Pliers kya hai in hindi:- यह एक हैण्ड टूल है, यह प्लास के नाम से भी जाना जाता है। यह कास्ट स्टील का बनाया जाता है। दोस्तों, मेरी वेबसाइट में आपका स्वागत है, मैंने इस पोस्ट में प्लायर क्या है? प्लायर के प्रकार आदि के बारे में बताया है, यदि आप जानकारी पाना चाहते हो तो पोस्ट को पूरा पढ़ें।
प्लायर क्या है?
यह एक प्रकार का हैण्ड टूल है, इनको तार काटने, छीलने व मोड़ने के लिए उपयोग में लाया जाता है। और इनका उपयोग छोटे-छोटे जॉबों को पकड़ने के लिए किया जाता है। प्लायर को हिंदी भाषा में सरौता कहा जाता है। प्लायर को दो भागों को जोड़कर बनाया जाता है। इन दोनों भागों को जोड़ने के लिए रिवेट का उपयोग किया जाता है।
मैटीरियल
यह कास्ट स्टील या कार्बन स्टील के ड्रा फोर्जिंग विधि द्वारा बनाए जाते हैं। प्लायर का साइज जबड़ों की लम्बाई से ज्ञात किया जाता है।
प्लायर के पार्ट्स
यह मुख्यत: निम्न प्रकार के होते हैं-
1.हैण्डिल
प्लायर के इसी भाग को हाथ से पकड़कर मूवमेंट कराया जाता है। यह एक सेट में दो पीस होते हैं। इसी के अंत में जबड़े जुड़े होते हैं। इस भाग के ऊपर प्लास्टिक का कवर चढ़ा होता है, जो कि हमें इलेक्ट्रिक शॉक से बचाता है।
2.जबड़े
इस भाग के द्वारा आवश्यक जॉब को पकड़ा जाता है। और आवश्यक प्रोसेस के अनुसार तार को काटा, छीला व मोड़ा जाता है। और इसका उपयोग कील, स्क्रू व बोल्ट को कसने व लगाने में किया जाता है। यह हार्ड व टेम्पर किए जाते हैं।
3.रिवेट
जबड़े व हैण्डिल के बीच में होल होता है, इस होल में रिवेट को डालकर जोड़ा जाता है। जिससे यह काम करने योग्य हो जाता है।
प्लायर के प्रकार
यह निम्न प्रकार के होते हैं-
1.लांग नोज प्लायर
इस प्रकार के प्लायर्स के जबड़े लम्बे होते हैं, इसलिए इनको लांग नोज प्लायर कहते हैं। इनका अधिकतर उपयोग रेडियो व बिजली मिस्त्री करते हैं। इनका उपयोग ज्यादा तंग स्थानों पर किसी पार्ट को पकड़ने के लिए किया जाता है।
2.स्लिप ज्वाइंट प्लायर
इस प्रकार के प्लायर्स के जबड़े एडजस्ट हो जाते हैं, इसलिए इनके द्वारा अधिक बड़े साइज के जॉबों को आसानी से पकड़ा जा सकता है। इनके जबड़े दो तरीके के होते हैं, जबड़े के आगे साइड में दांते बने होते हैं, तथा पीछे साइड में रिवेट के पास गोलाई में गैप होता है। दांते वाले स्थान से प्लेन जॉब को पकड़ सकते हैं, और गोलाई वाले स्थान से पाइप को पकड़ सकते हैं।
3.साइड कटिंग प्लायर
इस प्लायर को फ्लैट नोज प्लायर भी कहते हैं। इन प्लायर के दोनों जबड़ो के बीच में कटिंग एज बनी होती है। इस प्लायर का उपयोग तारों व शॉफ्ट धातु की चादरों को काटने के लिए किया जाता है।
4.डायगनल प्लायर
यह एक प्रकार का स्पेशल प्लायर होता है, इसका अधिकार उपयोग बिजली मिस्त्री करते हैं। इसके द्वारा बिजली के तारों को आसानी से काटा जाता है।
प्लायर की सावधानियाँ
- प्लायर पर कभी भी हैमर से ठोंक पीट नहीं करनी चाहिए।
- इसको उपयोग करने से पहले, इस पर लगे ऑयल को अच्छी तरह साफ कर लेना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया, तो उपयोग करते समय स्लिप होने की संभावना बनी रहती है।
- इसको उपयोग करने के पश्चात तेल लगाकर रखना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया, तो जंग लग सकती है।
- काम के अनुसार, प्लायर को चुनकर उपयोग में लाएं।
- प्लायर के कटर को साफ-सुथरा रखना चाहिए।
- इसको उपयुक्त स्थान व बॉक्स में रखना चाहिए।
- किसी कारणवश प्लायर पर जंग लग जाए, तो जंग को फाइन वुल से साफ कर देना चाहिए।
- यदि रिवेट ढीला हो तो उसको टाइट कर लेना चाहिए।
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