हेलो दोस्तों, आपका मेरी वेबसाइट में स्वागत है, आज आपको माइक्रोमीटर का सिद्धांत के बारे में जानकारी देने वाला हूं। यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़िए।
माइक्रोमीटर का सिद्धांत (Micrometer ka sidhant)
माइक्रोमीटर, एक सूक्ष्म मापी यंत्र है, यह नट-बोल्ट के सिद्धांत पर काम करता है। जिस प्रकार से नट या बोल्ट को घुमाया जाता है, तब एक चक्कर में कुछ दूरी तय करता है, जिसे पिच कहते हैं।
ठीक इसी प्रकार माइक्रोमीटर में लगे नट को स्थिर रखा जाए तथा बोल्ट को एक चक्कर आगे की ओर घुमाया जाए, तब बोल्ट अपनी पिच के बराबर आगे बढ़ता है।
ऐसा इसलिए होता है, कि सिंगल स्टार्ट चूड़ी में लीड तथा पिच बराबर होती है। पिच या इसके अंशों की दुरी को स्पिण्डल की गति द्वारा स्लीव तथा थिम्बल पर शुद्धता के साथ मापा जा सकता है।
उदाहरण:- 0 से 25 मिमी रेंज वाले माइक्रोमीटर के स्पिण्डल पर 0.5 मिमी पिच वाली चूड़ियां कटी होती हैं। इसलिए जब स्पिण्डल को जब एक चक्कर आगे की ओर घुमाया जाता है, तब स्पिण्डल अपनी पिच के बराबर अर्थात् 0.5 मिमी दूरी तय करता है।
0 से 25 मिमी रेंज वाले माइक्रोमीटर के स्लीव पर 0.5 मिमी के 50 खाने बने होते हैं और स्पिण्डल पर भी 50 खाने बने होते हैं, जिसके एक खाने का मान 0.01 मिमी मिमी होता है।
जब थिम्बल एक चक्कर पूरा घुमाया जाता है, तब स्पिण्डल अपनी पिच के बराबर दूरी तय करता है।
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