1. इसको बनाने में कम खर्चा होता है।
  2. इसमें अधिक डेटा को स्टोर करने की क्षमता होती है क्योंकि इसका घनत्व अधिक होता है।
  3. इसमें अधिक बिजली की खपत होती है अर्थात् यह रन काम करने में अधिक बिजली का उपयोग करती है।
  4. यह एसरैम ( SRAM ) की तुलना में कम महंगी होती है।
  5. इसका साइज कम होता है। यह गति में काफी धीमी होती है।
  6. यह एसरैम ( SRAM ) से विपरीत काम करती है।
  7. इस प्रकार की मेमोरी को एक सामान्य मेमोरी के रूप में उपयोग में ले सकते हैं।

रैम के फायदे | RAM ke phaayade

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  • यह मेमोरी रीड व राइट दोनों का काम कर सकती है।
  • इसकी पावर कुशल है।
  • एसएसडी की तुलना में कम लागत और उनसे तेजी से काम करते हैं।
  • यह एक घटक है, जिसका डेटा के स्टोरेज की अनुमति देने के लिए एक सिस्टम में होना अनिवार्य है। जिसे सीपीयू ( CPU ) द्वारा संसाधित किया जाएगा।
  • यह मोबाइल या कंप्यूटर सिस्टम की गति को बढ़ा देता है। यह जितनी अधिक होगी वह उतनी स्पीड से काम करेगा।
  • यह मेमोरी कुशल होती है। यह सीपीयू के डेटा को पढ़ने के लिए हार्ड ड्राइव स्टोरेज की तुलना में बहुत तेज है।

रैम के नुकसान | RAM ke nukasaan

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  • यह मेमोरी महंगी होती है और यह अस्थिर मेमोरी होने के कारण अधिक समय तक डेटा स्टोर करना मुश्किल होता है। यदि किसी कारणवश सिस्टम ऑफ हो जाता है तब डेटा हानि हो सकती है।
  • यदि सीपीयू केवल रैम से डेटा पढ़ना चाहता है, तब कैश और रजिस्टरों से डेटा एक्सेस रोम की तुलना में धीमा है।

RAM Qna-

कंप्यूटर रैम क्या है?

यह एक सेमीकंडक्टर से बना हुआ, कंप्यूटर मेमोरी सिस्टम का ही एक भाग होता है।

रैम का फुल फॉर्म क्या है?

रैंडम-एक्सेस मेमोरी

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कंप्यूटर की प्राइमरी मेमोरी किसे कहते हैं?

रैम को प्राइमरी मेमोरी कहते हैं।

कंप्यूटर की मुख्य मेमोरी क्या होती है?

कंप्यूटर की मुख्य मेमोरी रैम होती है।

RAM किस प्रकार की मेमोरी है?

यह Volatile Memory है।

RAM का क्या कार्य है?

यह स्टोरेज से डेटा को जल्दी से जल्दी प्रोसेसर तक पहुंचाने का काम करता है और जब डेटा का काम खत्म हो जाता है तब रैम प्रोसेसर से वापस स्टोरेज तक डेटा को ट्रांसफर कर देता है।

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