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आईटीआई इलेक्ट्रीशियन ट्रेड थ्योरी परिचय

ITI Electrician course Syllabus details in Hindi

आईटीआई इलेक्ट्रीशियन कोर्स: एक परिचयजैसा कि नाम से पता चलता है, आईटीआई इलेक्ट्रीशियन ट्रेड बिजली के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करता है जैसे – वायरिंग (आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक), घरेलू उपकरण, विद्युत मशीन, प्रकाश, विद्युत प्रतिष्ठान आदि।

हमारे देश की बढ़ती हुई औद्योगिक एवं इंजीनियरिंग आवश्यकताओं को पूरा करने तथा रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए विभिन्न प्रकार की संस्थानों द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है, जिनमें से एक प्रमुख संस्था’ औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था (ITI) है। इस प्रशिक्षण संस्था में विभिन्न ट्रेडों जैसे-इलेक्ट्रीशियन, फिटर, मोटर मैकेनिक, मैकेनिक डीजल, इलैक्ट्रॉनिक मैकेनिक, इन्सट्रूमेन्ट मैकेनिक आदि का सैद्धान्तिक एवं प्रायोगिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। इनमें से इलैक्ट्रीशियन एक प्रमुख ट्रेड है।

इस ट्रेड में विद्युत ( Electricity ) से संबंधित सभी कार्यों का प्रशिक्षण दिया जाता है। इस ट्रेड की आवश्यकता उद्योगों, कार्यशालाओं, पावर हाउस, ग्रिड स्टेशनों, घरों, दुकानों आदि सभी जगहों पर होती है।

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आईटीआई इलेक्ट्रीशियन ट्रेड

इलैक्ट्रीशियन ट्रेड को इलैक्ट्रीशियन द्वारा इलैक्ट्रिक सर्विस प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है इस ट्रेड में विद्युत का प्रारम्भिक ज्ञान, विद्युतीय मशीन, ट्रांसफॉर्मर, मशीन वाइन्डिंग, घरेलू एवं पावर वायरिंग आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है। इलेक्ट्रीशियन का कार्य क्षेत्र इलैक्ट्रीकल सिस्टम तथा उपकरणों को इन्सटॉल, रिपेयर, मेन्टीनेन्स तथा अपग्रेड Upgrade ) करना होता है।

इलेक्ट्रीशियन के कर्तव्य ( Responsibilities of an Electrician )

  1. इलैक्ट्रीशियन का कार्य करने से पूर्व सुरक्षा-सावधानियां जानना
  2. विद्युत उत्पादन, वितरण, संचारण को समझना।
  3. औद्योगिक प्रतिष्ठानों में लगे विद्युत यन्त्रों, मशीनों की फिटिंग को जानना।
  4. औद्योगिक -घरेलू प्रतिष्ठानों की वायरिंग को जानना।
  5. विद्युत मोटरों, ट्रांसफॉर्मरों, माइक्रोफोन, स्विच गियर, विद्युतीय फिटिंग को समझना।
  6. घरेलू विद्युत उपकरण जैसे- पंखें, कूलर, गीजर, फ्रिज, टोस्टर, हीटर, वाटरकूलर में लगी मोटर की वाइन्डिंग को समझना।
  7. विद्युत मशीनों के स्टार्टर, सबमर्सिबल पम्प, जेट पम्प, ऑल्टरनेटर, डी.सी. जनरेटर एवं मोटर की मरम्मत को जानना।
  8. बैट्रियों की चार्जिंग विधि तथा इनकी मरम्मत करना जानना।
  9. विद्युतीय यन्त्र जैसे- मैगर, अर्थ टैस्टर, वाट मीटर, फ्रिक्वेन्सी मीटर, पावर फैक्टर मीटर, ऊर्जा-मीटर की मरम्मत-दोष ठीक करना जानना।
  10. इलैक्ट्रॉनिक परिपथों की जानकारी, पैनल्स का संचालन करना जानना।

इलैक्ट्रीशियन की योग्यताएं ( Abilities of an Electrician )

N.C.V.T. से इलेक्ट्रीशियन का दो वर्षीय प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद आप निम्न योग्यता प्राप्त करते हैं

  1. भारतीय विद्युत नियम के अनुसार घरेलू तथा पावर वायरिंग करना।
  2. भारतीय विद्युत नियम के अनुसार ओवरहैड लाइन का कार्य।
  3. I.E. नियमानुसार अर्थिग करना।
  4. भारतीय मानक ब्यूरो ( BIS ) के अनुसार चिन्हों, संकेतों की जानकारी।
  5. केबलों को जोड़ना व स्थापित करना।
  6. सभी विद्युत मशीनों की वाइन्डिंग एवं रिवाइन्डिंग करना।
  7. ट्रांसफॉर्मर, जनरेटर, ऑल्टरनेटर, तीन-फेज मोटर, एक-फेज मोटरों की वाइन्डिंग, मरम्मत, रख-रखाव करना।
  8. DC व AC के परिपथों को तैयार करना।
  9. इलैक्ट्रॉनिक डायोड, ट्रांजिस्टर, कैपेसिटर, थायरिस्टर को पहचानना, टैस्टिंग करना व इन्हें बदलना।

इलैक्ट्रीशियन के रोजमार पाने के अवसर ( Employment Opportunities for an Electrician )

इस प्रशिक्षण के बाद प्रशिक्षुओं को निम्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर प्राप्त होते है।

  1. सभी प्रान्तों के विद्युत बोर्ड में।
  2. भारतीय रेलवे में।
  3. भारत सरकार द्वारा संचालित उपक्रम में।
  4. शासकीय, अर्द्ध शासकीय सेवा में।
  5. सार्वजनिक / लिमिटेड फैक्ट्रियों में।
  6. स्विच गियर बनाने वाली फैक्ट्री में।
  7. व्हीकल्स की वायरिंग व ऑटोमोबाइल वर्कशॉप में।
  8. लैम्प (Lamp) बनाने वाली फैक्ट्री में।
  9. होटलों, रिसॉर्ट, नर्सिंग होम, बड़े कॉम्पलैक्स, सिनेमा घरों में। इस प्रशिक्षण के पश्चात् प्रशिक्षु निम्न स्वरोजगार के योग्य बन सकते हैं-
  10. शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में मोटरों व स्टार्टरों की मरम्मत सेवा केन्द्र की स्थापना कर सकते हैं।
  11. स्वयं का विद्युत सामग्री का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।
  12. पंखों, कूलरों, विद्युत घरेलू उपकरणों की सप्लाई व मरम्मत केन्द्र स्थापित कर सकते हैं।
  13. घरेलू व पावर वायरिंग कर सकते हैं।
  14. रिवाइन्डिंग-डी.सी . आर्मेचर, ए.सी. वाइन्डिंग ट्रांसफॉर्मर, 3-फेज मोटर, 1 फेज मोटर की वर्कशॉप खोल सकते हैं।
  15. बैट्री की मरम्मत, चार्जिग, नयी बैट्री का निर्माण कर सकते हैं।
  16. ट्यूब लाइट की चोक, छोटे ट्रांसफॉर्मर बना सकते हैं।
  17. शादियों व जन्मदिन कार्यक्रमों में लाइट डेकोरेशन कर सकते हैं।
  18. विद्युत यन्त्रों की मरम्मत सेवा केन्द्र स्थापित कर सकते हैं।

इलेक्ट्रीशियन कितने साल का होता है?

इलेक्ट्रीशियन का कोर्स 2 वर्ष की अवधि का होता है जिसमे पहले के समय 4 सेमेस्टेर होते थे हैं, लेकिन अब इससे साल के हिसाब से कर दिया है। 1 सेमेस्टेर 6 महिना का होता है। अब के समय मे सेमेस्टेर सिस्टम के बदले सालाना अर्थात 1st साल ओर 2 nd साल का बना दिया गया है।

आईटीआई इलेक्ट्रीशियन में क्या क्या सिखाया जाता है?

आईटीआई इलेक्ट्रीशियन ट्रेड बिजली के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करता है जैसे – वायरिंग (आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक), घरेलू उपकरण, विद्युत मशीन, प्रकाश, विद्युत प्रतिष्ठान आदि।

इलेक्ट्रीशियन में कितने पेपर होते हैं?

आईटीआई के पांच विषय में से इलेक्ट्रीशियन थ्योरी विषय को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इस विषय में आपको पूरे आईटीआई इलेक्ट्रिशियन की टेक्निकल नॉलेज दी जाती है। इसमे आपको 4 पेपर देने होते है।

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