Filler rod kya hai in hindi:- Welcome My Website- iticourse.com दोस्तों, मैंने इस पोस्ट में फिलर रॉड क्या है? इसके गुणों के बारे में बताया है।
फिलर रॉड क्या है?
फिलर का अर्थ ‘भरने वाली’ और रॉड का अर्थ ‘छड़ी’ है। यह एक बेलनाकार आकृति की खोखली या ठोस छड़ी या तार के रूप में होती है।
जब दो पार्टों को वैल्डिंग द्वारा जोड़ते हैं, तो उन दोनों पार्टों के बीच में कुछ गैप रहता है, तो इस गैप को भरने के लिए वैल्डिंग मशीन के द्वारा फिलर रॉड को पिघलाकर भरा जाता है। जिससे दोनों आवश्यक पार्ट जुड़ जाते हैं।
फिलर रॉड का चुनाव
इसका सलेक्शन या चुनाव जोड़ी जाने वाली धातु के आधार पर किया जाता है।
फिलर रॉड में उपस्थित फलक्स
दोस्तों, जब सोल्डरिंग की जाती है, तो उसमें फ्लक्स अलग से उपयोग में लाया जाता है। लेकिन वैल्डिंग प्रक्रिया में ऐसा नहीं होता है। क्योंकि इसमें फिलर रॉड में ही फ्लक्स पहले से होता है। यदि फिलर रॉड खोखली है, तो उसमें ही फ्लक्स भरा रहता है। और यदि फिलर रॉड ठोस है, तो उसमें रॉड के ऊपरी सतह पर फ्लक्स का लेप किया हुआ होता है।
फ्लक्स का कार्य
वैल्डिंग करते समय, फ्लक्स फिलर रॉड से पिघलकर जॉब की सर्फेस पर पहुंचकर ऑक्सीडेशन से बचाता है। और यह पिघली अवस्था में फिलर धातु को वायुमंडलीय प्रभाव से बचाता है, अर्थात् जंग नहीं लगने देता है। जंग लगने से बनाया गया जोड़ कमजोर हो जाता है।
फिलर रॉड के गुण
यह निम्न प्रकार से हैं-
- फिलर रॉड में किसी भी प्रकार की अशुद्धियां नहीं होनी चाहिए।
- इसके ऊपर कॉपर की परत चढ़ी होनी चाहिए, जिससे फिलर रॉड को जंग से बचाया जा सके।
- इसमें उपस्थित तत्त्वों का गुण जोड़ को सख्त होने से रोकने योग्य होना चाहिए।
- इस पर चढ़ी फ्लक्स की परत की मोटाई समान होनी चाहिए।
- वैल्ड की जाने वाली धातु के आधार पर ही फिलर रॉड का आकार होना चाहिए।
- वैल्डिंग करते समय यह, फ्लेम के सम्पर्क में आने पर छिटकनी नहीं चाहिए। यह फ्लेम के सम्पर्क में आने पर पिघलकर बूंद के रूप में गिरती रहनी चाहिए।
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Nice post sir