
Turbine kise kahate hain? Turbine ke Prakar
दोस्तों, आपने जब टरबाइन (Turbine) का नाम सुना होगा। तब आपके मन में कई सारे सवाल उठे होंगे कि टरबाइन किसे कहते हैं। टरबाइन के प्रकार, टरबाइन का चित्र, टरबाइन का आविष्कार और टरबाइन के उपयोग आदि।
टरबाइन किसे कहते हैं?
“टरबाइन एक ऐसी मैकेनिक डिवाइस है, जो कि Pressure Energy ko Rotational Energy में परिवर्तित कर सकती है।”
दूसरे शब्दों में – यह एक ऐसी मैकेनिक डिवाइस है, जिसके द्वारा किसी बहते हुए द्रव, भाप, गैस व वायु की गतिज ऊर्जा को घूर्णन ऊर्जा में परिवर्तित करके यांत्रिक कार्य (Mechanical Work) प्राप्त किया जाता है।
टरबाइन एक रोटरी यांत्रिक उपकरण है जो एक द्रव प्रवाह से ऊर्जा निकालता है और इसे उपयोगी कार्य में परिवर्तित करता है। एक जनरेटर के साथ संयुक्त होने पर टरबाइन द्वारा उत्पादित कार्य का उपयोग विद्युत शक्ति उत्पन्न करने के लिए किया जा सकता है।
टरबाइन का चित्र

टरबाइन का आविष्कार
- भाप चक्की (Steam Turbine) का आविष्कार सन् 1884 में चार्ल्स पार्सन्स ने किया था। जिसका पहला मॉडल एक डायनमो से जुड़ा था। यह 7.5 KW इलेक्ट्रीसिटी उत्पन्न करता था।
- पवन चक्की (Wind Turbine) का आविष्कार सन् 1888 में ओहियो के क्लीवलैंड में चार्ल्स एफ ब्रश ने किया था। यह 12 KW इलेक्ट्रीसिटी उत्पन्न करता था।
टरबाइन के प्रकार
यह मुख्यत: पांच प्रकार की होती है, जो कि निम्न प्रकार से है-
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1.Impulse And Reaction Turbine
यह एक टरबाइन का प्रकार है, जिसमें Impulse Turbine का Working Process, Reaction Turbine ke Working Process से कुछ अलग होता है।
(i) Impulse Turbine
इस टरबाइन में तरल पदार्थ की Pressure Energy को गतिज ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है और नॉजल (Nozzle) के द्वारा अधिक प्रेशर तरल या द्रव (High Pressure Liquid) को Images में दिख रहे इम्पेलर या रनर (Impeller or Runner) पर Impact किया जाता है।
नॉजल से जेट (Jet) के रूप में निकलने वाला तरल वेनस से टकराकर रोटर को ऊर्जा प्रदान करता है और जेट के प्रभाव से वेनस आगे चली जाती है। इसके बाद इसी स्थान पर दूसरी वेनस आ जाती है। इस प्रकार से रनर अधिक स्पीड से घूमने लगता है।
(ii)प्रतिक्रिया टरबाइन (Reaction Turbine)
इस टरबाइन में Rotating Speed and Torque generate Fluid के Pressure से किया जाता है। इसमें impeller या runner close case में होते हैं। इसमें तरल या द्रव Casing से होकर रनर वेनस पर प्रवाहित होता है।
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इससे रोटेटिंग स्पीड आउटपुट शाफ्ट पर मिलती है और इस तरह Turbine Centrifugal Pump के विपरीत काम करती है। Reaction Turbine न्यूटन के तीसरे नियम पर काम करती है।
2.भाप चक्की (Steam Turbine)
यह एक ऐसी मैकेनिक डिवाइस होती है, जिसके द्वारा भाप (Steam) की प्रेशर ऊर्जा को मैकेनिक ऊर्जा या रोटेशनल स्पीड में Convert किया जाता है।
जिसमें अधिक प्रेशराइज्ड भाप को एक नॉजल से निकाला जाता है। जिसके सामने एक व्हील, जिस पर Moving blades लगे होते हैं। जो यह ब्लेड लगे होते हैं उनसे अधिक प्रेशराइज्ड भाप टकराती है, जिससे व्हील (Wheel) घूमने लगती है।
इससे मिली गतिज ऊर्जा से भाप टरबाइन (Steam Turbine) की स्पीड लगभग 1200 से 4,000 RPM तक हो जाती है। इतनी स्पीड से जनरेट होने वाली इलेक्ट्रिसिटी 0.5 KW से 500 MKW तक होती है।
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3.गैस चक्की (Gas Turbine)
यह एक ऊष्मा इंजन है, जो कि भाप टरबाइन की तरह काम करती है। इसमें भी, जिस तरह से भाप इंजन में मूविंग ब्लेड पर प्रेशराइज्ड भाप या हवा टकराती है, ठीक उसी तरह से ही गैस टरबाइन में मूविंग ब्लेड पर प्रेशराइज्ड भाप के स्थान पर Fuel Combustion से उत्पन्न होने वाली गर्म गैस टकराती है।
इसलिए, इसमें गैस के कारण ही Wheel अधिक स्पीड से घूमने लगती है और जिसकी स्पीड 4,000 RPM हो सकती है। गैस टरबाइन से जनरेट होने वाली इलेक्ट्रिसिटी 30,000 KW तक हो सकती है। इस टरबाइन (Turbine) की कार्यविधि और डिजाइन (design) साधारण होती है।
4.पानी चक्की (Water Turbine)
इस टरबाइन का उपयोग हमारे देश ‘India’ में प्राचीनकाल से होता आया है। इसमें Wheel को अधिक स्पीड से घुमाने के लिए, Wheel पर लगे blades पर पानी गिराया जाता है। जिससे व्हील घूमने लगती है।
इसका उपयोग आज भी पर्वतीय क्षेत्रों में किया जाता है। इसके अतिरिक्त इसका उपयोग आटा चक्की चलाने में किया जाता था।
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आजकल जल टरबाइन का उपयोग इलेक्ट्रीसिटी जनरेट करने में किया जाता है। यही आज के समय में इलेक्ट्रीसिटी जनरेट करने के लिए सबसे आसान, सस्ता और अधिक उपयोग होने वाला साधन है।
5.पवन चक्की (Wind Turbine)
हवा टरबाइन, टरबाइन का सबसे साधारण नमूना है, जिसे पवन चक्की कहा जाता है। पवन चक्की का हो आप लोगों ने नाम सुना होगा। इसमें direct atmosphere wind turbine को rotate करती है।
यह टरबाइन ऐसी जगह पर स्थित की जाती हैं, जहां पर हमेशा हवा चलती रहती है। इस हवा के लगने से टरबाइन अधिक स्पीड से घूमती है और इलेक्ट्रीसिटी जनरेट करती है।
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