सीमान्त घर्षण क्या है?
दोस्तों, मैंने इस पोस्ट में सीमान्त घर्षण क्या है? सीमान्त घर्षण के नियम इत्यादि के बारे में बताया है। यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़िए। तो चलिए शुरू करते हैं-
सीमान्त घर्षण क्या है? (What is Limiting Friction?)
“स्थैतिक घर्षण के अधिकतम मान को सीमान्त घर्षण कहते हैं।”

दूसरे शब्दों में:- जब दो शूष्क सतह आपस में एक-दूसरे के सम्पर्क में चलती हैं, तब दोनों सतहों के बीच में घर्षण पैदा होता है। जैसे-जैसे बल बढ़ाया जाता है घर्षण भी वैसे ही बढ़ता जाता है, बल बढ़ते-बढ़ते एक ऐसी अवस्था आती है कि जब ठोस अपनी रूकी अवस्था से सतह पर ठीक चलने वाला ही होता है, तो उस अवस्था में घर्षण बल अपनी अधिकतम सीमा तक पहुंच जाता है, जो कि वस्तु को चलने से रोकने की कोशिश करता है। इस अधिकतम घर्षण बल को सीमान्त घर्षण (Limiting Friction) कहते हैं।
किसी वस्तु का सीमान्त घर्षण वस्तु पर लगाए गए बाहरी बल के बराबर होता है, जबकि वस्तु ठीक चलने वाली होती है।
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किसी वस्तु पर लगाए गए बाहरी बल को अंग्रेजी के अक्षर ‘P’ द्वारा तथा सीमान्त घर्षण बल को अंग्रेजी के अक्षर ‘F’ द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
सन्तुलन की अवस्था में सीमान्त घर्षण बल और वस्तु पर लगाया गया बल एक-दूसरे के बराबर होते हैं।
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F = P
सीमान्त घर्षण के नियम
यह निम्न प्रकार से हैं-
- सीमान्त घर्षण बल सम्पर्क सतहों की प्रकृति व स्थिति पर निर्भर करता है।
- यह वस्तु की गति की विपरीत दिशा में काम करता है।
- यह बल अभिलम्ब प्रतिक्रिया के समानुपाती होता है।
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Good sar ji