• Home
  • /
  • Fitter course
  • /
  • नर्लिंग क्या है? इसके प्रकार
No ratings yet.

नर्लिंग क्या है? इसके प्रकार

नर्लिंग क्या है? इसके प्रकार

knurling kya hai in hindi:- इस प्रक्रिया से टूल के पकड़ने वाले भाग को खुरदरा बनाया जाता है, जिससे कि टूल को पकड़ने में आसानी रहती है, और टूल स्लिप नहीं होता है।

नर्लिंग क्या है?

“किसी टूल पर पकड़ मजबूत बनाने के लिए खुरदरी सतह बनाने के लिए जो प्रक्रिया की जाती है, उसे नर्लिंग (knurling) कहते हैं।”

Knurling kya hai

नर्लिंग मापने वाले यंत्रों, गेजों व टूलों के पकड़ने वाले स्थान पर की जाती है। नर्लिंग करने के लिए एक टूल का उपयोग किया जाता है, जिसे नर्लिंग टूल कहते हैं। इस टूल को लेथ मशीन के भाग टूल पोस्ट में पकड़ा जाता है। और जॉब को लेथ मशीन के भाग चक में पकड़कर धीमी गति से घुमाया जाता है। इस टूल को जॉब के विरूद्ध क्रास फीड देकर उपयोग में लाया जाता है। जिससे नर्लिंग होने लगती है, और साथ ही अनुदैर्ध्य फीड देकर पूरे जॉब में नर्लिंग की जाती है।

नर्लिंग टूल क्या है?

यह एक गोलाकार पहिए के समान होता है। यह पहिया हाई स्पीड स्टील का बना होता है। और इन टूलों में नर्लिंग दांते बनाने के बाद हार्ड व टेम्पर किया जाता है। यह दांते डायामीटर पर बनाए जाते हैं। यह दांते भिन्न-भिन्न आकार व भिन्न-भिन्न प्रकार के होते हैं।
नर्लिंग टूल को उपयोग में लाने से पहले नर्लिंग टूल होल्डर में पकड़ा जाता है।

नर्लिंग के प्रकार

यह निम्न प्रकार से है-

1.स्ट्रेट नर्लिंग

इस प्रकार की नर्लिंग करने के लिए ऐसे रोलर का उपयोग किया जाता है, जिसके डायामीटर में दांते सीधी रेखा में बने होते हैं।

2.क्रॉस नर्लिंग

इस प्रकार की नर्लिंग के दांते एक-दूसरे के ठीक 90° में क्रास होते हैं

3.डायमण्ड नर्लिंग

इस प्रकार की नर्लिंग करने के लिए एक रोलर सैट उपयोग किया जाता है, इस एक सैट में दो रोलर होते हैं, जिनमें से पहले रोलर में बाईं ओर और दूसरे रोलर में दाईं ओर हेलिकल ग्रूव या दांते बने होते हैं।

4.अवतल नर्लिंग

इस प्रकार की नर्लिंग करने के लिए उत्तल नर्लिंग टूल का उपयोग किया जाता है।

5.उत्तल नर्लिंग

इस प्रकार की नर्लिंग करने के लिए अवतल नर्लिंग टूल का उपयोग किया जाता है।

नर्लिंग के ग्रेड

यह निम्न तीन प्रकार के होते हैं-

1.कोर्स नर्लिंग

इस प्रकार की ग्रेड का पिच 1.75 मिमी होता है, इसमें नर्ल का पिच अधिक रखा जाता है।

2.मीडियम नर्लिंग

इस प्रकार की ग्रेड का पिच 1.25 मिमी होता है।

3.फाइन नर्लिंग

इस प्रकार की ग्रेड का पिच 0.75 मिमी होता है।

नर्लिंग की सावधानियां

यह निम्न प्रकार से हैं-

  1. यह प्रक्रिया करते समय लेथ मशीन की स्पीड कम रखनी चाहिए।
  2. जॉब को लेथ मशीन के चक सीधा बांधना चाहिए।
  3. इस प्रक्रिया में स्नेहक का अधिक मात्रा में उपयोग करना चाहिए।
  4. टूल की फीड प्रति चक्कर 1 मिमी से 2 मिमी तक रखनी चाहिए।
  5. अच्छी नर्लिंग पाने के लिए टूल को जॉब पर कम से कम 2 बार जरूर चलाना चाहिए।
  6. नर्लिंग टूल को उपयोग में लाने के बाद टूल को लोहे के नरम वायर ब्रश से साफ कर देना चाहिए।

दोस्तों, यदि आपको नर्लिंग क्या है? पोस्ट अच्छी लगी हो तो कमेंट व शेयर अवश्य करें।

More Information:- ग्राइंडिंग मशीन क्या है?

5 thoughts on “नर्लिंग क्या है? इसके प्रकार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *