दोस्तों, अल्टरनेटर के प्रकार प्राइम – मूवर के आधार पर, फेज की संख्या के आधार पर, घूमने वाले भाग के आधार पर, उत्तेजना विधि के आधार पर व पोल की संख्या के आधार पर किया जाता है।
अल्टरनेटर कितने प्रकार के होते हैं?
दोस्तों, Alternator निम्न प्रकार के होते हैं, जिनके बारे में नीचे बताया गया है-
1.प्राइम – मूवर के आधार पर
किसी भी Alternator के घूमने वाले भाग को घुमाने के लिए, जिस Mechanical System का उपयोग किया जाता है, उसे प्राइम – मूवर (Prime – mover) कहते हैं।
इसके आधार पर अल्टरनेटर निम्न प्रकार के होते हैं-
(i)स्टीम टरबाइन अल्टरनेटर
इस प्रकार के Alternator के रोटर को घुमाने के लिए Steam की तीव्र धारा से चलने वाली Turbine का यूज किया जाता है। इसके लिए जल वाष्प को बनाने के लिए बॉयलर का उपयोग किया जाता है।
बॉयलर में जल वाष्प तैयार करने के लिए कोयला, गन्ने की खोई आदि का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा विकल्प के आधार पर Steam Engine का भी उपयोग किया जा सकता है।
Steam – Turbine की घूर्णन गति, Water – Turbine की घूर्णन गति की अपेक्षा अधिक होती है। अतः Alternator के आर्मेचर में पोल्स की संख्या कम रखी जाती है।
(ii)वाटर टरबाइन अल्टरनेटर
इस प्रकार के अल्टरनेटर के Rotor घुमाने के लिए वाटर टरबाइन उपयोग की जाती है। Water – Turbine को घुमाने के लिए जल या Water की तीव्र धारा की आवश्यकता होती है।
जिसके लिए किसी नदी, नहर आदि पर बांध बनाकर जल को इकट्ठा करके, ऊंचाई से गिराकर तैयार किया जाता है। इस प्रकार के अल्टरनेटर की घूमने की गति कम होती है और इसकी पूर्ति के लिए आर्मेचर में Poles की संख्या अधिक रखी जाती है।
(iii)ऑयल इंजन अल्टरनेटर
आजकल के समय में अल्टरनेटर को घूर्णन गति देने के लिए डीजल या मिट्टी के तेल से चलने वाले इंजन का यूज किया जाता है।
जैसे- विवाह उत्सव, मेला, प्रदर्शनियों व त्योहारों में आवश्यक विद्युत के लिए ऑयल इंजन अल्टरनेटर को उपयोग में लाया जाता है। इसके अलावा शहरों में बड़ी-बड़ी दुकानों या घरों में पावर कट जाने से आवश्यक प्रकाश के लिए ट्यूब लाइट को जलाने के लिए उपयोग में लाया जाता है।
2.फेजों की संख्या के आधार पर
इसके आधार पर Alternator विभिन्न प्रकार के होते हैं-
(i)सिंगल फेज अल्टरनेटर
यह आकार में छोटे होते हैं और इनका use सामान्यतः विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा वैकल्पिक श्रोत के रूप में किया जाता है।
(ii)पॉली फेज अल्टरनेटर
इस प्रकार के Alternator में three windings होती हैं, जो कि एक दूसरे से 120 के योग पर fixed की जाती है।
(iii)डैम्पर वाइण्डिग
Damper Winding एक दोष होता है, जो कि 3 – Phase Alternator में पाया जाता है। इस दोष से लोड का मान बदले पर क्षणिक रूप से अल्टरनेटर की सम्पूर्ण गति भी बदल जाती है, इस दोष को फेज स्विमिंग या फेज (Phase Swinging or hunting) कहते हैं।
जिन अल्टरनेटर में यह दोष पाया जाता है तब उसको दूर करने के लिए रोटर पोल्स में Temper Windings स्थापित की जाती है।
3.घूमने वाले भागों के आधार पर
इसके आधार पर अल्टरनेटर निम्न प्रकार के होते हैं-
(i)रोटेटिंग आर्मेचर अल्टरनेटर
इस प्रकार के अल्टरनेटर का आर्मेचर, fixed magnetic Area के बीच घूर्णीय गति करता है। इसमें आर्मेचर वाइण्डिंग में उत्पन्न हुआ विद्युत वाहक बल दो स्लिप रिग्स के द्वारा बाहरी परिपथ को दिया जाता है। Rotating Armature Alternator की संरचना DC Generator के समान होती है। इसका use कम Power वाले अल्टरनेटर के रूप में किया जाता है।
(ii)रोटेटिंग फील्ड अल्टरनेटर
इस प्रकार के अल्टरनेटर का भी आर्मेचर, fixed magnetic Area के बीच घूर्णीय गति करता है। इसमें आर्मेचर वाइण्डिंग में उत्पन्न हुए विद्युत वाहक बल सीधे ही बाहरी लोड को प्रदान किया जाता है। यह Rotating Field Rotor कहलाता है।
4.उत्तेजना विधि के आधार पर
इसके आधार पर अल्टरनेटर दो प्रकार के होते हैं, जो कि निम्न प्रकार से हैं-
(i)स्व-उत्तेजित अल्टरनेटर
जिस Alternator में Rotor Windings को उत्तेजित करने के लिए DC Supply, उसके Rotor Shaft पर स्थापित शंट अथवा कमाण्ड DC Generator के द्वारा प्रदान की जाती है, वह स्व-उत्तेजित अल्टरनेटर कहलाता है।
इसकी श्रेणी में बहुत छोटे आकार के Alternator आते हैं, जैसे- मैग्नेटो (Magneto) आदि।
Magneto में स्थायी चुम्बक युक्त रोटर का यूज किया जाता है।
(ii)पृथक-उत्तेजित अल्टरनेटर
जिस Alternator में Rotor Windings को उत्तेजित करने के लिए DC Supply, पृथक DC Generator अथवा Battery (🔋) द्वारा प्रदान किया जाता है, वह पृथक-उत्तेजित अल्टरनेटर कहलाता है।
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