दाँतों की सैटिंग क्या है?
ब्लेड को उसके द्वारा काटी गई झिर्री (Groove) में फँसने से बचाने के लिए उसके दाँतों को दोनो ओरup मोड़ दिया जाता है, जिससे किउ सके द्वारा कटने वाली झिर्री की चौड़ाई ब्लेड की मोटाई से अधिक होती है। इस प्रक्रिया को दाँतों की सैटिंग (Setting of teeth)कहा जाता है।
सैटिंग करने से ब्लेड अपने द्वारा बनाई गई झिर्री में नहीं फँसता तथा घर्षण (Friction) भी कम हो जाता है।
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दाँतों की सैटिंग के प्रकार
1.सिंगल स्टैगर्ड सैटिंग(Single Staggered Setting)
इस प्रकार की सैटिंग में एक दाँत दायीं ओर तथा दूसरा दाँत बायीं ओर को मोड़ा जाता है, इस प्रकार की सैटिंग में प्रत्येक चार दाँतो के बाद पाँचवाँ दाँत सीधा रखा जाता है।
2.डबल स्टैगर्ड सैटिंग(Double Staggered Setting)
इस सैटिंग में दो दाँते बायीं (Left) ओर मोड़ने के बाद दो दाँते दायीं (Right) ओर मोड़े जाते हैं, इसके बाद पाँचवाँ दाँता (teeth) सीधा छोड़ दिया जाता है।
3.वेव या जिग-जैग सैटिंग(Wave or Zig-Zag Setting)
इस प्रकार की सैटिंग में दाँतो को एक लहर (Wave) के आकार में सैट किया जाता है, यह सैटिंग फाइन पिच के ब्लेडों में की जाती है।
हैक्सॉ ब्लेड का ग्रेड(Grade of Hacksaw Blade)
हैक्सॉ ब्लेड के दाँतो को मोटे तथा बारीक पिच का बनाया जाता है, जिसे हैक्सॉ ब्लेड का ग्रेड (Grade Of Hacksaw Blade) कहते हैं। भिन्न-भिन्न कार्यों के लिए अलग-अलग ग्रेड के हैक्सॉ ब्लेड प्रयोग किए जाते हैं।
1.रफ या कोर्स पिच ब्लेड
इस हैक्सॉ ब्लेड में 1सेमी(10मिमी) लम्बाई में 8 दाँते काटे जाते हैं। इस पिच का ब्लेड मुलायम धातु को आसानी से काटता है; जैसे- ताँबा,माइल्ड स्टील आदि।
2.मीडियम पिच ब्लेड
इस ब्लेड में 1सेमी लम्बाई में 10 दाँते कटे होते हैं। इसके द्वारा कास्ट आयरन, टूल स्टील, हाई कार्बन स्टील, एल्युमीनियम आदि धातु को आसानी से काटता है।
3.फाइन पिच ब्लेड
इस ब्लेड में 1सेमी लम्बाई में 14 दाँते कटे होते हैं। इसके द्वारा कठोर एल्युमीनियम, पीतल, ताँबा आदि काटे जाते हैं।
4.वेरी फाइन पिच ब्लेड
इस ब्लेड में 1सेमी लम्बाई में 18 दाँते कटे होते हैं। इसके द्वारा पाइप, पीतल, कठोर स्टील (Hard Steel) आदि काटे जाते हैं।
हैक्सॉ को उपयोग करने की विधि
- जॉब पर कटिंग लाइन (Cutting Line) की मार्किंग करनी चाहिए।
- जॉब को वाइस (Vice) में इस प्रकार बाँधना चाहिए कि हैक्सॉ कहीं अटके नहीं और कटिंग लाइन साफ दिखाई देती रहे , जिससे कि उसी दिशा में बराबर मॉनिटरिंग होती रहे।
- जॉब की कटिंग सतह वाइस में 5-6 मिमी अधिक दूर नहीं होनी चाहिए अन्यथा चैटरिंग (Chattering) आती है।
- जॉब की धातु तथा मोटाई के अनुसार ब्लेड का चयन (Choose) करना चाहिए; जैसे- स्टील के जॉब के लिए हाई स्पीड स्टील का ब्लेड चुनना चाहिए जबकि एल्युमीनियम के लिए हाई कार्बन स्टील (High Carbon Steel) का ब्लेड चुना जा सकता है।
- ब्लेड को फ्रेम में फिट करते समय उसके दाँतों का झुकाव आगे की ओर (अर्थात् फ्लाई नट की दिशा में) रखना चाहिए।
- इससे हैक्सॉ अगले स्ट्रोक (Forward Stroke) में कटिंग करती है।
प्रयोग में सावधानियाँ
- जहाँ कटिंग (Cutting) शुरू करनी है वहाँ रेती से ‘वी’ ग्रूव बना लेना चाहिए। इससे ब्लेड इधर-उधर नहीं भागेगा। दूसरे जहाँ कटिंग लाइन है उसके पास बाएँ हाथ का अँगूठा रखकर उसके नाखून से निर्देशन (Guidance) लेते हुए ग्रूव बना लेना चाहिए।
- हैक्सॉइंग (Hacksawing) करते समय दाएँ हाथ से हैक्सॉ का हैण्डिल पकड़कर आगे-पीछे चलाने के लिए जोर लगाना चाहिए। साथ ही बाएँ हाथ से फ्रेम को आगे से सहारना चाहिए।
- हैक्सॉइंग करते समय मात्र फॉरवर्ड स्ट्रोक (Forward Stroke) दबाव डाला चाहिए, क्योंकि केवल फॉरवर्ड स्ट्रोक में ही कटाई होती है।
- चिमन धातुओं को काटते समय शीतलक (Coolant) या पानी (Water) का उपयोग करते हैं, जिससे ब्लेड अधिक गर्म न हो पाए। कास्ट आयरन में कोई कूलैन्ट प्रयोग नहीं किया जाता जबकि एल्युमिनियम के लिए कैरोसीन (Kerosene) का प्रयोग करते हैं।
- कटिंग करते समय झटके से हैक्सॉ (Hacksaw) को नहीं चलाना चाहिए। हैक्सॉ फ्रेम (ब्लेड) हमेशा सीधे चलाना चाहिए। टेड़ा होने पर कटाई टेढ़ी होगी तथा ब्लेड फँसकर टूट सकता है।
6.ब्लेड के टूटने पर पुराने कट में नया ब्लेड नहीं चलाना चाहिए, यह फँसकर टूट सकता है।
7.ब्लेड की पूरी लम्बाई को प्रयोग करना चाहिए।
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